गुरुवार, 22 दिसंबर 2016

पर्यावरण समाचार
टाइम की तस्वीरों में गांधी का चरखा
महात्मा गांधी की चरखे के साथ १९४६ में ली गई तस्वीर की टाइम मैगजीन ने इतिहास की उन १०० तस्वीरों में शामिल किया है जिन्होनें दुनिया का बदल दिया । महात्मा गांधी की ये ब्लैक एण्ड व्हाईट तस्वीर अमेरिकी फोटोग्राफर मागरेट बर्क व्हाईट ने ली थी । 
तस्वीर में चश्मा लगाए महात्मा गांधी फर्श पर बैठे हुए कुछ पढ़ रहे हैं और उनके सामने सूत कातने वाला चरखा रखा हुआ है । मूलत: ये तस्वीर भारतीय नेताआें से जुड़ी एक खबर से ली गई है लेकिन १९४८ में महात्मा गांधी की हत्या के बाद इस तस्वीर का इस्तेमाल उनको दी गई कई श्रद्धांजलियों में किया गया था । 
टाइम मैगजीन ने तस्वीर पर टिप्पणी करते हुए लिखा है, बहुत जल्द ये एक अमिट छवि बन गई, इसमें सविनय अवज्ञा के प्रणेता अपने सबसे शक्तिशाली हथियार के साथ    है । इससे उपमहाद्वीप से बाहर गांधी की शांतिदूत की छवि पुख्ता हुई । 
टाइम मैगजीन ने १०० सबसे प्रभावशील तस्वीरों में १०० सबसे प्रभावशाली तस्वीरों में १८२० से लेकर २०१५ तक ली गई तस्वीरों का शामिल किया है । टाइम के अनुसार ये छवियां मानवीय   स्मृतियों में हमेशा के लिए दर्ज हो गई है ।
शहरी क्षेत्रों में कचरा जलाने पर जुर्माना
मध्यप्रदेश में फैलते प्रदूषण पर कुछ हद तक रोक लगाने के लिए राज्य सरकार ने कड़े कदम उठाने का निर्णय लिया है । इसके तहत शहरी क्षेत्र में यदि कोई व्यक्ति घरेलू कचरा, फूल-पत्ती, कृषि अवशेष, प्लास्टिक-पोलिथीन, टायर-ट्यूब, कागज आदि जलाते पाया जाता है, तो ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ जुर्माना लगाने का प्रावधान किया है । 
सरकार ने नगरीय ठोस अपशिष्ट नियम २०१६ लागू करते हुए नगरीय निकाय क्षेत्रों में अपशिष्ट जलाने संबंधी घटनाआें की जांच के लिए भी निरीक्षण दल गठित करने के आदेश दिए है । कृषि अवशेष, बायोमास जैविक खाद आदि जलाने योग्य अपशिष्टों का उपयोग पावर प्लांट की स्थापना कर कचरे को नष्ट करने की व्यवस्था लागू करने को कहा    है । 
देश की राजधानी दिल्ली शहर में दीपावली की रात्रि से लगभग एक पखवाड़े तक छाई रही धुंध से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया था । इससे सबक लेते हुए म.प्र. सरकार ने भी प्रदूषण को फैलने से रोकने के लिए शहरी क्षेत्रों के लिए नगरीय ठोस अपशिष्ठ नियम २०१६ लागू किया  है । आदेशों में कहा गया है कि निकाय क्षेत्र में सभी प्रमुख सार्वजनिक स्थल जहां पर शाम या रात्रि में ठंड के समय में गर्मी के लिए कचरे को जलाते हैं, उक्त स्थानों पर नियमानुसार अलाव की व्यवस्था कराई जाए । घरेलू कचरे एवं अन्य कूडे को जलाने पर रोक लगाई   जाए । 
निकाय क्षेत्र में प्रतिदिन कचरा संग्रहण केन्द्र पर एकत्रित कचरे मे आग लगने अथवा आग लगाने पर नियंत्रण के लिए आवश्यक व्यवस्था की स्थापना कराई जाकर संलग्न व्यक्ति को प्रशिक्षण दिया जाए व आकस्मिक दुर्घटना पर नियंत्रण के लिए व्यवस्था स्थापित की जाए । कचरा और अपशिष्ठ उसी दिन रात्रि के पूर्व स्थल से हटा जाए ताकि वह जलाने के लिए उपलब्ध न हो सके । निकाय क्षेत्र में पंजीकृत सुरक्षा एजेंसियों, सर्विस प्रोवाइडर संस्थानों, ठेकेदारों को निर्देशित किया जाए कि उनके द्वारा विशेष जन-जागृति अभियान चलाकर कर्मचारियों द्वारा नगरीय अपशिष्ठ को जलाने संबंधी कृत्यन किए जाने प्रेरित किया   जाए ।
प्रदूषण के खिलाफ मंहगी जागरूकता
मध्यप्रदेश की हवा शुद्ध करना काफी महंगा साबित हो रहा   है । इस दिशा में केवल लोगों को जागरूक करने के कार्य में पिछले तीन साल में ६ करोड़ रूपये खर्च हुए है । मध्यप्रदेश सरकार के क्लीन मेकेनिज्म डेवलपमेंट अभिकरण के प्रयासों के बावजूद प्रदेश मेंकार्बन उत्सर्जन लगातार बढ़ रहा है । इसके लिए एप्को (प्रदेश की प्रमुख पर्यावरण संस्था) मेंअलग से क्लायमेंट चेंज सेल बनाई गई है । 
इन्दौर की ३३० बावडियों की सफाई के लिए एप्को ने ५ करोड़ का प्रोजेक्ट बनाया था जो नवम्बर २०१६ तक खत्म होना था । अभी तक इसमें कितना काम हुआ इसकी कोई जानकारी नहीं है ।

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