पर्यावरण समाचार
भारतीय युवाआें में १३.३ फीसदी बेरोजगार
देश में २०१२-१३ में १५ से २९ के युवाआें में बेरोजगारी की दर १३.३ प्रतिशत रही । सरकार की एक रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है । श्रम मंत्रालय की रिपोर्ट युवा रोजगार - बेरोजगार परिदृश्य २०१२-१३ में एक और दिलचस्प तथ्य सामने आया है कि ऐसे लोग जो लिख पढ़ नहीं सकते यानी निरक्षर है उनके बीच बेरोजगारी की दर निचले ३.७ फीसद के स्तर पर रही ।
रिपोर्ट में यह तथ्य भी सामने आया है कि वास्तव में जिन लोगों को रोजगार मिला हुआ है, वे अपनी शैक्षणिक योग्यता से कम की नौकरी कर रहे है और ऐसे में समाज मूल्यावन कौशल गंवा रहा है जिससे मजबूत उत्पादकता प्रभावित हो रही है । यह रिपोर्ट मंत्रालय के तहत चंडीगढ़ श्रम ब्यूरो ने तैयार की है । इसके तहत अक्टूबर २०१२ से मई २०१३ के दौरान सभी राज्यों में सर्वेक्षण किया गया । सर्वेक्षण के आधार पर रिपोर्ट में कहा गया है, अखिल भारतीय स्तर पर १५ से २९ साल की आयु के १००० लोगों में १३३ बेरोजगार थे ।
प्रतिशत के हिसाब से यह आंकड़ा १३.३ फीसद बैठता है । सर्वेक्षण में कहा गया है कि १५ से २९ साल के प्रत्येक तीन युवाआें में एक ने कम से कम स्नातक किया हुआ और वह बेरोजगार है । ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी की दर स्नातकों के बीच ३६.६ प्रतिशत पाई गई । वहीं शहरी क्षेत्रों में यह आंकड़ा २६.५ फीसदी का रहा । सर्वेक्षण में बताया गया है कि १५ से २९ साल की उम्र के लोगों में जिन लोगों को रोजगार मिला हुआ है । उनमें से ज्यादातर या तो स्वरोजगार में है या फिर अस्थायी कामगार है ।
यह सर्वेक्षण कुल १,३३,३५४ परिवारों के बीच किया गया । इनमें से ८२६२४ परिवार ग्रामीण क्षेत्रों के और ५०,७३० शहरी क्षेत्रों के हैं । सर्वेक्षण के अनुसार १५ से २५ साल की आयु वर्ग की रोजगार में भागीदारी ३१.२ प्रतिशत, १८ से २९ साल की आयु वर्ग में ४७.३ तथा १५ से २९ साल की आयु वर्ग में ३९.५ फीसद की रोजगार में भागीदारी है ।
भारतीय युवाआें में १३.३ फीसदी बेरोजगार
देश में २०१२-१३ में १५ से २९ के युवाआें में बेरोजगारी की दर १३.३ प्रतिशत रही । सरकार की एक रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है । श्रम मंत्रालय की रिपोर्ट युवा रोजगार - बेरोजगार परिदृश्य २०१२-१३ में एक और दिलचस्प तथ्य सामने आया है कि ऐसे लोग जो लिख पढ़ नहीं सकते यानी निरक्षर है उनके बीच बेरोजगारी की दर निचले ३.७ फीसद के स्तर पर रही ।
रिपोर्ट में यह तथ्य भी सामने आया है कि वास्तव में जिन लोगों को रोजगार मिला हुआ है, वे अपनी शैक्षणिक योग्यता से कम की नौकरी कर रहे है और ऐसे में समाज मूल्यावन कौशल गंवा रहा है जिससे मजबूत उत्पादकता प्रभावित हो रही है । यह रिपोर्ट मंत्रालय के तहत चंडीगढ़ श्रम ब्यूरो ने तैयार की है । इसके तहत अक्टूबर २०१२ से मई २०१३ के दौरान सभी राज्यों में सर्वेक्षण किया गया । सर्वेक्षण के आधार पर रिपोर्ट में कहा गया है, अखिल भारतीय स्तर पर १५ से २९ साल की आयु के १००० लोगों में १३३ बेरोजगार थे ।
प्रतिशत के हिसाब से यह आंकड़ा १३.३ फीसद बैठता है । सर्वेक्षण में कहा गया है कि १५ से २९ साल के प्रत्येक तीन युवाआें में एक ने कम से कम स्नातक किया हुआ और वह बेरोजगार है । ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी की दर स्नातकों के बीच ३६.६ प्रतिशत पाई गई । वहीं शहरी क्षेत्रों में यह आंकड़ा २६.५ फीसदी का रहा । सर्वेक्षण में बताया गया है कि १५ से २९ साल की उम्र के लोगों में जिन लोगों को रोजगार मिला हुआ है । उनमें से ज्यादातर या तो स्वरोजगार में है या फिर अस्थायी कामगार है ।
यह सर्वेक्षण कुल १,३३,३५४ परिवारों के बीच किया गया । इनमें से ८२६२४ परिवार ग्रामीण क्षेत्रों के और ५०,७३० शहरी क्षेत्रों के हैं । सर्वेक्षण के अनुसार १५ से २५ साल की आयु वर्ग की रोजगार में भागीदारी ३१.२ प्रतिशत, १८ से २९ साल की आयु वर्ग में ४७.३ तथा १५ से २९ साल की आयु वर्ग में ३९.५ फीसद की रोजगार में भागीदारी है ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें