गुरुवार, 14 नवंबर 2013

संपादकीय    
अब खुलेगा विदेशी कालेधन का राज
    पिछले दिनों टैक्स चोरों पर लगाम कसने और काले धन के खिलाफ लड़ाई में भारत समेत कई देशों को बड़ी कामयाबी मिली है । स्विट्जरलैंड ने अपनी बैंकिंग के रहस्यों पर पड़ा ताला तोड़ दिया है और वह टैक्स से जुड़े मामलों की जानकारी देने व इन मामलों में प्रशासकीय सहयोग के लिए राजी हो गया  है । कहा जाता है कि दुनिया के सभी प्रमुख देशोंके तानाशाहों, उद्योगपतियों और राजनेताआें ने स्विस बैंकों में बड़ी मात्रा में कालाधन जमा कर रखा है, लेकिन स्विस सरकार की गोपनीयता की नीति की वजह से उनके खिलाफ कोई कार्र्रवाही नहीं की जा सकती थी ।
    टैक्स चोरों के खिलाफ चल रही अंतरराष्ट्रीय मुहिम के तहत हुए समझौते पर दस्तखत होने के साथ ही टैक्स चोरों को स्विस बैंको की गोपनीयता का फायदा नहीं मिल सकेगा । गौरतलब है कि भारत समेत दुनिया की साठ देशों की सरकारें लम्बे समय से स्विस बैंकों में जमा काले धन की जानकारी हासिल करने के प्रयास कर रही थी । बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण स्विट्जरलैंड ने ऑर्गनाइजेशन फॉर इकनॉमिक कॉपरेशन एण्ड डिवेलपमेंट (ओईसीडी) की पहल पर ६० देशों के साथ समझौता कर लिया है । इस समझौते के तहत् स्विट्जरलैंड  इन देशों द्वारा मांगे जाने पर फौरन सूचनाएं उपलब्ध कराएगा । ओईसीडी ने कई विकसित देशों के निर्देश पर टैक्स चोरी और काले धन के खिलाफ मुहिम शुरू की थी । माना जाता है कि दुनिया भर के टैक्स चोर स्विस बैंकों में ही अपना काल धन रखते हैं । भारत समेत दुनिया के तमाम देश भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्यवाही में स्विस बैंकों की गोपनीयता की वजह से परेशानी आ रही थी ।
    अनुमान है कि स्विस बैंकों में ९००० करोड़ रूप से भी अधिक कालाधन जमा है । इस समझौते के बाद विभिन्न देशों की सरकारें अपने देशों के नागरिकों के स्विस खातों की जानकारी हासिल कर सकेगी, जिसकी कि वह लम्बे समय से मांग कर रही थी । स्विस बैंक में जमा कालेधन को देश में वापस लाने की मांग को इससे काफी सहायता मिलेगी । 

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