दिल्ली मेट्रो ने पेड़ बचाने के लिए मार्ग बदला
दिल्ली मेट्रो ने कुछ पेड़ों को बचाने के लिए पूर्व निर्धारित मार्ग मेंफेरबदल कर दिया । कंपनी के वरिष्ठ आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक दूसरे चरण में केंद्रीय सचिवालय, रेल भवन से गुड़गांव के सुशांत लोक जाने वाले मार्ग मेंरेसकोर्स (प्रधानमंत्री निवास) के पास महज १५ पेड़ों को बचाने के लिए मार्ग में थोड़ा बदलाव कर दिया गया । पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार उद्योग भवन के बाद रेसकोर्स मेट्रो स्टेशन बनना है । वहाँ से एयर फोर्स स्टेशन के पीछे से जोरबाग की ओर मेट्रो मार्ग निकल जाता है । इसका अगला पड़ाव आईएनए है । पहले जो ब्ल्यू प्रिंट तैयार हुआ था, उसके मुताबिक रेसकोर्स के पास ढेर सारे पेड़ काटने पड़ते । कम से कम पेड़ काटने की नीति पर अमल करते हुए मेट्रो अभियंताआे ने मार्ग में थोड़ा सा फेरबदल किया, जिस कारण १५ पेड़ बच गए । हालाँकि इस कवायद में मेट्रो की लागत कुछेक करोड़ रूपए बढ़ गई । मेट्रो प्रवक्ता का कहना है कि किसी मेट्रो मार्ग के निर्माण में अरबों रूपए की लागत आती है ।
ऐसे में पर्यावरण की रक्षा के लिए कुछ करोड़ रूपए ज्यादा खर्च हो गए तो क्या हर्ज है । परियोजना के पहले चरण के दौरान दिल्ली मेट्रो को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सरकार से कंपनी को ११ हजार ७७६ पेड़ काटने का आदेश मिला था। इसके विपरीत सूझ- बूझ एवं मार्ग में मामूली फेरबदल करते हुए १९०० पेड़ बचा लिए गए । दूसरे चरण में दिल्ली मेट्रो को आवंटित भूमि के अलावा भी कुछ भूमि मिली है जो कुछ ही अवधि के लिए है। ऐसी भूमि पर निर्माण कार्य के दौरान साजो सामान, मिट्टी , मलबा आदि निर्माण सामग्री रखी जाती है । कुछ जमीन वैकल्पिक मार्ग के लिए भी मिलती है । इस बार निर्णय लिया गया है कि ऐसी भूमि पर पेड़ों को काटा नहंी जाएगा उल्लेखनीय है कि दिल्ली मेट्रो दुनिया में पहली उपनगरीय मेट्रो प्रणाली है जिसे निर्माण कार्य के लिए आईएसओ १४००१ प्रमाण पत्र मिला है ।
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