संपादकीय
भविष्य में भारत में हो्रगी सबसे अधिक आबादी
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार भारत वर्ष २०२८ तक चीन को पछाड़कर दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला देश बन जाएगा ।
रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में दुनिया की ७.२ अरब की आबादी वर्ष २०२५ तक आठ अरब के पार हो जाएगी । २५ साल बाद यानी २०५० तक ये आबादी और बढ़कर दस अरब से अधिक हो जाएगी ।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जनसंख्या में यह इजाफा मुख्य रूप से विकासशील देशों में होगा । जिन विकासशील देशों की आबादी फिलहाल पंाच अरब से ज्यादा है साल २०५० तक ये आंकड़ा आठ अरब के पार हो जाएगा । अफ्रीका, भारत, इंडोनेशिया, अमेरिका और फिलीपींस जैसे देशों की आबादी में इजाफा होगा ।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष २०५० तक कई विकासशील देश ऐसे होंगे, जहां जनसंख्या वृद्धि अन्य देशों की तुलना में कम होगी । वहीं करीब ४९ विकासशील देश ऐसे होंगे, जहां की जनसंख्या ९० करोड़ से बढ़कर वर्ष २०५० में १.८ अरब तक पहुंच जाएगी । वर्ष २०५० तक नाइजीरिया की जनसंख्या अमेरिका की जनसंख्या से कहीं आगे निकल जाएगी । संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के जनसंख्या प्रभाग के निदेशक जॉन विल्मॉथ ने कहा कि कुछ मामलों में, प्रजनन के वास्तविक स्तर में हालिया वर्षो में वृद्धि हुई है । अन्य मामलों में पूर्व के अनुमान बहुत कम थे ।
भविष्य के संकेतों में कहा गया है कि अगले कुछ दशकों में प्रजनन दर में बदलाव का आबादी और जनजीवन पर दूरगामी एवं बड़ा असर पड़ सकता है । आने वाले वर्षो में विकसित और विकासशील देशों में जीवन प्रत्याशा बढ़ने का अनुमान है । वैश्विक स्तर पर वर्ष २०४५-२०५० में यह ७६ साल और २०९५-२१०० में ८२ साल हो सकती है । सदी के अंत तक विकसित देशों में लोगों की औसत आयु ८९ साल और विकासशील देशों में औसत आयु ८१ साल होगी ।
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार भारत वर्ष २०२८ तक चीन को पछाड़कर दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला देश बन जाएगा ।
रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में दुनिया की ७.२ अरब की आबादी वर्ष २०२५ तक आठ अरब के पार हो जाएगी । २५ साल बाद यानी २०५० तक ये आबादी और बढ़कर दस अरब से अधिक हो जाएगी ।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जनसंख्या में यह इजाफा मुख्य रूप से विकासशील देशों में होगा । जिन विकासशील देशों की आबादी फिलहाल पंाच अरब से ज्यादा है साल २०५० तक ये आंकड़ा आठ अरब के पार हो जाएगा । अफ्रीका, भारत, इंडोनेशिया, अमेरिका और फिलीपींस जैसे देशों की आबादी में इजाफा होगा ।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष २०५० तक कई विकासशील देश ऐसे होंगे, जहां जनसंख्या वृद्धि अन्य देशों की तुलना में कम होगी । वहीं करीब ४९ विकासशील देश ऐसे होंगे, जहां की जनसंख्या ९० करोड़ से बढ़कर वर्ष २०५० में १.८ अरब तक पहुंच जाएगी । वर्ष २०५० तक नाइजीरिया की जनसंख्या अमेरिका की जनसंख्या से कहीं आगे निकल जाएगी । संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के जनसंख्या प्रभाग के निदेशक जॉन विल्मॉथ ने कहा कि कुछ मामलों में, प्रजनन के वास्तविक स्तर में हालिया वर्षो में वृद्धि हुई है । अन्य मामलों में पूर्व के अनुमान बहुत कम थे ।
भविष्य के संकेतों में कहा गया है कि अगले कुछ दशकों में प्रजनन दर में बदलाव का आबादी और जनजीवन पर दूरगामी एवं बड़ा असर पड़ सकता है । आने वाले वर्षो में विकसित और विकासशील देशों में जीवन प्रत्याशा बढ़ने का अनुमान है । वैश्विक स्तर पर वर्ष २०४५-२०५० में यह ७६ साल और २०९५-२१०० में ८२ साल हो सकती है । सदी के अंत तक विकसित देशों में लोगों की औसत आयु ८९ साल और विकासशील देशों में औसत आयु ८१ साल होगी ।
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