शुक्रवार, 7 सितंबर 2012

पर्यावरण समाचार
घरों में मोबाइल टावर के खिलाफ  कार्रवाई

    मोबाइल टावर लगान वाली कंपनियों को अब इस बात का ख्याल रखना होगा कि उनके टावर के आसपास कोई मकान न हो । मोबाइल कंपनियों को भी ज्यादा विकिरण पैदा करने वाले हैडसेट का निर्माण बंद करना होगा । केन्द्र सरकार ने मोबाइल टावरों से प्रसारित होने वाले विकिरण और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले इसके असर के मद्देनजर पिछले  दिनों कड़े दिशा-निर्देश जारी कर दिए । लागू होने वाले इन दिशा-निर्देशों का असर मोबाइल नेटवर्क पर भी पड़ सकता  है ।
    संचार, सूचना व प्रौघोगिकी मंत्री कपिल सिब्बल का कहना है कि तकनीक को आगे बढ़ाने का मतलब यह नहीं कि आम जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो । नए दिशा-निर्देशों के मुताबिक कंपनियों को ऐसी व्यवस्था करनी होगी कि मोबाइल टावरों से होने वाले विकिरण में ९० फीसदी तक कमी आ सके । इनकी निगरानी टेलीकॉम इन्फोर्समेंट  रिसोर्स एंड मॉनीटरिंग (टीईआरएम) संस्था करेगी । नीतियों का पालन नहीं करने वाली कंपनियों के खिलाफ भारी आर्थिक जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है । दिशा-निर्देशों के मुताबिक ज्यादा विकिरण करने वाले मोबाइल हैडसेटों का निर्माण ३१ अगस्त २०१३ तक बंद करने की बात कही गई है । कंपनियों को हैंडसेटों से होने वाले विकिरण की जानकारी प्रमुखता से प्रदर्शित करने को कहा गया है ।
    नए दिशा-निर्देश में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि टावरों पर लगे एंटीना के सामने कोई घर नहीं होना चाहिए । अगर छत के ऊपर टावर लगाया गया है तो उसमें एक से ज्यादा एंटीना नहीं होने चाहिए । दो एंटीना वाले टावरों से निकटतम मकान की दूरी ३५ मीटर तय की गई है । अगर १२ एंटीना वाला टावर है तो उसमें ७५ मीटर की दूरी पर ही मकान होने की बात कही गई है ।

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