रविवार, 16 अप्रैल 2017

पर्यावरण समाचार
 
बदनावर के समीप प्रस्तावित वंडर सीमेन्ट कारखाने का विरोध
    मध्यप्रदेश के धार जिले के बदनावर कस्बे के समीप खेरवास गांव में प्रस्तावित वंडर सीमेन्ट कारखाने का क्षेत्र में भारी विरोध हो रहा है ।
    पिछले दिनों उद्योग स्थल पर आयोजित जनसुनवाई के दौरान जिले के अतिरिक्त कलेक्टर डी.के. नागेन्द्र एवं मध्यप्रदेश प्रदूषण निंयत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय प्रबंधक ए.के. बिसेन की उपस्थिति में सैकड़ों ग्रामवासियों ने उद्योग से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण और उपजाऊ कृषि भूमि के बंजर होने के खतरे को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई ।
    आक्रोशित ग्रामीणों का नेतृत्व पर्यावरण बचाओ समिति प्रमुख जीपी सिंह ने किया । इस मौके पर आसपास के ग्राम खेरवास, धमाना, कल्याणपुरा, बेंगदा, पालीबडौदा, खेडा व बदनावर समेत अन्य दूरदराज गांवों के लोग भी मौजूद थे । लोगों ने अधिकारियों को उद्योग से होने वाले नुकसान से अवगत कराया तथा इससे भविष्य में आसापास के क्षेत्र को होने वाले गंभीर पर्यावरणीय नुकसान के बारे मेंबताया । जनसुनवाई में अधिकारियों ने ग्रामीणों से उद्योग के संबंध में उनकी राय जानी जिसमें सभी लोगों ने एकमत होकर उद्योग का स्थान बदलने की मांग रखी ।
    इस अवसर पर श्री सिंह ने बताया कि प्रारंभिक अनुमति के लिए वंडर सीमेंट कंपनी ने कई असत्य जानकारी संबंधित विभागों में प्रस्तुत की जिससे कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि निर्माणाधीन स्थल से ३.७५ किमी पर रेलवे स्टेशन बदनावर बताया, जबकि बदनावर में रेलवे लाईन ही नहीं है । प्रमुख फसलों में ज्वार, मक्का, बजारा बताया    गया । जबकि यह फसले मालवा की इस उपजाऊ भूमि में नहीं होती है । साथ ही बताया गया कि उक्त स्थान से १० किमी तक कोई भी पुरातत्व अधीन मन्दिर नहीं है । जबकि वैजनाथ महादेव एवं नागेश्वर महादेव मन्दिर ३ से ४ कि.मी. सीमा में स्थित है । उद्योग की स्थापना की प्रस्तावित भूमि काली मिट्टी व पर्याप्त् भूजल वाले स्थान पर है । इस प्रकार गलत तथ्यों के आधार पर अनुमति लेने के प्रयासोंकी उपस्थित जनसमूह द्वारा कड़ी निंदा की गयी ।
    इस मौके पर पूर्व विधायक राजवर्धनसिंह दत्तीगांव ने प्रस्तावित उद्योग के स्थान से हटाए गए गरीब वर्ग के लोगों के आवास की तुरन्त व्यवस्था करने व इस उद्योग के लिए बदनावर के आदिवासी बहुल पश्चिम क्षेत्र में पथरीली व अनुपयोगी काफी शासकीय भूमि स्थित है वहां उद्योग स्थानान्तरित करने का सुझाव    दिया ।
    वंडर सीमेंट उद्योग के संचालक  बी पाटीदार, सीएस शर्मा व नवीनसिंह ने उद्योग के पक्ष में तर्क प्रस्तुत किए व संभावित दुष्परिणामों को स्वीकार किया । इस अवसर पर नगर परिषद अध्यक्ष अभिषेक मोदी, हेमन्त मोदी, भाजपा नेता धर्मेन्द्र शर्मा, डॉ. अभिषेक सिंह राठौर, उपसरपंच कांजी पटेल, मोहन मुकाती, ओमप्रकाश जाट, धमाना के सोहनसिंह, गोविन्द गुर्जर, काछीबड़ोदा के पूर्व सरपंच जितेन्द्रसिंह राठौर समेत कई लोगों ने सम्बोधित किया । इस मौके पर ग्रामीणों ने उद्योग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की तथा पोस्टर लहराए । करीब २ घंटे तक लोगों ने उद्योग के विरोध मेंअपनी बात    रखी । बाद में अपर कलेक्टर एवं एसडीएम श्रीमती एकता जायसवाल ने कहा कि वे ग्रामीणों की शिकायतों एवं उनकी भावनाआें को वरिष्ठ अधिकारियों एवं संबंधित विभाग में पहुंचाएंगे । सरकार द्वारा जनभावनाआें का सम्मान करते हुए निर्णय लिया जावेगा ।
नोटबंदी के बाद ५४०० करोड़ रूपये की काली कमाई उजागर
    देश में गतवर्ष नोटबंदी के बाद से १० जनवरी तक विभिन्न जांच एजेंसियों ने ५४०० करोड़ रूपये की काली कमाई का पता लगाया है । सरकार ने यह जानकारी सुप्रीम कोर्ट को एक हलफनामे में दी ।
    सरकार ने कोर्ट को कालाधन छिपाने के लिए अपनाए गए विभिन्न अनुचित तरीकोंके बारे में भी बताया । इनमें बंद हो चुके नोटों से सोने की खरीदी शामिल है । नोटबंदी की ९ नवम्बर से ३० दिसम्बर २०१६ की अवधि बीतने के बाद विभिन्न एजेंसियों द्वारा देशभर में मारे गए छापों के बारे में भी जानकारी दी   गई । आयकर ने ३१ जनवरी को आपरेशन क्लीन मनी शुरू किया । इसमें नोटबंदी के दौरान बैंक खातों में जमा कराए गए धन का तकनीकी की मदद से विश्लेषण किया गया । वित्त मंत्रालय ने शपथ पत्र देकर बताया है कि ९ नवम्बर २०१६ से १० जनवरी २०१७ तक  विभाग ने विभिन्न लोगों के यहां ११०० से ज्यादा छापे मारे । बड़े पैमाने पर संदिग्ध नकदी जमा कराने वाले ५१०० लोगों को नोटिस दिए गए ।

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