मंगलवार, 3 जून 2008

१५ पर्यावरण समाचार

एक हजार पेड़ बचाने के लिये मुख्यमंत्री को पत्र
पर्यावरणविद् डॉ. खुशालसिंह पुरोहित ने पश्चिमी म.प्र. में लेबड़-जावरा फोरलेन सड़क निर्माण में अनावश्यक रुप से काटे जा रहे पेड़ो को बचानेे की गुहार लगाई है । मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को लिखी चिट्ठी में उन्होने कहा कि करीब एक हजार पेड़ो को अनावश्यक रुप से कटने से बचाया जा सकता है । डॉ. पुरोहित ने बताया कि लेबड़ से जावरा (बरगढ़ फंटे तक) की १२५ किमी लंबी फोरलेन सड़क के निर्माण का ठेका मुंबई की वेेस्टर्न एमपी इन्फास्ट्रक्चर एंड टोल रोड प्रा.लि.कंपनी को दिया गया है। इस कंपनी ने टोटल प्रोजेक्ट मैनेजमेंट का ठेका स्तुप कंसलटेंसी मुंबई को दिया है । पिछले दिनों स्तुप कंसलटेंसी द्वारा तैयार (सड़क चौड़ीकरण) योजना के आधार पर बने भूअर्जन प्रकरणोंमें कलेक्टर रतलाम ने अवार्ड भी पारित कर दिये है । जिले में फोरलेन निर्माण के लिए सड़क के दोनो ओर के ११५६० पेड़ काटने की अनुमति जिला प्रशासन से ली गई है । इसमें से करीब ७ हजार पेड़ कट भी गए है । दु:खद पहलू यह है कि पेड़ो को कटने से बचाने के लिए किसी भी संभावना पर विचार न करके बेरहमी से करीब २ हजार पेड़ो की अनावश्यक कटाई हो चुकी है । डॉ. पुरोहित का कहना है कि सड़क के बाएँ और जहाँ निर्माण होना है, वहाँ दाई ओर के पेड़ काटने और दाइंर् ओर के निर्माण वाले स्थानो पर बाई ओर के पेड़ काटने का क्या औचित्य है ? अभी १३ गाँवों के पेड़ काटना शेष हैं । यदि संवेदनशील दृष्टिकोण से कार्य किया जाए तो १ हजार पेड़ों को अनावश्यक रूप से कटने से बचाया जा सकेगा । इन पेड़ों में नीम, बबूल, शीशम, करंज, आम और अमलतास जैसे पेड़ शामिल हैं । डॉ. पुरोहित ने विरल वन वाले मालवा क्षेत्र के लिए मुख्यमंत्री श्री चौहान से पेड़ों को बचाने की दिशा में कारगर कदम उठाने का आग्रह किया है । ***

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