पर्यावरण बदलने से भूखमरी का खतरा!
दुनिया की जानी-मानी संस्था ऑक्स्फैम का कहना है कि पर्यावरण में हो रहें बदलावों के कारण ऐसी भूखमरी फैल सकती है, जो इस सदी की सबसे बड़ी मानवीय त्रासदी साबित होगी । इस अंतर्राष्ट्रीय चैरिटी की नई रिपोर्ट के अनुसार पर्यावरण में बदलाव गरीबी और विकास से जुड़े हर मुद्दे पर प्रभाव डाल रहा है । इटली में जी-आठ देशों के सम्मेलन से पहले ऑक्सफैम ने धनी देशों के नेताआें से अपील की है कि वे कार्बन उत्सर्जन में कमी करें । साथ ही गरीब देशों की मदद के लिए १५० अरब डॉलर की राशि की व्यवस्था करें । ऑक्सफैम का कहना है जलवायु परिवर्तन के कारण एशिया, अफ्रीका और लातिन अमरीकी देशों में गरीब लोग और गरीब होते जा रहे हैं । इन देशों मेें गरीब लोग और गरीब होते जा रहे हैं । इन देशों मेंकिसानों ने ऑक्सफैम से कहा है कि बरसात का मौसम बदल रहा है जिससे उनको खेती में दिक्कतें हो रही हैं । ये किसान कई पीढ़ियों से खेती के लिए मौसमी बरसात पर ही निर्भर रहे हैं । लेकिन, अब बदलते मौसम के कारण उन्हें नुकसान हो रहा है । रिपोर्ट के अनुसार भारत और अफ्रीकी देशोंं में बारिश के मौसम में बदलाव के कारण अगले दस वर्षोंा मेंे मक्का के उत्पादन में पंद्रह फीसद की गिरावट आ सकती है । इतना ही नहीं बढ़ती गर्मी के कारण मलेरिया जैसी बीमारियाँ फैल रही हैं । उन इलाकों में भी मलेरिया फैल रहा है । जहाँ पहले इसके फैलने की संभावनाएँ नहीं थीं । मौसम के बारे में सही अनुमान नहीं लग रहे हैं और दुनिया के कई इलाकों में अप्रत्याशित तौर पर बाढ़, आँधी, तूफान और जंगलो में आग लगने की घटनाएँ बढ़ गई हैं । ऑक्सफैम ने धनी देशों से अपील की है कि जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए वे निजी तौर पर जिम्मेदारी लें और निष्पक्ष तरीके से काम करें ताकि एक मानवीय त्रासदी को रोका जा सके। रिपोर्ट के अनुसार औद्योगिक देशों को अपने कार्बन उत्सर्जन में २०२० तक कम से कम ४० फीसद की गिरावट करनी चाहिए। इतना ही नहीं धनी देशों को गरीब देशों की मदद के लिए १५० अरब डॉलर का एक कोष तैयार करना चाहिए ताकि इन देशों को अपना कार्बन उत्सर्जन कम करने और बड़ी चुनौतियों से निपटने में मदद मिले । ***
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