सोमवार, 26 अक्तूबर 2009

१४ पर्यावरण समाचार

पर्यावरण समाचार

सन् २०२५ तक ७० फीसदी धरती होगी रेगिस्तान ! जलवायु परिवर्तन दुनिया के लिए गंभीर समस्या बनता जा रहा है । घटते वनक्षेत्र, धरती का बढ़ता तापमान और कम होता मानसून कुछ ऐसे कारण हैं जिनकी वजह से सूखा पड़ने का खतरा बढ़ रहा है। यदि इस पर काबू पाने के गंभीर प्रयास जल्द नहीं किए गए तो २०२५ तक ७० प्रतिशत धरती रेगिस्तान बन जाएगी । यह चेतावनी बढ़ने मरूस्थलीकरण की समस्या पर विचार करने के लिए आयोजित संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन में दी गई । अर्जटीना की राजधानी में आयोजित संयुक्त राष्ट्र के नौवें सम्मेलन में कार्यकारी सचिव लुक नकाद्जा ने कहा, हम इस समस्या का हल नहीं खोज पाए तो २०२५ तक ७० प्रतिशत धरती इससे प्रभावित हो जाएगी । ग्लोबल क्लाइमेट रिपोर्ट के मुताबिक, अभी ४१ प्रतिशत धरती सूखा से करीब प्रभावित है । पर्यावरण में हो रहे नुकसान के कारण १९९० से इसमेें १५ से २५ प्रतिशत वार्षिक दर से वृद्धि हो रही हैं। नकाद्जा ने कहा, सूखा प्रभावित क्षेत्रों में खाद्य सुरक्षा के बगैर लोगों की जान नहीं बचाई जा सकती । उन्होंने जोर देकर कहा कि सूखे से निपटने के लिए विकासित देशों को जलवायु परिवर्तन से निपटने के कारगर उपाय करने होंगे । अगला सम्मेलन दक्षिण कोरिया में २०१० में आयोजित किया होगा।गंगा डॉल्फिन राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित सरकार ने गंगा डॉल्फिन को राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया है । मोर राष्ट्रीय पक्षी और बाघ राष्ट्रीय पशु पहले से ही घोषित हैं । किसी जलचर को अभी तक राष्ट्रीय जीव घोषित नहीं किया गया था । प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह की अध्यक्षता में हुई गंगा नदी घाटी प्राधिकरण की बैठक में विलुप्त् हो रही गंगा डॉलफिन को राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित करने का फैसला किया गया । इस बैठक में उन सभी राज्यों के मुख्यमंत्री या उनका प्रतिनिधित्व करने वाले अधिकारी मौजूद थे जहां से गंगा होकर बहती है । गंगा डॉलफिन को राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया जाना बैठक में किया गया सबसे रोमांचकारी फैसला था । गंगा नदी को २०२० तक प्रदूषण मुक्त बनाने की ठोस रूप रेखा पेश करते हुए उन्होंने आज कहा कि आज २००० से भी कम गंगा डलिफॉन बची हैं । जब तक इनकी बड़ी संख्या में गंगा में वापीस सुनिश्चित नहीं होती देश के लोगों की आस्था से जुड़ी इस पवित्र नदी की सफाई का कार्यक्रम भी सफल नहीं होगा ।* **

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