गुरुवार, 18 दिसंबर 2014

 पर्यावरण समाचार
भोपाल गैस त्रासदी पूरे हुए ३० साल
    दो और तीन दिसम्बर १९८४ की दरम्यानी रात को भोपाल में हुई विश्व की भीषणतम गैस त्रासदी के तीस साल बीत जाने के बावजूद प्रशासन न तो अभी तक इस कांड के मृतकों से जुड़े आंकड़े उपलब्ध करा सका है और न ही इस कांड के लिए जिम्मेदार यूनियन कार्बाइड परिसर में रखे गये ३५० मीट्रिक टन कचरे को ही वहां से हटाया जा सका है । केन्द्रीय राज्य सरकारों की तरफ से अभी तक गैस कांड के कारण मृत ५२९५ व्यक्तियों के परिजन को मुआवजा दिया गया है । लेकिन दूसरी तरफ भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एेंड ऐक्शन की कार्यकर्ता रचना ढींगरा ने कहा कि पिछले तीस सालों में गैस कांड के चलते मरने वालों का आंकड़ा २५ हजार को पार कर गया है लेकिन मध्यप्रदेश सरकार द्वारा केवल ५२९५ को ही मुआवजा दिया गया है ।
    वर्ष २०१२ में जारी एक सरकारी विज्ञिप्त् के अनुसार, राज्य सरकार ने भोपाल गैस कांड को लेकर गठित मंत्री समूह से १५३४२ मृतकों के परिजनों को देने के लिए १०-१० लाख रूपये की सहायता राशि की मांग की थी ।
    भोपाल गैस कांड की ३०वीं बरसी पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीड़ितों के परिजनों को नौकरी देने का ऐलान किया है । इससे पहले संसद में इस हादसे में मारे गये हजारों लोगों को  श्रद्धांजलि दी गई । लोकसभा में अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने त्रासदी का जिक्र करतेहुए कहा कि आज ही के दिन भोपाल को भीषण औद्योगिक दुर्घटना का सामना करना पड़ा था जिसमें हजारों लोगों की मृत्यु हो गई और अन्य अनेक लोग जानलेवा मिथाइल आइसो-साइनेट गैस के प्रभाव में आने के कारण अशक्त बना देने वाली गंभीर बीमारियों के शिकार हो गए ।

अब मध्यप्रदेश में बनेंगे स्मार्ट गांव  
    मध्यप्रदेश में पांच करोड़ से ज्यादा की आबादी गांवों में निवास करती है । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आदर्श गांव बनाने की योजना के बाद मध्यप्रदेश सरकार अब प्रदेश के गांवों को स्मार्ट ग्राम बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है ।
    सूत्रों के अनुसार आदर्श ग्राम योजना तथा पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर द्वारा चलाई गई गोकुल ग्राम योजना से आगे बढ़कर अब केन्द्र के स्मार्ट सिटी की तरह स्थान पर प्रदेश सरकार स्मार्ट गांव बनाने की योजना पर काम कर रही है । यदि सबकुछ ठीक रहा तो प्रदेश के लगभग एक हजार गांवों में स्मार्ट ग्राम योजनाआें पर अमल की दिशा में कार्य शुरू होगा । प्रदेश के कुछ जिलों में प्रत्येक विकासखण्ड के १५-१५ गांवों को स्मार्ट ग्राम में तब्दील करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्यशुरू किया जाएगा । वहीं कुछ विकासखण्डों में २० से २५ गांवों को जनपदों के माध्यमों से स्मार्ट गांव के लिए बजट स्वीकृत कर कार्य प्रारंभ किया जाएगा । स्मार्ट गांव में स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास योजनाआें पर ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों की सहभागिता तथा सलाह को भी सरकार प्राथमिकता देगी ।
    वैसे तो सरकार प्रदेश के सभी गांवों को स्मार्ट ग्राम योजना के तहत विकसित करने की दिशा में कई योजनाएं ला रही है परन्तु पहले प्रत्येक जिले के एक दर्जन गांव में प्रयोग कर स्मार्ट ग्राम योजनाआें से परिपूर्ण कर सर्वसुविधा युक्त आदर्श ग्राम योजना जैसा बनाया जाएंगा । पीएम के निर्देश के बाद प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में एक आदर्श ग्राम सांसद बना रहे हैं, वहीं मध्यप्रदेश सरकार प्रत्येक जिले में शुरूआती दौर में १० से १२ स्मार्ट ग्राम बनाकर चार कदम आगे बढ़ देश को विकसित प्रदेश का संदेश देना चाह रही है ।

जलवायु परिवर्तन का अध्ययन करेगा नासा
    नासा अगले साल के शुरूआत में पांच यान पृथ्वी के वायुमण्डल में भेजेगा । इससे यह पता लगाया जाएगा कि व्यापक क्षेत्र में वायु प्रदूषण, समुद्री जल का गार्माना और अफ्रीका के जंगलों में आग लगने की घटनाआें से      कैसे हमारा पर्यावरण प्रभावित हो रहा है ?
    नासा के अर्थ वेंचर श्रृंखला का यह दूसरा अभियान है जिसे पृथ्वी की उपकक्षा में भेजा जाएगा । राष्ट्रीय अनुसंधान परिषद् के कहनेपर नासा ने २००७ में इन परियोजनाआें पर काम शुरू किया था । नया अंतरिक्ष यान हमारी आंतरिक प्रक्रियाआें की जांच करेगा ।

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