पर्यावरण समाचार
वन विहार में दिखेंगे पचमढ़ी और अमरकंटक
मध्यप्रदेश की नैसर्गिक वन संपदा, वन्यप्राणी और आसमान छूती पर्वत श्रृंखलाआें को देखकर लोग अभिभूत हो जाते हैं । इस प्राकृतिक खजाने को निहारने के लिए पर्यटकों को आने वाले सालों में दुर्गम रास्तो ंपर, जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी । वन विभाग वन विहार नेशनल पार्क मेंप्रदेश के प्रसिद्ध वन स्थलों के हुबहू मॉडल स्थापित करने जा रहा है । इसमें पचमढ़ी का धूपगढ़ भी दिखेगा और अमरकंटक की गुफांए भी नुमाया होगी ।
सेंट्रल फॉर इन्वायरमेंट एजुकेशनअहमदाबाद (सीईई) की सलाह से पार्क में स्थापित होने वाला यह मॉडल करीब डेढ़ एकड़ में फैला होगा । इसके लिए विहार वीथिका के भवन को हटाया जाएगा । विभाग इस पर करीब ५ करोड़ रूपए खर्च करेगा । इसके बनने के बाद न सिर्फ पार्क की आमदनी बढ़ जाएगी, बल्कि प्रदेश के पर्यटकों को दुर्लभ वनस्पति, पक्षी, जानवर और उनसे जुड़ा साहित्य एक जगह देखने-पढ़ने को मिलेगा । मॉडल को मनमोहक बनाने के लिए ध्वनि और प्रकाश का सामंजस्य बैठाया जाएगा ।
यह मॉडल विश्व स्तर का होगा और इसका नाम स्टेट ऑफ आर्ट रखा जा रहा है । मॉडल में सतपुड़ा विध्याचल की पर्वत श्रृंखलाआें के अलावा, वहां की नदियां, तालाब, झरने, गगन चूमती चोटियां, जानवर, पक्षी और अन्य विशेषताएं प्रदर्शित की जाएंगी । विभाग यह भी बताएगा कि किस जंगल के किस हिस्से में क्या विशेष मिलता है ।
अगले ३४ सालों में दिखेगा क्लाइमेट चेंज
ग्लोबल वार्मिग के नतीजे पृथ्वी पर आए दिन की प्राकृतिक आपदाआें और मौसम में परिवर्तन के रूप में नजर आने ही लगे हैं । लेकिन अगले सिर्फ ३४ सालों में पर्यावरण में इतने भीषण बदलाव देखने को मिलेंगे जिनकी अभी कल्पना करना भी मुश्किल है । इस वक्त में प्राकृतिक आपदाआें का स्वरूप अधिक भीषण और विकराल होने वाला है । प्राकृतिक आपदाआें का विकट रूप सबसे अधिक कटिबंधीय क्षेत्रों में सबसे अधिक दिखेगा । विषवत रेखा के दोनों तरफ आने वाले क्षेत्रों में इलाके सबसे अधिक प्रभावित होगें ।
वन विहार में दिखेंगे पचमढ़ी और अमरकंटक
मध्यप्रदेश की नैसर्गिक वन संपदा, वन्यप्राणी और आसमान छूती पर्वत श्रृंखलाआें को देखकर लोग अभिभूत हो जाते हैं । इस प्राकृतिक खजाने को निहारने के लिए पर्यटकों को आने वाले सालों में दुर्गम रास्तो ंपर, जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी । वन विभाग वन विहार नेशनल पार्क मेंप्रदेश के प्रसिद्ध वन स्थलों के हुबहू मॉडल स्थापित करने जा रहा है । इसमें पचमढ़ी का धूपगढ़ भी दिखेगा और अमरकंटक की गुफांए भी नुमाया होगी ।
सेंट्रल फॉर इन्वायरमेंट एजुकेशनअहमदाबाद (सीईई) की सलाह से पार्क में स्थापित होने वाला यह मॉडल करीब डेढ़ एकड़ में फैला होगा । इसके लिए विहार वीथिका के भवन को हटाया जाएगा । विभाग इस पर करीब ५ करोड़ रूपए खर्च करेगा । इसके बनने के बाद न सिर्फ पार्क की आमदनी बढ़ जाएगी, बल्कि प्रदेश के पर्यटकों को दुर्लभ वनस्पति, पक्षी, जानवर और उनसे जुड़ा साहित्य एक जगह देखने-पढ़ने को मिलेगा । मॉडल को मनमोहक बनाने के लिए ध्वनि और प्रकाश का सामंजस्य बैठाया जाएगा ।
यह मॉडल विश्व स्तर का होगा और इसका नाम स्टेट ऑफ आर्ट रखा जा रहा है । मॉडल में सतपुड़ा विध्याचल की पर्वत श्रृंखलाआें के अलावा, वहां की नदियां, तालाब, झरने, गगन चूमती चोटियां, जानवर, पक्षी और अन्य विशेषताएं प्रदर्शित की जाएंगी । विभाग यह भी बताएगा कि किस जंगल के किस हिस्से में क्या विशेष मिलता है ।
अगले ३४ सालों में दिखेगा क्लाइमेट चेंज
ग्लोबल वार्मिग के नतीजे पृथ्वी पर आए दिन की प्राकृतिक आपदाआें और मौसम में परिवर्तन के रूप में नजर आने ही लगे हैं । लेकिन अगले सिर्फ ३४ सालों में पर्यावरण में इतने भीषण बदलाव देखने को मिलेंगे जिनकी अभी कल्पना करना भी मुश्किल है । इस वक्त में प्राकृतिक आपदाआें का स्वरूप अधिक भीषण और विकराल होने वाला है । प्राकृतिक आपदाआें का विकट रूप सबसे अधिक कटिबंधीय क्षेत्रों में सबसे अधिक दिखेगा । विषवत रेखा के दोनों तरफ आने वाले क्षेत्रों में इलाके सबसे अधिक प्रभावित होगें ।
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