सोमवार, 26 जनवरी 2009

१२ कवितापर्यावरण

पर्यावरण सही

ए.बी.सिंह

पर्यावरण सही रहे, दुख कम हो तत्काल ।सुख से कटती जिन्दगी, ऐसे सालों साल ।।जब तक रहता सन्तुलन , प्रकृति दे सके साथ।पर्यावरण बिगाड़ कर , नहीं कटाओ हाथ ।।जीव जन्तु पलते रहें, पेड़ रहें हर ओर ।पर्यावरण तभी सही, जाये कोई छोर ।।पर्यावरण अगर सही, अच्छी हो बरसात ।दिन अच्छा कटने लगे, बीते अच्छी रात ।।धरती अच्छी दिख सके, जल रोके हर ओर ।पर्यावरण भला बने, मन में बढ़ता जोर ।।पर्यावरण जहां सही, बसते जा कर लोग ।उसी जगह जा कर लगे, मेला चलता भोर ।।रोग भगाने के लिये, रखो स्वच्छता ध्यान ।पर्यावरण सही रहे ,नहीं पड़े व्यवधान ।।पर्यावरण सभी तरह, यह देता है ज्ञान ।इसका जब नुकसान हो, सब का हो नुकसान ।।जहां जीव जल वन रहें, जीवों की भरमार ।पर्यावरण समझ सही, सब का जीवन पार ।।पर्यावरण सही रहे, अगर लगाओ पेड़ ।ऐसा होना चाहिये, हर खेतों की मेड़ ।।पर्यावरण सही अगर, प्रकृति न हो नाराज ।नहीं सुनामी का कभी, आ सकता तब राज ।।सब का तब अच्छा रहे, जग आचार विचार ।जब अच्छा पर्यावरण, हो अच्छी बौछार ।।सामाजिक जब चेतना, सब का हो तब ध्यान ।तब जग पर्यावरण की, राह सही आसान ।।परत सदा रखना सही, जो रहती ओजोन ।गलत जहां पर्यावरण, इसे बचाये कौन ।।शुद्ध मिले पानी हवा, घर का हो आटा दाल ।नहीं दिखावे में कभी , हरियाली को काट ।।
***

कोई टिप्पणी नहीं: