शनिवार, 20 फ़रवरी 2016

घरेलू दुर्घटनाआें की गंभीर स्थिति 
 भारत डोगरा, नई दिल्ली
ब्रिटेन में दुर्घटनाआें को कम करने पर योजनाबद्ध ढंग से कार्य करने में लगी संस्था रॉयल सोसायटी फॉर प्रीवेन्शन ऑफ एक्सीडेंट्स (रोस्पा) ने वहां के आंकड़ों के आधार पर स्पष्ट कहा है, किसी भी अन्य स्थान की अपेक्षा सबसे अधिक दुर्घटनाएं घर पर ही होती है । 
इस तरह की घरेलू दुर्घटनाआें के बारे में ब्रिटेन के संदर्भ में उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर रोस्पा ने बताया है कि इस कारण एक वर्ष में ५००० मौतें हुई व २७ लाख चोट लगने या घायल होने के केसों को अस्पताल (एक्सीडेंट व इमरजेंसी विभाग) में ले जाना पड़ा । दूसरी ओर पिछले वर्ष सड़क दुर्घटनाआें की अपेक्षा घरेलू दुर्घटनाआें में लगभग ढाई गुना अधिक मौतें हुई और १४ गुना अधिक लोग घायल हुए । 
इसके अतिरिक्त घरेलू दुर्घटनाआें का एक महत्वपूर्ण पक्ष यह है कि इससे प्रभावित होने वालों में बच्चें की संख्या बहुत अधिक है । ब्रिटेन के आंकड़े बताते हैं कि एक वर्ष में १५ वर्ष से कम आयु वर्ग में १० लाख बच्च्ें घरेलू दुर्घटनाआें से इस हद तक प्रभावित होते हैं कि उन्हें अस्पताल तक ले जाना पड़ता है । १४ वर्ष से कम आयु वर्ग में ७६००० बच्चें को इस कारण अस्पताल में भर्ती भी करवाना पड़ता है । इनमें से ४० प्रतिशत से अधिक बच्च्े ५ वर्ष से कम आयु वर्ग के होते हैं । 
ब्रिटेन के इन आंकड़ों से पता चलता है कि सबसे अधिक दुर्घटनाएं गिरने से संबंधित होती है । घरेलू दुर्घटनाआें के कारण होने वाली आर्थिक क्षति का अनुमान लगाया जाए तो एक वर्ष में लगभग ४६ अरब डॉलर की क्षति इस कारण अकेले ब्रिटेन में होती है । 
घरेलू हिंसा के इस तरह के विस्तृत व प्रामाणिक आंकड़े भारत के संदर्भ में उपलब्ध नहीं है, पर जो सीमित जानकारी उपलब्ध है उसका संकेत भी इस ओर ही है कि घरेलू दुर्घटनाआें से काफी अधिक क्षति होती है पर इन दुर्घटनाआें का ठीक से आकलन न होने के कारण घरेलू दुर्घटनाएं उपेक्षित रह जाती है । डॉ. सुधीर, दीपा कृष्णा व अन्य विशेषज्ञों ने दक्षिण भारत में ३५०० की जनसंख्या पर एक अध्ययन एक वर्ष तक किया था । इस दौरान लगभग ३३० घरेलू दुर्घटनाआें की संख्या प्राप्त् हुई अथवा जनसंख्या की तुलना में दुर्घटनाएं लगभग १० प्रतिशत पाई गई । इनमें से २१० दुर्घटनाएं गिरने से हुई । २२५ दुर्घटनाआें ने महिलाआें या बालिकाआें को प्रभावित किया । दूसरे शब्दों में, जहां सड़क दुर्घटनाआें में पुरूष अधिक प्रभावित होते हैं, घरेलू दुर्घटनाआें में महिलाएं कहीं अधिक प्रभावित होती   है ।                                

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