लिंगानुपात में पिछड़ता भारत
प्रसंंगवश लिंग अनुपात के मामले में भारत अपने पड़ोसी देशों व दुनिया के कई बड़े देशों से पिछड़ गया है । भारत में प्रति १००० पुरूषों पर ९४० महिलाएं हैं । आजादी के समय यह अनुपात ९४४ था । पड़ोसी देशों में नेपाल में प्रति १००० पुरूषों पर १०४१महिलाएं हैं । इंडोनेशिया में १०००/१००४ और चीन में १०००/९४४ का अनुपात है । पाकिस्तान भी लिंग अनुपात में ९३८ के आंकड़े के साथ भारत की बराबर पर पहुंच रहा है ।
वर्ल्डफेक्ट बुक की रिपोर्ट बताती है कि एशिया ही नहीं ज्यादा आबादी वाले अन्य कई देशों में लिंग अनुपात भारत से अधिक है । अधिकांश विकसित देशों में तो महिलाआें की तादाद पुरूषों से अधिक दर्ज की गई है ।
भारत में मौजूद मुख्य धार्मिक समुदायों को आधार मान कर गणना करने से पता चलता है कि ईसाई संप्रदाय में लिंग अनुपात सबसे अधिक है । दूसरे नंबर पर मुस्लिम व तीसरे पर हिन्दू हैं । लिंग अनुपात के लिए ०-६ वर्ष के बच्चें की गणना की गई । इस आधार पर ईसाई संप्रदाय में लिंग अनुपात ९६४ है, लेकिन यह समूह देश की कुल आबादी का महज २.३ प्रतिशत है । मुस्लिमों में समुदाय में स्थिति राष्ट्रीय औसत से बेहतर है । पिछली जनगणना के मुताबिक इस समुदाय में प्रत्येक १००० पुरूषों पर ९५० महिलाएं हैं । वहीं सिख समुदाय में लिंग अनुपात सबसे कम ७८६ बताया गया है । जैन संप्रदाय में यह अनुपात ८७० है । देश की ८०.५ प्रतिशत आबादी हिन्दुआें की है और इस समुदाय का लिंग अनुपात ९२५ है ।
देश लिंग अनुपात
नेपाल १०४१
इंडोनेशिया १००४
चीन ९४४
ब्राजील १०२५
अमेरिका १०२९
रूस ११४०
जापान १०४१
नाइजीरिया १०१६
फ्रांस १०४१
वियतनाम १०२०
इजरायल १०००
वर्ल्ड फेक्टबुक द्वारा जारी आंकड़े बताते हैं कि समूचे विश्व में औसतन प्रत्येक १००० पुरूषों पर ९९० महिलाएं हैं । वैश्विक औसत भारत की औसत लिंग अनुपात की तुलना में काफी अधिक है । इस रिपोर्ट के मुताबिक ब्राजील, अमेरिका, रूस, जापान, नाईजीरिया, फ्रांस वियतनाम व इजरायल जैसे देशों में लिंग अनुपात भारत से अधिक है।
गणेश भट्ट, नईदिल्ली
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