पर्यावरण समाचार
पीथमपुर में नहीं जलेगा यूका का जहरीला कचरा
यूनियन कार्बाइड के जहरीले रासायनिक कचरे को जलाने के लिए पीथमपुर में समय पर प्लांट न लगाना रामकी एनवायरो इंजीनियर्स को भारी पड़ गया । समय सीमा बीतने और नियमों का पालन नहीं करने के चलते मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कंपनी की अर्जीखारिज कर दी । ऐसे में अब कंपनी भोपाल से कचरा भी नहीं ला सकती है ।
रामकी एनवायरो इंजीनियर्स हैदाराबाद की एमपी वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट कंपनी ने वॉटर (प्रिवेंशन एण्ड कन्ट्रोल ऑफ पॉलूशन) एक्ट १९७४ की धारा (२५/२६) और एयर (प्रिवेशन एण्ड कन्ट्रोल ऑफ पॉलूशन) एक्ट १९७१ की धारा २१ के अन्तर्गत आवेदन दिया था । जिसके बाद केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कंपनी को मल्टी इफैक्ट इवेपारेटर प्लांट लगाने के निर्देश दिए थे । इस शर्त को पूरा नहीं करने के कारण म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कंपनी का आवेदन खारिज कर दिया है । बताया जाता है कि रामकी प्रबंधन करोड़ों रूपए की लागत से लगने वाले एमईई प्लांट के स्थान पर सामान्य स्प्रे ड्रायर से वैकल्पिक रूप से काम चलाने पर जोर दे रहा था ।
प्लांट लगाने के अलावा कंपनी कचरे को जलाने के लिए प्रदूषण बोर्ड को अपनी योजना से संतुष्ट नहीं कर पाई है । अब भोपाल से यूनियन कार्बाइड का कचरा भी कंपनी नहीं ला सकती है और न ही स्टोरेज की अनुमति है । सुप्रीम कोर्ट ने सामान्य पारिस्थितियों में रामकी को कचरा जलाने के निर्देश दिए थे ।
प्रदेश में औघोगिक अपशिष्ट नष्ट करने के लिए कंपनी को ही अधिकृत किया गया है । अब अनुमति नहीं मिलने की स्थिति में प्रदेशभर के उद्योगों के सामने संकट खड़ा हो गया है कि वे अपनी कंपनियों का कचरा कहां और कैसे नष्ट करेंगे ।
पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के खतरनाक अपशिष्ट के निपटान का लम्बे समय से विरोध कर रहे लोकमैत्री संगठन ने मध्यप्रदेश प्रदूषण निवारण मण्डल के कदम को जनता के हित में लिया गया फैसला बताया और कहा कि रामकी द्वारा स्थापित भस्मक को तारापुरा गांव की आबादी से ५०० मीटर दूर स्थापित किया जाए ।
पीथमपुर में नहीं जलेगा यूका का जहरीला कचरा
यूनियन कार्बाइड के जहरीले रासायनिक कचरे को जलाने के लिए पीथमपुर में समय पर प्लांट न लगाना रामकी एनवायरो इंजीनियर्स को भारी पड़ गया । समय सीमा बीतने और नियमों का पालन नहीं करने के चलते मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कंपनी की अर्जीखारिज कर दी । ऐसे में अब कंपनी भोपाल से कचरा भी नहीं ला सकती है ।
रामकी एनवायरो इंजीनियर्स हैदाराबाद की एमपी वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट कंपनी ने वॉटर (प्रिवेंशन एण्ड कन्ट्रोल ऑफ पॉलूशन) एक्ट १९७४ की धारा (२५/२६) और एयर (प्रिवेशन एण्ड कन्ट्रोल ऑफ पॉलूशन) एक्ट १९७१ की धारा २१ के अन्तर्गत आवेदन दिया था । जिसके बाद केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कंपनी को मल्टी इफैक्ट इवेपारेटर प्लांट लगाने के निर्देश दिए थे । इस शर्त को पूरा नहीं करने के कारण म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कंपनी का आवेदन खारिज कर दिया है । बताया जाता है कि रामकी प्रबंधन करोड़ों रूपए की लागत से लगने वाले एमईई प्लांट के स्थान पर सामान्य स्प्रे ड्रायर से वैकल्पिक रूप से काम चलाने पर जोर दे रहा था ।
प्लांट लगाने के अलावा कंपनी कचरे को जलाने के लिए प्रदूषण बोर्ड को अपनी योजना से संतुष्ट नहीं कर पाई है । अब भोपाल से यूनियन कार्बाइड का कचरा भी कंपनी नहीं ला सकती है और न ही स्टोरेज की अनुमति है । सुप्रीम कोर्ट ने सामान्य पारिस्थितियों में रामकी को कचरा जलाने के निर्देश दिए थे ।
प्रदेश में औघोगिक अपशिष्ट नष्ट करने के लिए कंपनी को ही अधिकृत किया गया है । अब अनुमति नहीं मिलने की स्थिति में प्रदेशभर के उद्योगों के सामने संकट खड़ा हो गया है कि वे अपनी कंपनियों का कचरा कहां और कैसे नष्ट करेंगे ।
पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के खतरनाक अपशिष्ट के निपटान का लम्बे समय से विरोध कर रहे लोकमैत्री संगठन ने मध्यप्रदेश प्रदूषण निवारण मण्डल के कदम को जनता के हित में लिया गया फैसला बताया और कहा कि रामकी द्वारा स्थापित भस्मक को तारापुरा गांव की आबादी से ५०० मीटर दूर स्थापित किया जाए ।
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