पर्यावरण समाचार
टाइगर रिजर्व में मिल सकती है पर्यटन की इजाजत
सुप्रीम कोर्ट ने बाघों के संरक्षण के लिए नए दिशा-निर्देशों की अधिसूचना जारी करने के लिए केन्द्र को एक हफ्ते की मोहलत दी है । शीर्ष अदालत ने २४ जुलाई के अपने आदेश मेंबदलाव कर टाइगर रिजर्व में सीमित पर्यटन गतिविधियों की इजाजत देने का संकेत भी दिया है । कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि वह पर्यटन के खिलाफ नहीं है । पर्यटन गतिविधियों पर रोक का अंतरिम आदेश इसे नियंत्रित करने के लिए है।
न्यायमूर्ति एके पटनायक और स्वतंत्र कुमार की पीठ ने कहा कि जिन राज्यों को नए दिशा-निर्देशों पर एतराज हो, वह उसे कोर्ट में चुनौती देने के लिए स्वतंत्र है । मामले की अगली सुनवाई १६ अक्टूबर को होगी । पीठ ने यह भी कहा कि न तो हम किसी दिशा-निर्देश को वैध ठहरा सकते है और न ही संविधान विरूद्ध घोषित कर सकते हैं ।
केन्द्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल इंदिरा जयसिंह ने भरोसा दिलाया कि नेशनल टायगर कंजरवेशन अथॉरिटी द्वारा तैयार नए दिशा-निर्देश २४ घंटे में अधिसूचित होेगे ।
सुप्रीम कोर्ट ने गत २४ जुलाई को टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में सभी तरह की पर्यटन गतिविधियों पर रोक लगा दी थी । २९ अगस्त को यह रोक २७ सितम्बर तक बढ़ा दी गई थी । अवधि बढ़ाते हुए कोर्ट ने यह संकेत भी दिया था कि वह नियंत्रित पर्यटन गतिविधियोंके खिलाफ नहींहै, बशर्ते केन्द्र सरकार विलुप्त् हो रहे बाघों के संरक्षण के संबंध में समुचित उपायों वाले नए दिशा-निर्देश जारी करें । इस पर केन्द्र सरकार ने २६ सितम्बर को बाघ सरंक्षण के संबंध में राज्यों के लिए नए दिशा-निर्देश का मसौदा कोर्ट के समक्ष पेश किया था । इसमें केन्द्र ने कहा था कि टाइगर रिजर्व में पर्यटन के लिए कोई नया बुनियादी ढांचा नहीं बनाया जाना चाहिए । बाघों के आवास के कोर एरिया के अधिकतम २० फीसद क्षेत्र में नियंत्रित व सीमित पर्यटकों की आवाजाही हो सकती है ।
टाइगर रिजर्व में मिल सकती है पर्यटन की इजाजत
सुप्रीम कोर्ट ने बाघों के संरक्षण के लिए नए दिशा-निर्देशों की अधिसूचना जारी करने के लिए केन्द्र को एक हफ्ते की मोहलत दी है । शीर्ष अदालत ने २४ जुलाई के अपने आदेश मेंबदलाव कर टाइगर रिजर्व में सीमित पर्यटन गतिविधियों की इजाजत देने का संकेत भी दिया है । कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि वह पर्यटन के खिलाफ नहीं है । पर्यटन गतिविधियों पर रोक का अंतरिम आदेश इसे नियंत्रित करने के लिए है।
न्यायमूर्ति एके पटनायक और स्वतंत्र कुमार की पीठ ने कहा कि जिन राज्यों को नए दिशा-निर्देशों पर एतराज हो, वह उसे कोर्ट में चुनौती देने के लिए स्वतंत्र है । मामले की अगली सुनवाई १६ अक्टूबर को होगी । पीठ ने यह भी कहा कि न तो हम किसी दिशा-निर्देश को वैध ठहरा सकते है और न ही संविधान विरूद्ध घोषित कर सकते हैं ।
केन्द्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल इंदिरा जयसिंह ने भरोसा दिलाया कि नेशनल टायगर कंजरवेशन अथॉरिटी द्वारा तैयार नए दिशा-निर्देश २४ घंटे में अधिसूचित होेगे ।
सुप्रीम कोर्ट ने गत २४ जुलाई को टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में सभी तरह की पर्यटन गतिविधियों पर रोक लगा दी थी । २९ अगस्त को यह रोक २७ सितम्बर तक बढ़ा दी गई थी । अवधि बढ़ाते हुए कोर्ट ने यह संकेत भी दिया था कि वह नियंत्रित पर्यटन गतिविधियोंके खिलाफ नहींहै, बशर्ते केन्द्र सरकार विलुप्त् हो रहे बाघों के संरक्षण के संबंध में समुचित उपायों वाले नए दिशा-निर्देश जारी करें । इस पर केन्द्र सरकार ने २६ सितम्बर को बाघ सरंक्षण के संबंध में राज्यों के लिए नए दिशा-निर्देश का मसौदा कोर्ट के समक्ष पेश किया था । इसमें केन्द्र ने कहा था कि टाइगर रिजर्व में पर्यटन के लिए कोई नया बुनियादी ढांचा नहीं बनाया जाना चाहिए । बाघों के आवास के कोर एरिया के अधिकतम २० फीसद क्षेत्र में नियंत्रित व सीमित पर्यटकों की आवाजाही हो सकती है ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें