गुरुवार, 22 मार्च 2012

पर्यावरण समाचार

यूनियन कार्बाइड के कचरे को जलाने का विरोध

यूनियन कार्बाइड के ३४६ टन खतरनाक अपशिष्ट को पुन: पीथमपुर में लाकर जलाए जाने के निर्णय पर लोक मैत्री समूह (इंदौर) की आयोजित आपातकालीन बैठक में उग्र विरोध करने का निर्णय लिया गया है । बैठक में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. भरत छपरवाल, समाजशास्त्री प्रो. आरडी प्रसाद, डॉ. गौतम कोठारी,इंटक नेता श्यामसुंदर यादव एवं महेंद्र सिकरवार, जवाहर राठौर आदि प्रमुख सदस्यों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय भारत शासन के अतंर्गत गठित टास्क फोर्स समिति द्वारा युनियन कार्बाइड के अपशिष्ट को पीथमपुर में जलाए जाने की अनुशंसा अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है ।
लोक मैत्री द्वारा पूर्व में भी इस कचरे को रामकी इनवायरो इंजीनियर्स के म.प्र. वेस्ट मैनेजमेंट साइट पीथमपुर के भस्मक में जलाए जाने का भरपूर विरोध किया था और १० जुलाई २०१० को तत्कालीन पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने पीथमपुर के अपने दौरे के दौरान ही यूका के कचरे को पीथमपुर मेंजलाए जाने के निर्णय को वापस लिया था । मंत्री श्री रमेश ने यूका कचरे से संबंधित मामला ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (जीओएम) के समक्ष रखा था, जहां यह निर्णय हुआ था कि यूका का कचरा पीथमपुर मेंनहीं जलाया जाएगा और इसके लिए अन्य उपयुक्त स्थान की तलाश की जाएगी ।
टास्क फोर्स द्वारा यह निर्देश दिए गए हैं कि म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा पीथमपुर स्थित भस्मक को कचरे के उपचार, संग्रह व निपटान सुविधा के परीक्षण की अनुमति दी जाए व केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इसका परिवेक्षण करें एवं सफल निपटान के पश्चात म.प्र. प्रदूषण निवारण मंडल इस सुविधा को अपनी नियमित अनुमति दे । टास्क फोर्स द्वारा गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग म.प्र. प्रदूषण निवारण मंडल से पीथमपुर स्थित सुविधा को खतरनाक अपशिष्ट (प्रबंधन, हस्तालन एवं परिवहन) नियम २००८ के अंतर्गत यूनियन कार्बाइड के १० मीट्रिक टन टॉक्सिक वेस्ट को पीथमपुर भिजवाने की अनुमति दिलाने में सहयोग करें तथा केंद्रीय प्रदूषण निवारण मंडल दो माह के अंदर इस खतरनाक अपशिष्ट के भस्मीकृत करने के लिए परिक्षण बतौर पर्यवेक्षण करते हुए टास्क फोर्स को प्रतिवेदन सौंपे ।

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