9 कविता
गिरधारी लाल मौर्य
जीवन की साँस का बना आधार एक पौधा।
सारे प्रदूषणों का उपचार एक पौधा॥
पीता है जहर खुद ही औ प्राण वायु देता।
जो बाँटता है अमृत सबकी व्यथा है लेता॥
पीकर गरल है शम्भु का औतार एक पौधा।
सारे प्रदूषणों का उपचार एक पौधा॥
जीवन सभी को देता दूषित हवा में जीकर।
शीतल-समीर देता आतप-अनल को पीकर॥
देना सदा ही सीखा खुद्दार एक पौधा।
सारे प्रदूषणों का उपचार एक पौधा॥
सैलाव हो या सूखा किरदार इसका न्यारा।
कण-कण को बाँधता है धरती का ये दुलारा॥
भूगर्भ के भण्डार का है द्वार एक पौधा।
सारे प्रदूषणों का उपचार एक पौधा॥
वारिद से बँद-बँद का याची है एक पौधा।
दुर्भिक्ष के दिनों का साथी है एक पौधा॥
कैसा मिला है सृष्टि को उपहार एक पौधा।
सारे प्रदूषणों का उपचार एवं पौधा॥
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