पॉलीडॉ. जगदीश लवानिया
डॉ. जगदीश लवानिया
खतरनाक हैं बहुत ही, पॉलीथिन उत्पाद ।गैस विषैली छोड़ते, जलने के भी बाद ।।पॉलीथिन गलता नहीं, दो जमीन में गाढ़ । बीजों की तो क्या चले, उग नहीं सकते झाड़ ।।थैले पॉलीथीन के , फैलाते बहुरोग ।फिर भी हम क्यों कर रहे, इनका अति उपयोग।।पॉलीथिन - अपशिष्ट से , नाली हों अवरूद्ध ।रूका हुआ जल बनाता, पर्यावरण अशुद्ध ।।पॉलीथिन के मत बनो, इतने आप गुलाम ।जिसके अधिक प्रयोग से लगेबिगड़ने काम ।।पॉलीथिन अपशिष्ट ने खतरा दिया बढ़ाय ।पर्यावरण विशुद्घ हो, ऐसा करो उपाय ।।प्रतिबन्धित हो जाएगी ,जिस दिन पॉलीथिन ।उस दिन दीखे देश की धरा ग्रीन ही ग्रीन ।।सब्जी लेने हेतु अब, थैला लीजे हाथ ।प्लास्टिक -पॉलीथिन का , छोड़ दीजिए साथ ।।प्लास्टिक कचरा बन गया, धरती का अभिशाप।सभी प्रदूषण से घिरे , हम हों या फिर आप ।।पॉलीथिन अपशिष्ट से , धरती पटती जाय ।उचित प्रबन्धन हो सके, ऐसा करो उपाय ।।
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