पर्यावरण समाचार
सन् २०२० तक चांद पर जा सकेंगे लोग
यदि आपके पास १.५ अरब डॉलर (करीब ८२ अरब रूपए) है और अपने एक साथी के साथ चांद की सैर पर जाना चाहते हैं तो आपकी यह ख्वाहिश पूरी हो सकती है ।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के पूर्व अधिकारियों की कंपनी गोल्डन स्पाइक ने निजी उपक्रम के तहत सन् २०२० तक लोगों को चांद पर भेजने की योजना बनाई है । इसके लिए दो लोगों का खर्च १.५ अरब डॉलर आएगा । स्पेश डॉटकाम के मुताबिक नासा के साइंस मिशन निदेशालय के पूर्व निदेशक व कंपनी के अध्यक्ष व सीईओ एलेन स्टर्न ने कहा कि हमने एशियाई और योरपीय देशोंकी स्पेस एजेंसी से बात की है । उन्होनें इसमें दिलचस्पी दिखाई है । इस मिशन की शुरूआत उन देशों को ध्यान में रखकर की गई, जिनके पास अपनी स्पेस एजेंसी नहीं है या फिर लोगों को चांद पर भेजने का खर्च नहीं उठा सकते । यह उन लोगों के लिए भी है, जो जीवन में एक बार चांद पर जाने की इच्छा रखते हैं । स्टर्न और गोल्डन स्प्राइक के निदेशक मंडली के चेयरमैन गैरी ग्रीफिन (नासा जॉनसन स्पेस सेंटर के निदेशक व पूर्व अपोलो फ्लाइट के निदेशक) ने ७ दिसम्बर १९७२को चंद्रमा पर अंतिम बार भेजे गए अपोलो-१७ की ४० वीं वर्षगांठ पर अपनी योजना की घोषणा की है ।
कंपनी ने अभी तक इस बात का फैसला नहीं किया है कि यात्रियों को ले जाने के लिए किस स्पेस कैप्सूल का प्रयोग किया जाएगा । स्टर्न के मुताबिक इसका निर्णय २०१४ में किया जाएगा ।
संभावना है कि गोल्डन स्पाइक मौजूदा या फिर पहले से ही विकसित रॉकेट व स्पेसक्राफ्ट का इस्तेमाल कर सकती है ।
सन् २०२० तक चांद पर जा सकेंगे लोग
यदि आपके पास १.५ अरब डॉलर (करीब ८२ अरब रूपए) है और अपने एक साथी के साथ चांद की सैर पर जाना चाहते हैं तो आपकी यह ख्वाहिश पूरी हो सकती है ।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के पूर्व अधिकारियों की कंपनी गोल्डन स्पाइक ने निजी उपक्रम के तहत सन् २०२० तक लोगों को चांद पर भेजने की योजना बनाई है । इसके लिए दो लोगों का खर्च १.५ अरब डॉलर आएगा । स्पेश डॉटकाम के मुताबिक नासा के साइंस मिशन निदेशालय के पूर्व निदेशक व कंपनी के अध्यक्ष व सीईओ एलेन स्टर्न ने कहा कि हमने एशियाई और योरपीय देशोंकी स्पेस एजेंसी से बात की है । उन्होनें इसमें दिलचस्पी दिखाई है । इस मिशन की शुरूआत उन देशों को ध्यान में रखकर की गई, जिनके पास अपनी स्पेस एजेंसी नहीं है या फिर लोगों को चांद पर भेजने का खर्च नहीं उठा सकते । यह उन लोगों के लिए भी है, जो जीवन में एक बार चांद पर जाने की इच्छा रखते हैं । स्टर्न और गोल्डन स्प्राइक के निदेशक मंडली के चेयरमैन गैरी ग्रीफिन (नासा जॉनसन स्पेस सेंटर के निदेशक व पूर्व अपोलो फ्लाइट के निदेशक) ने ७ दिसम्बर १९७२को चंद्रमा पर अंतिम बार भेजे गए अपोलो-१७ की ४० वीं वर्षगांठ पर अपनी योजना की घोषणा की है ।
कंपनी ने अभी तक इस बात का फैसला नहीं किया है कि यात्रियों को ले जाने के लिए किस स्पेस कैप्सूल का प्रयोग किया जाएगा । स्टर्न के मुताबिक इसका निर्णय २०१४ में किया जाएगा ।
संभावना है कि गोल्डन स्पाइक मौजूदा या फिर पहले से ही विकसित रॉकेट व स्पेसक्राफ्ट का इस्तेमाल कर सकती है ।
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