पोलिथिन से बनेगा पेट्रोल
म.प्र. में नये प्रयासों के अंतर्गत पेट्रोल-गैस और कोलतार अब पोलिथिन से बनेगा । मार्च - अप्रेल से जबलपुर में पेट्रोल बनना शुरू हो जाएगा बाद में इंदौर, भोपाल और ग्वालियर में भी बनाया जाएगा । मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बेकार पोलिथिन से पेट्रोल, गैस और कोलतार बनाने वाली योजना तैयार की है। इससे न केवल लोगों को रोजगार मिलेगा, बल्कि पोलिथिन से होने वाले प्रदूषण से प्रदेश मुक्ति पा जाएगा । इसके लिए प्रदेश के चार महानगरों में ट्रीटमेंट व पेट्रोल उत्पादन प्लांट भी लगाए जा रहे हैं । उपयोग के बाद कूड़े में फेंकी जाने वाली पोलिथिन का आसानी से नष्ट नहीं होना, पर्यावरण के लिए समस्या बना हुआ है । इस समस्या से निजात पाने के लिये म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने व्यापक कार्ययोजना तैयार की है । अगले दो से आठ माह में जबलपुर, भोपाल, ग्वालियर व इंदौर में यह योजना मूर्तरूप लेगी । प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. एस.पी. गौतम का कहना है कि इससे प्रदेश अगले कुछ सालों में पोलिथिन मुक्त प्रदेश बन जाएगा । डॉ. गौतम के अनुसार मोटे-पतले सभी तरह के बेकार पोलिथिन से पेट्रोल बनाया जाएगा । इस पेट्रोल की मुख्य विशेषता यह है कि इसके ऑक्टेन वेल्यू मौजूदा पेट्रोल से २० प्रतिशत बेहतर है । इसके लिए मुंबई की एक कंपनी एशियन से बातचीत हो चुकी है । इस कंपनी ने प्रदेश में अपना काम भी शुरू कर दिया है । जबलपुर यूनिट की खपत पाँच टन पॉलिथिन प्रतिदिन होगी । एक किलो पोलीथीन से ६०० एमएल पेट्रोल तैयार होगा । अब तक २० माइक्रोन से कम की पोलिथिन को नष्ट करना समस्या बना हुआ था ।पेट्रोल बनाने में उपयोग होने वाले बेकार पॉलिथिन से २० माइक्रोन से कम गेज की पोलिथिन भी उपयोगी साबित होगी । बड़े शहरों के आसपास से भी पोलिथिन इकट्ठा कर उसे कंपनी द्वारा खरीदा जाएगा ।पीने के पानी को मौलिक अधिकार बनाएंगे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार लाल कृष्ण आडवाणी ने कहा कि केंद्र में राजग की सरकार बनने पर पीने के पानी को मौलिक अधिकारों की सूची में शामिल किया जाएगा । यही नहीं, प्रधानमंत्री के अधीन पानी एवं स्वच्छता मिशन की स्थापना होगी तथा पानी के संरक्षण का मौलिक कर्तव्य बनाया जाएगा । श्री आडवानी पिछले दिनों अपने आवास पर पानी के विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श कर रहे थे । श्री आडवाणी राजग की भावी सरकार की नीतियां तय करने की कड़ी में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों से बातचीत कर उनकी राय ले रहे हैं । इस कड़ी में उन्होेने अभी तक कृषि, उद्योग एवं सुरक्षा से जुड़े विशेषज्ञों के विचार जाने है । इसी में पीने का पानी से जुड़े विशेषज्ञों की बारी थी । बैठक को संबोधित करते हुए श्री आडवाणी ने कहा कि केंद में राजग की सरकार बनने पर पीने के पानी को मौलिक अधिकारों की श्रेणी में शामिल किया जाएगा तथा प्रधानमंत्री के अधीन जल एवं स्वच्छता मिशन की स्थापना की जाएगी । इस बैठक में तय किया कि समाज एवं सरकार की मदद से पानी के संरक्षण को मौलिक कर्तव्यों की श्रेणी में शामिल किया जाए ताकि पानी बहाने की आदत पर रोक लगाई जा सके। कैंसर का बढ़ता कहर बहुत कम लोगों को यह पता होगा कि गरीब देशों में एचआईवी, मलेरिया और टीबी को मिलाकर जितनी मौतें हुई हैं, उससे ज्यादा मौतें कैंसर से हुई हैं । ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन की यह चेतावनी चिंता पैदा करने वाली है कि २०१० तक कैंसर की बीमारी से ग्रसित लोगों की संख्या हृदयरोगियों की संख्या से ज्यादा हो जाएगी । पिछले कुछ समय से एच आईवी व एड्स के डर और खतरे ने दुनिया को सांसत में डाल रखा था, फिर हृदय रोग को लेकर विश्वभर में दुष्चिंताएं पैदा हो रही थी । टीबी और मलेरिया तो अभी तक बड़े-बड़े दावों के बावजूद काबू में नहीं लाए जा सके हैं । ऐसे में कैंसर को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन की चेतावनी को अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए । कैंसर हर साल एक प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है, खासतौर पर महिलाआें में गर्भाशय के कैंसर की दर तेजी से बढ़ रही है और इसका एक बड़ा कारण बदलती हुई जीवन-शैली और सेक्स संबंधी व्यवहार में बदलाव को माना जा रहा है। धूम्रपान भी कैंसर की बीमारी के एक सबसे बड़े कारण के रूप में सामने आया है । शुरूआती अवस्था में कैंसर का इलाज न होना भी कैंसर से होने वाली मौतों का एक बड़ा कारण है । सिर्फ भारत में, एक आकलन के अनुसार, प्रतिदिन ६ करोड़ सिगरेटें बिकती हैं, इनमें बीड़ी, हुक्का और धूम्रपान के अन्य साधनों का इस्तेमाल शामिल नहीं है । ऐसे में कैंसर के खतरे का सामना करने के लिए एक ओर जहाँ अनुसंधान और चिकित्सकीय स्तर पर चाक-चौबंद होने की जरूरत है, वहीं कैंसर पैदा करने वाले कारकों पर व्यापक जन-चेतना जरूरी है । दुर्भाग्य से, सरकार की ओर से धूम्रपान पर कोई ठोस कार्रवाई दिखाई नहीं दे रही है । सिगरेट या गुटकों के पैकेट्स पर मात्र चेतावनी लिख देने से बात नहीं बनेगी । सन् १९७१ में भारत में कैंसर की दारूणता पर पहली फिल्म बनी थी-आनंद-जिसमें राजेश खन्ना और अमिताभ बच्च्न ने असहाय बनाने वाला रोग बना हुआ है -इसकी जिम्मेदारी रिपोर्टोंा से बाहर आकर भी सरकार को लेनी चाहिए। भारत-चीन जलवायु परिवर्तन की जिम्मेदारी निभाएें अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने बुश प्रशासन की जलवायु परिवर्तन नीति को बदलना शुरू कर दिया है । ओबामा ने कहा कि अमेरिका इस चुनौती से निपटने के लिए एक सच्च्े वैश्विक गठबंधन का नेतृत्व करने को तैयार है, लेकिन भारत व चीन जैसे राष्ट्रों को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी । ओबामा ने कहा, जलवायु व अपनी सामूहिक सुरक्षा की हिफाजत के लिए हमें मिल कर एक सच्च्े वैश्विक गठबंधन का आह्वान करना चाहिए । मैंने स्पष्ट किया ह्ै कि हम इस दिशा में काम करेंगे, बल्कि हम कहेंगे कि दुनिया को भी ऐसा करना चाहिए । श्री ओबामा ने कहा, हमें इस पर भी सोचना है कि तानाशाहों को समर्थन व आतंकवादियों को डॉलर न उपलब्ध हो पाए । हमें यह भी सुनिश्चित करना है कि जिस तरह हम अपनी जिम्मेदारी निभाना चाहते हैं, चीन व भारत जैसे राष्ट्र भी अपनी जिम्मेदारियां निभाएं । नर्मदा अमरकंटक में ही मैली ! मध्य प्रदेश की जीवन रेखा कहलाने वाली नर्मदा अपने उद्गम स्थल से कुछ ही दूरी पर अमरकंटक में ही मैली हो गई हैं । यहाँ के रामघाट पर सबसे ज्यादा प्रदूषित जल पाया गया है । म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भोपाल की तीन सदस्यीय टीम द्वारा नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक में जल की शुद्घता जानने के लिए बिना रीढ़ के जीवों की खोज की गई । इस टीम को कुंड से कुछ दूर रामघाट पर काइरोनामस नाम के बिना रीढ़ के जीव अधिक संख्या में मिले। ये जीव मैले पानी में रहना पसंद करते हैं और इसी आधार पर टीम ने पाया है कि वहां पर नर्मदा जल सबसे ज्यादा प्रदूषित है । इसकी वजह आसपास के लोगों द्वारा नर्मदा घाट पर गंदगी फैलाना है । इस संबंध में मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रिसर्च एसोसिएट डॉ. राकेश पाडेय के अनुसार अभी तक मंडला, डिण्डोरी, जबलपुर, नरसिंहपुर के आसपास के नर्मदा घाटों में जल की शुद्धता परखी गई है । नर्मदा जल की शुद्धता परख रही टीम को डिण्डोरी जिले के जोगी टिकरिया घाट पर अब तक का सबसे बड़ा करीब ढाई सेमी का बिना रीढ़ का जीव ट्राइकोपटेरा मिला है । इसकी खासियत यह है कि यह जल को फिल्टर करता है और बड़े - बड़े पत्थरों को आपस में जोड़कर उसके बीच रहता है । डॉ. पांडेय के मुताबिक ढाई सेमी लंबे ट्राइकोपटेरा जीव को दिल्ली स्थित प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की बायोमानिरटिंग सेल ने देश में पहली बार इतना बड़ा जीव मिलना बताया है । यह जीवन जितना बड़ा होता है, उतना ही वहां का पानी शुद्ध माना जाता है । बरहहाल , प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वैज्ञानिक डॉ. रीता कोरी नर्मदा घाटों पर मिले जीवों के आधार पर पानी की गुणवत्ता का विश्लेषण कर रही हैं । यह रिपोर्ट केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दिल्ली भेजी जाएगी । म.प्र. में अभी तक सभी नदियों में नर्मदा नदी कम प्रदूषित मानी जाती थी। इस नये अध्ययन से स्थिति साफ हो गयी है कि प्रदेश में कोई भी नदी अब प्रदूषण मुक्त नहीं रह गयी है जो कि चिंता का विषय है । ***
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें