रविवार, 15 मार्च 2015

पर्यावरण समाचार
घड़ियालों के लिये दिल्ली में मंथन
सोन घड़ियाल अभयारण्य में घड़ियालों का अस्तित्व बचाने और विकास बढ़ाने के लिए केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की दिल्ली में बैठक हुई । इसका कोई खास नतीजा नहीं निकला । ३ राज्यों के अधिकारियों और केन्द्रीय जल संसाधन विभाग की बैठक में बाणसागर बांध से छोड़े जाने वाले पानी के निर्धारण, सोन घड़ियाल अभयारण्य से घड़ियालों के लिए आवश्यक पानी की मात्रा का अनुपात लिया गया है । एनजीटी द्वारा पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को २० अप्रैल तक का समय दिया गया है । बैठक में बिहार की ओर से कोई भी प्रतिनिधि उपस्थित नहीं  हुआ । 
गौरतलब है सोन नदी में बाणसागर बांध से पानी का बहाव कभी कम तो कभी ज्यादा हो जाता है । इससे घड़ियाल का अस्तित्व संकट में होने के साथ ही विकास प्रभावित हो रहा है । इसको लेकर नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूलन भोपाल बेंच ने १४ जनवरी को पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को आदेश दिया था कि अभयारण्य में इतना पानी रहे कि घड़ियाल सहित अन्य जल प्राणी आ जा सकें । उनका संसर्ग व प्रजनन हो सके । आदेश के केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने दिल्ली में ३ राज्यों के अधिकारियों एवं केन्द्रीय जल संसाधन विभाग की बैठक बुलाई । बैठक में बिहार से कोई भी प्रतिनिधि नहीं आया । सोन घड़ियाल से होकर बाणसागर बांध का पानी मुख्यत: बिहार राज्य के लिए ही छोड़ा जाता है । 
रहने के लिए सस्ता शहर है बेंगलुरू
देश के आईटी हब से मशहूर बेंगलुरू रहने के लिए दुनिया में सबसे सस्ते शहरों में से एक हैं । यही नहीं पाकिस्तान की वित्तीय राजधानी कराची भी सबसे सस्ते शहरों में है । 
एक इकोनॉमिक इटेलिजेंस यूनिट नामक संगठन ने वैश्विक स्तर पर किए गये अपने सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह बात कही है । न्यूयॉर्क को आधार मानते हुए दुनिया के कुल १३३ शहरों के बीच वर्ल्डवाइड कॉस्ट ऑफ लिविंग रिपोर्ट २०१५ के सर्वे में यह जानकारी सामने आई है । इस सूची के अंतिम छ: सस्ते शहरोंमें चार भारतीय है । 

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