जंगल कटाई के दोषी अफसरों सहित ८ को सजा
म.प्र. के खण्डवा जिले के तेरह वर्ष पुराने चर्चित जंगल कटाई कांड पर विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण) संजय शुक्ला ने ४ शासकीय अधिकारीयों सहित ८ लोगों को विभिन्न धाराआें के तहत दंडित किया है । अभियोजन के अनुसार तत्कालीन कलेक्टर एस के वशिष्ठ ने जिले के ग्राम नंदना की भूमि खसरा नंबर ४४९/१ रकबा १.६८ हैक्टेयर तथा खसरा नंबर ३६१.२, ३६०/१, ३८७/१ व ३८८/१ रकबा ५.९५ पर लगे ३३२ सागौन के वृक्ष तथा अनेक अरकाट के हरे वृक्ष काटने की अनुमति दी थी । इसी प्रकार खसरा नंबर ४०६/२, ४०७, ४०८ की १०.८३ हैैक्टेयर भूमि पर लगे २५४१ सागौन तथा २६४ अरकाट के वृक्ष काटने की अनुमति भी प्राप्त् की गई थी । इन स्वीकृतियों के लिए कलेक्टर ने प्रतिवेदन माँगे थे । आत्माराम मिश्रा, पटवारी भाऊलाल प्रजापति तथा नायब तहसीलदार केएन पाठक ने स्थल निरीक्षण किया था और भूमि को समतल बताते हुए वृक्षों को काटने की अनुशंसा की थी। इसी प्रकार वनमंडलाधिकारी द्वारा प्रतिवेदन माँगे जाने पर वन परिक्षेत्राधिकारी बोदे खाँ ने स्थल निरीक्षण कर उप वनमंडलाधिकारी के माध्यम से प्रस्तुत प्रतिवेदन में कहा था कि संबंधित भूमि से जंगल लगा हुआ है इसलिए पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा । एसडीओ फॉरेस्ट शिवकुमार तिवारी ने राजस्व अधिकारियों, वन विभाग के अधिकारियों के साथ स्थल निरीक्षण कर वृक्षों को काटने की अनुमति देने की अनुशंसा की थी । इस प्रतिवेदन के आधार पर कलेक्टर ने वनों को काटने की अनुमति प्रदान की थी । इस पूरे प्रकरण पर म.प्र. के प्रमुख दैनिक में समाचार प्रकाशित किया था । इस समाचार प्रकाशन के बाद लोकायुक्त ने प्राथमिक जाँच के आधार पर अपराध की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की थी । न्यायाधीश श्री शुक्ला ने फैसले में कहा कि आत्माराम मिश्रा, भाऊलाल प्रजापति, शिवकुमार तिवारी तथा बोदे खाँ ने लोकसेवक होते हुए आरोपीगण को सागौन व अरकाट के वन काटने की अनुमति हेतु अनुशंसा की थी । सह अभियुक्तों को लाभ पहुँचाने के लिए इन्होंने भ्रष्ट आचरण किया है । यह प्रमाणित है कि सबने मिलकर शासन को क्षति पहँुचाने का आपराधिक षड्यंत्र किया है । न्यायाधीश ने एसडीओ राजस्व आत्माराम मिश्रा, पटवारी भाऊलाल प्रजापति, एसडीओ फॉरेस्ट शिवकुमार तिवारी तथा रेंजर बोदे खाँ को २-२ वर्ष सश्रम कारावास व १-१ हजार जुर्माना और हरदा निवासी राजेश सिंह को दोहरे अपराध में २-२ वर्ष सश्रम कारावास तथा ५-५ हजार रूपए जुर्माना तथा निशानिया हरसूद निवासी मेहताबसिंह राठौर, बिलासपुर निवासी रतनसिंह व भोपाल के मनजीत कौर को २-२ वर्ष के कठोर कारावास और ५-५ हजार रूपए के जुर्माने की सजा से दंडित किया है ।म.प्र.मेंजीवाश्म का अवैध कारोबार जारी पश्चिमी म.प्र. में धार जिले के जिस मनावर क्षेत्र को केंन्द्र सरकार को राष्ट्रीय जीवाश्म पॉर्क बनाने के लिए प्रस्ताव बनाने की तैयारी की जा रही है , उस क्षेत्र में अवैध रूप से जीवाश्मों का खनन कर बेचे जाने की शिकायत की गई है । साथ ही बाग क्षेत्र में भी इसी तरह की स्थिति बनी है । शिकायत के अनुसार बड़ी मात्रा में प्रतिदिन यहाँ से जीवाश्म बाहर भेज जा रहा है । इधर पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में जाँच करने की बात कही है । जीवाश्म स्थल मप्र में ही नहीं बल्कि दुनिया में छाया रहा था । इसकी वजह यह है कि यहाँ पर १०० से अधिक डायनासोर के अंडे प्राप्त् हुए थे । इसके अलावा पादप जीवाश्म भी यहाँ पर पाए गए । इससे यह सिद्ध हुआ था कि करोड़ों वर्ष पूर्व मनावर व आसपास के क्षेत्र में समुद्र रहा होगा । समुद्री जीवाश्म को लेकर विदेशी विद्वान भी कई बार यहाँ भ्रमण कर चुके हैं । गौरतलब है कि धार जिले में डायनासोर के अंडे प्राप्त् हुए थे । इससे यहाँ पर करोड़ों वर्ष पूर्व के इतिहास के बारे मे खुलासा हुआ है कि ऐसे महत्वपूर्ण स्थल को सुरक्षित किए जाने को लेकर कई बार चिंता की गई, किंतु इस पर मैदानी स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई । जीवाश्मों के संरक्षण के लिए कार्यरत् संस्था मंगल पंचायतन् परिषद के विशाल वर्मा के अनुसार क्षेत्र में अवैध रूप से जीवाश्मों का खनन कर उसकी हेराफेरी की जा रहीं है । उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह कार्य व्यापक रूप से काफी लंबे समय से किया जा रहा है । *** म.प्र. के खण्डवा जिले के तेरह वर्ष पुराने चर्चित जंगल कटाई कांड पर विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण) संजय शुक्ला ने ४ शासकीय अधिकारीयों सहित ८ लोगों को विभिन्न धाराआें के तहत दंडित किया है । अभियोजन के अनुसार तत्कालीन कलेक्टर एस के वशिष्ठ ने जिले के ग्राम नंदना की भूमि खसरा नंबर ४४९/१ रकबा १.६८ हैक्टेयर तथा खसरा नंबर ३६१.२, ३६०/१, ३८७/१ व ३८८/१ रकबा ५.९५ पर लगे ३३२ सागौन के वृक्ष तथा अनेक अरकाट के हरे वृक्ष काटने की अनुमति दी थी । इसी प्रकार खसरा नंबर ४०६/२, ४०७, ४०८ की १०.८३ हैैक्टेयर भूमि पर लगे २५४१ सागौन तथा २६४ अरकाट के वृक्ष काटने की अनुमति भी प्राप्त् की गई थी । इन स्वीकृतियों के लिए कलेक्टर ने प्रतिवेदन माँगे थे । आत्माराम मिश्रा, पटवारी भाऊलाल प्रजापति तथा नायब तहसीलदार केएन पाठक ने स्थल निरीक्षण किया था और भूमि को समतल बताते हुए वृक्षों को काटने की अनुशंसा की थी। इसी प्रकार वनमंडलाधिकारी द्वारा प्रतिवेदन माँगे जाने पर वन परिक्षेत्राधिकारी बोदे खाँ ने स्थल निरीक्षण कर उप वनमंडलाधिकारी के माध्यम से प्रस्तुत प्रतिवेदन में कहा था कि संबंधित भूमि से जंगल लगा हुआ है इसलिए पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा । एसडीओ फॉरेस्ट शिवकुमार तिवारी ने राजस्व अधिकारियों, वन विभाग के अधिकारियों के साथ स्थल निरीक्षण कर वृक्षों को काटने की अनुमति देने की अनुशंसा की थी । इस प्रतिवेदन के आधार पर कलेक्टर ने वनों को काटने की अनुमति प्रदान की थी । इस पूरे प्रकरण पर म.प्र. के प्रमुख दैनिक में समाचार प्रकाशित किया था । इस समाचार प्रकाशन के बाद लोकायुक्त ने प्राथमिक जाँच के आधार पर अपराध की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की थी । न्यायाधीश श्री शुक्ला ने फैसले में कहा कि आत्माराम मिश्रा, भाऊलाल प्रजापति, शिवकुमार तिवारी तथा बोदे खाँ ने लोकसेवक होते हुए आरोपीगण को सागौन व अरकाट के वन काटने की अनुमति हेतु अनुशंसा की थी । सह अभियुक्तों को लाभ पहुँचाने के लिए इन्होंने भ्रष्ट आचरण किया है । यह प्रमाणित है कि सबने मिलकर शासन को क्षति पहँुचाने का आपराधिक षड्यंत्र किया है । न्यायाधीश ने एसडीओ राजस्व आत्माराम मिश्रा, पटवारी भाऊलाल प्रजापति, एसडीओ फॉरेस्ट शिवकुमार तिवारी तथा रेंजर बोदे खाँ को २-२ वर्ष सश्रम कारावास व १-१ हजार जुर्माना और हरदा निवासी राजेश सिंह को दोहरे अपराध में २-२ वर्ष सश्रम कारावास तथा ५-५ हजार रूपए जुर्माना तथा निशानिया हरसूद निवासी मेहताबसिंह राठौर, बिलासपुर निवासी रतनसिंह व भोपाल के मनजीत कौर को २-२ वर्ष के कठोर कारावास और ५-५ हजार रूपए के जुर्माने की सजा से दंडित किया है ।म.प्र.मेंजीवाश्म का अवैध कारोबार जारी पश्चिमी म.प्र. में धार जिले के जिस मनावर क्षेत्र को केंन्द्र सरकार को राष्ट्रीय जीवाश्म पॉर्क बनाने के लिए प्रस्ताव बनाने की तैयारी की जा रही है , उस क्षेत्र में अवैध रूप से जीवाश्मों का खनन कर बेचे जाने की शिकायत की गई है । साथ ही बाग क्षेत्र में भी इसी तरह की स्थिति बनी है । शिकायत के अनुसार बड़ी मात्रा में प्रतिदिन यहाँ से जीवाश्म बाहर भेज जा रहा है । इधर पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में जाँच करने की बात कही है । जीवाश्म स्थल मप्र में ही नहीं बल्कि दुनिया में छाया रहा था । इसकी वजह यह है कि यहाँ पर १०० से अधिक डायनासोर के अंडे प्राप्त् हुए थे । इसके अलावा पादप जीवाश्म भी यहाँ पर पाए गए । इससे यह सिद्ध हुआ था कि करोड़ों वर्ष पूर्व मनावर व आसपास के क्षेत्र में समुद्र रहा होगा । समुद्री जीवाश्म को लेकर विदेशी विद्वान भी कई बार यहाँ भ्रमण कर चुके हैं । गौरतलब है कि धार जिले में डायनासोर के अंडे प्राप्त् हुए थे । इससे यहाँ पर करोड़ों वर्ष पूर्व के इतिहास के बारे मे खुलासा हुआ है कि ऐसे महत्वपूर्ण स्थल को सुरक्षित किए जाने को लेकर कई बार चिंता की गई, किंतु इस पर मैदानी स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई । जीवाश्मों के संरक्षण के लिए कार्यरत् संस्था मंगल पंचायतन् परिषद के विशाल वर्मा के अनुसार क्षेत्र में अवैध रूप से जीवाश्मों का खनन कर उसकी हेराफेरी की जा रहीं है । उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह कार्य व्यापक रूप से काफी लंबे समय से किया जा रहा है । *** म.प्र. के खण्डवा जिले के तेरह वर्ष पुराने चर्चित जंगल कटाई कांड पर विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण) संजय शुक्ला ने ४ शासकीय अधिकारीयों सहित ८ लोगों को विभिन्न धाराआें के तहत दंडित किया है । अभियोजन के अनुसार तत्कालीन कलेक्टर एस के वशिष्ठ ने जिले के ग्राम नंदना की भूमि खसरा नंबर ४४९/१ रकबा १.६८ हैक्टेयर तथा खसरा नंबर ३६१.२, ३६०/१, ३८७/१ व ३८८/१ रकबा ५.९५ पर लगे ३३२ सागौन के वृक्ष तथा अनेक अरकाट के हरे वृक्ष काटने की अनुमति दी थी । इसी प्रकार खसरा नंबर ४०६/२, ४०७, ४०८ की १०.८३ हैैक्टेयर भूमि पर लगे २५४१ सागौन तथा २६४ अरकाट के वृक्ष काटने की अनुमति भी प्राप्त् की गई थी । इन स्वीकृतियों के लिए कलेक्टर ने प्रतिवेदन माँगे थे । आत्माराम मिश्रा, पटवारी भाऊलाल प्रजापति तथा नायब तहसीलदार केएन पाठक ने स्थल निरीक्षण किया था और भूमि को समतल बताते हुए वृक्षों को काटने की अनुशंसा की थी। इसी प्रकार वनमंडलाधिकारी द्वारा प्रतिवेदन माँगे जाने पर वन परिक्षेत्राधिकारी बोदे खाँ ने स्थल निरीक्षण कर उप वनमंडलाधिकारी के माध्यम से प्रस्तुत प्रतिवेदन में कहा था कि संबंधित भूमि से जंगल लगा हुआ है इसलिए पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा । एसडीओ फॉरेस्ट शिवकुमार तिवारी ने राजस्व अधिकारियों, वन विभाग के अधिकारियों के साथ स्थल निरीक्षण कर वृक्षों को काटने की अनुमति देने की अनुशंसा की थी । इस प्रतिवेदन के आधार पर कलेक्टर ने वनों को काटने की अनुमति प्रदान की थी । इस पूरे प्रकरण पर म.प्र. के प्रमुख दैनिक में समाचार प्रकाशित किया था । इस समाचार प्रकाशन के बाद लोकायुक्त ने प्राथमिक जाँच के आधार पर अपराध की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की थी । न्यायाधीश श्री शुक्ला ने फैसले में कहा कि आत्माराम मिश्रा, भाऊलाल प्रजापति, शिवकुमार तिवारी तथा बोदे खाँ ने लोकसेवक होते हुए आरोपीगण को सागौन व अरकाट के वन काटने की अनुमति हेतु अनुशंसा की थी । सह अभियुक्तों को लाभ पहुँचाने के लिए इन्होंने भ्रष्ट आचरण किया है । यह प्रमाणित है कि सबने मिलकर शासन को क्षति पहँुचाने का आपराधिक षड्यंत्र किया है । न्यायाधीश ने एसडीओ राजस्व आत्माराम मिश्रा, पटवारी भाऊलाल प्रजापति, एसडीओ फॉरेस्ट शिवकुमार तिवारी तथा रेंजर बोदे खाँ को २-२ वर्ष सश्रम कारावास व १-१ हजार जुर्माना और हरदा निवासी राजेश सिंह को दोहरे अपराध में २-२ वर्ष सश्रम कारावास तथा ५-५ हजार रूपए जुर्माना तथा निशानिया हरसूद निवासी मेहताबसिंह राठौर, बिलासपुर निवासी रतनसिंह व भोपाल के मनजीत कौर को २-२ वर्ष के कठोर कारावास और ५-५ हजार रूपए के जुर्माने की सजा से दंडित किया है ।म.प्र.मेंजीवाश्म का अवैध कारोबार जारी पश्चिमी म.प्र. में धार जिले के जिस मनावर क्षेत्र को केंन्द्र सरकार को राष्ट्रीय जीवाश्म पॉर्क बनाने के लिए प्रस्ताव बनाने की तैयारी की जा रही है , उस क्षेत्र में अवैध रूप से जीवाश्मों का खनन कर बेचे जाने की शिकायत की गई है । साथ ही बाग क्षेत्र में भी इसी तरह की स्थिति बनी है । शिकायत के अनुसार बड़ी मात्रा में प्रतिदिन यहाँ से जीवाश्म बाहर भेज जा रहा है । इधर पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में जाँच करने की बात कही है । जीवाश्म स्थल मप्र में ही नहीं बल्कि दुनिया में छाया रहा था । इसकी वजह यह है कि यहाँ पर १०० से अधिक डायनासोर के अंडे प्राप्त् हुए थे । इसके अलावा पादप जीवाश्म भी यहाँ पर पाए गए । इससे यह सिद्ध हुआ था कि करोड़ों वर्ष पूर्व मनावर व आसपास के क्षेत्र में समुद्र रहा होगा । समुद्री जीवाश्म को लेकर विदेशी विद्वान भी कई बार यहाँ भ्रमण कर चुके हैं । गौरतलब है कि धार जिले में डायनासोर के अंडे प्राप्त् हुए थे । इससे यहाँ पर करोड़ों वर्ष पूर्व के इतिहास के बारे मे खुलासा हुआ है कि ऐसे महत्वपूर्ण स्थल को सुरक्षित किए जाने को लेकर कई बार चिंता की गई, किंतु इस पर मैदानी स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई । जीवाश्मों के संरक्षण के लिए कार्यरत् संस्था मंगल पंचायतन् परिषद के विशाल वर्मा के अनुसार क्षेत्र में अवैध रूप से जीवाश्मों का खनन कर उसकी हेराफेरी की जा रहीं है । उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह कार्य व्यापक रूप से काफी लंबे समय से किया जा रहा है । *** म.प्र. के खण्डवा जिले के तेरह वर्ष पुराने चर्चित जंगल कटाई कांड पर विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण) संजय शुक्ला ने ४ शासकीय अधिकारीयों सहित ८ लोगों को विभिन्न धाराआें के तहत दंडित किया है । अभियोजन के अनुसार तत्कालीन कलेक्टर एस के वशिष्ठ ने जिले के ग्राम नंदना की भूमि खसरा नंबर ४४९/१ रकबा १.६८ हैक्टेयर तथा खसरा नंबर ३६१.२, ३६०/१, ३८७/१ व ३८८/१ रकबा ५.९५ पर लगे ३३२ सागौन के वृक्ष तथा अनेक अरकाट के हरे वृक्ष काटने की अनुमति दी थी । इसी प्रकार खसरा नंबर ४०६/२, ४०७, ४०८ की १०.८३ हैैक्टेयर भूमि पर लगे २५४१ सागौन तथा २६४ अरकाट के वृक्ष काटने की अनुमति भी प्राप्त् की गई थी । इन स्वीकृतियों के लिए कलेक्टर ने प्रतिवेदन माँगे थे । आत्माराम मिश्रा, पटवारी भाऊलाल प्रजापति तथा नायब तहसीलदार केएन पाठक ने स्थल निरीक्षण किया था और भूमि को समतल बताते हुए वृक्षों को काटने की अनुशंसा की थी। इसी प्रकार वनमंडलाधिकारी द्वारा प्रतिवेदन माँगे जाने पर वन परिक्षेत्राधिकारी बोदे खाँ ने स्थल निरीक्षण कर उप वनमंडलाधिकारी के माध्यम से प्रस्तुत प्रतिवेदन में कहा था कि संबंधित भूमि से जंगल लगा हुआ है इसलिए पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा । एसडीओ फॉरेस्ट शिवकुमार तिवारी ने राजस्व अधिकारियों, वन विभाग के अधिकारियों के साथ स्थल निरीक्षण कर वृक्षों को काटने की अनुमति देने की अनुशंसा की थी । इस प्रतिवेदन के आधार पर कलेक्टर ने वनों को काटने की अनुमति प्रदान की थी । इस पूरे प्रकरण पर म.प्र. के प्रमुख दैनिक में समाचार प्रकाशित किया था । इस समाचार प्रकाशन के बाद लोकायुक्त ने प्राथमिक जाँच के आधार पर अपराध की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की थी । न्यायाधीश श्री शुक्ला ने फैसले में कहा कि आत्माराम मिश्रा, भाऊलाल प्रजापति, शिवकुमार तिवारी तथा बोदे खाँ ने लोकसेवक होते हुए आरोपीगण को सागौन व अरकाट के वन काटने की अनुमति हेतु अनुशंसा की थी । सह अभियुक्तों को लाभ पहुँचाने के लिए इन्होंने भ्रष्ट आचरण किया है । यह प्रमाणित है कि सबने मिलकर शासन को क्षति पहँुचाने का आपराधिक षड्यंत्र किया है । न्यायाधीश ने एसडीओ राजस्व आत्माराम मिश्रा, पटवारी भाऊलाल प्रजापति, एसडीओ फॉरेस्ट शिवकुमार तिवारी तथा रेंजर बोदे खाँ को २-२ वर्ष सश्रम कारावास व १-१ हजार जुर्माना और हरदा निवासी राजेश सिंह को दोहरे अपराध में २-२ वर्ष सश्रम कारावास तथा ५-५ हजार रूपए जुर्माना तथा निशानिया हरसूद निवासी मेहताबसिंह राठौर, बिलासपुर निवासी रतनसिंह व भोपाल के मनजीत कौर को २-२ वर्ष के कठोर कारावास और ५-५ हजार रूपए के जुर्माने की सजा से दंडित किया है ।म.प्र.मेंजीवाश्म का अवैध कारोबार जारी पश्चिमी म.प्र. में धार जिले के जिस मनावर क्षेत्र को केंन्द्र सरकार को राष्ट्रीय जीवाश्म पॉर्क बनाने के लिए प्रस्ताव बनाने की तैयारी की जा रही है , उस क्षेत्र में अवैध रूप से जीवाश्मों का खनन कर बेचे जाने की शिकायत की गई है । साथ ही बाग क्षेत्र में भी इसी तरह की स्थिति बनी है । शिकायत के अनुसार बड़ी मात्रा में प्रतिदिन यहाँ से जीवाश्म बाहर भेज जा रहा है । इधर पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में जाँच करने की बात कही है । जीवाश्म स्थल मप्र में ही नहीं बल्कि दुनिया में छाया रहा था । इसकी वजह यह है कि यहाँ पर १०० से अधिक डायनासोर के अंडे प्राप्त् हुए थे । इसके अलावा पादप जीवाश्म भी यहाँ पर पाए गए । इससे यह सिद्ध हुआ था कि करोड़ों वर्ष पूर्व मनावर व आसपास के क्षेत्र में समुद्र रहा होगा । समुद्री जीवाश्म को लेकर विदेशी विद्वान भी कई बार यहाँ भ्रमण कर चुके हैं । गौरतलब है कि धार जिले में डायनासोर के अंडे प्राप्त् हुए थे । इससे यहाँ पर करोड़ों वर्ष पूर्व के इतिहास के बारे मे खुलासा हुआ है कि ऐसे महत्वपूर्ण स्थल को सुरक्षित किए जाने को लेकर कई बार चिंता की गई, किंतु इस पर मैदानी स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई । जीवाश्मों के संरक्षण के लिए कार्यरत् संस्था मंगल पंचायतन् परिषद के विशाल वर्मा के अनुसार क्षेत्र में अवैध रूप से जीवाश्मों का खनन कर उसकी हेराफेरी की जा रहीं है । उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह कार्य व्यापक रूप से काफी लंबे समय से किया जा रहा है । ***
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