रविवार, 30 मार्च 2008

१२ पर्यावरण समाचार

अंतर्राष्ट्रीय नदी महोत्सव के निष्कर्षो को सरकार लागू करेगी

म.प्र. के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि अंतर्राष्ट्रीय नदी महोत्सव के दौरान हुए विचार-विमर्श के बाद निकले निष्कर्षोको चरणबद्ध ढंग से राज्य सरकार लागू करेगी । उन्होंने बताया कि नर्मदा परिक्रमा पथ का विकास किया जायेगा । वे होशंगाबाद जिले नर्मदा तवा संगम स्थल बांद्राभान में अंतर्राष्ट्रीय नदी महोत्सव को संबोधित कर रहे थे । श्री चौहान ने कहा कि नर्मदा और तवा के संगम तट पर आयोजित अंतराष्ट्रीय नदी महोत्सव में नदी संरक्षण पर चिंतन करने एकत्र हुए देश-विदेश के विद्बतजनों द्वारा चिंतन-मनन किया गया । नर्मदा नदी और अन्य नदियों के संरक्षण के लिए विषय विशेषज्ञों के चिंतन से प्राप्त् निष्कर्षोको राज्य सरकार चरणबद्ध ढंग से लागू करेगी । इसके लिए सभी साधन उपलब्ध कराये जायेंगे और धनराशि की कमी नहीं आने दी जायेगी । उन्होंने कहा कि नदी संरक्षण, जल संवर्धन का कार्य सरकार जनसहयोग से करने के लिए कृतसंकल्प है । श्री चौहान ने भारतीय संस्कृति में नदियों के महत्व का उल्लेख करते हुए कहा कि आज भी नर्मदा के तटों और इसके आसपास के क्षेत्रों के ग्रामों में ग्रामीणों द्वारा नर्मदा नदी की स्तुति की जाती है । भारतीय जनमानस में नदी के प्रति श्रृद्धाभाव देखते ही बनता है । उन्होंने नर्मदा परिक्रमा पथ को विकसित करने की बात भी कही । उन्होंने कहा कि नर्मदा परिक्रमा पथ में पुल-पुलियों तथा विश्राम गृह आदि का निर्माण नियोजित ढंग से किया जायेगा । मुख्यमंत्री ने महोत्सव में शामिल हुए विद्वतजनों और पर्यावरण प्रेमियों को आशस्त करते हुए कहा कि नर्मदा नदी सहित अन्य सभी नदियों को उद्योगों के प्रदूषण से मुक्त रखा जायेगा । उन्होंने कहा कि विकास और समृद्धि के लिए औद्योगिकीकरण जरूरी है परन्तु उद्योगों से नदियों को प्रदूषित नहीं होने दिया जायेगा । उन्होंने कहा कि बांध कैसे बनायें, बड़े बांध, छोटे अथवा मध्यम बांध इस पर चिंतन की जरूरत है । मुख्यमंत्री ने कहा कि भूजल कम होना चिंता का विषय है । सरकार द्वारा किसानों को खेत का पानी खेत में रोकने के लिए तालाब निर्माण की राशि ५० हजार से बढ़ाकर ८० हजार रूपये कर दी गई है ।***

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