गुरुवार, 18 अगस्त 2016

सम्पादकीय 
२६ जनवरी १९३० को मना पहला स्वतंत्रता दिवस
भारत को ब्रिटिश शासन से आजादी १५ अगस्त १९४७ को मिली और तबसे हम हर साल १५ अगस्त को आजादी का पर्व मनाते हैं । लेकिन अधिकांश भारतीयों की जानकारी में ये नहीं है कि हमारा पहला स्वतंत्रता दिवस २६ जनवरी १९३० को मनाया गया था । 
दिसम्बर १९२९ में लाहौर में रावी के तट पर हुए कांग्रेस अधिवेशन मेंमहात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू सहित अन्य नेताआें ने महत्वपूर्ण निर्णय किया कि हर साल जनवरी के आखिरी रविवार को आजादी का दिन मनाया जाएगा । गांधीजी ने सलाह दी कि ये संदेश देश के हर शहर, हर गांव तक पहुंचाया जाए । तय हुआ कि २६ जनवरी को पूरे देश में समारोह की शुरूआत राष्ट्रीय झण्डा फहराकर की जाए । दिन में बाकी समय रचनात्मक कार्यो में बिताया जाए । लोग अपने-अपने वार्डो एवं गांवों में सफाई करें, चरखा चलाएं, अछूत समझे जाने वाले लोगों की सेवा कर उन्हें भी भारत का सम्मानित नागरिक होने का सम्मान दें । 
ये संदेश देश में तेजी से फैला। २६ जनवरी१९३० को लोग अपने गांव, शहर, कस्बों में घरों से निकलकर एक जगह इकट्ठा हुए । देशवासियों की छटपटाहट और उत्साह देख अगं्रेज चौंक गए । हर जगह लोगों की अपार भीड़ बिना शोर, हिंसा या हुडदंग के शांतिपूर्वक एकत्र हुई । गांवों, शहरों में आजादी के प्रति अपना उत्साह प्रदर्शित करने की होड़ लग गई । १९३० के बाद आजादी मिलने तक हर साल २६ जनवरी को लोग स्वतंत्रता दिवस मनाते रहे । हमारे देश में १० मई १८५७ से लेकर १४ अगस्त १९४७ तक चले स्वतंत्रता संग्राम में अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान एवं राजनेताआें के अथक प्रयत्नों से देश के नागरिकों को स्वतंत्रता के सूर्य को देखने का अवसर मिला । इसलिए १९४७ से १५ अगस्त का दिन हमारा स्वतंत्रता दिवस हो गया ।

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