गुरुवार, 18 दिसंबर 2014

पर्यावरण परिक्रमा
भारत में सबसे बड़ी युवा आबादी
    भारत विश्व में सबसे बड़ी युवा आबादी वाला देश हैं । संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल जनसंख्या के मामले में हालांकि, भारत चीन से पीछे है, लेकिन १० से २४ साल की उम्र के ३५.६ करोड़ लोगों के साथ भारत सबसे अधिक युवा आबादी वाला देश हैं । चीन २६.९ करोड़ की युवा आबादी के साथ दूसरे स्थान पर है । इस मामले में भारत व चीन के बाद इंडोनेशिया (६.७ करोड़), अमेरिका (६.५ करोड़), पाकिस्तान (५.९ करोड़), नाइजीरिया (५.७ करोड़), ब्राजील ( ५.१ करोड़) व बांग्लादेश ( ४.८ करोड़) का स्थान आता है । संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष की दुनिया की आबादी की स्थिति के बारे मेंरिपोर्ट में यह ब्यौरा दिया गया    है ।
    रिपोर्ट में कहा गया है कि अपनी बड़ी युवा आबादी के साथ विकासशील देशोंकी अर्थव्यवस्थाएं नयी ऊंचाई पर जा सकती है । बशर्ते युवा लोगों की शिक्षा व स्वास्थ्य में भारी निवेश करें और उनके अधिकरों का सरंक्षण करें । युवा आबादी में ६० करोड़ किशोरियां हैं जिनकी अपनी विशेष जरूरतें, चुनौतियां व भविष्य के लिए आकांक्षाएं हैं । द पावर ऑफ १.८ बिलियन (१.८ अरब की शक्ति) शीर्ष की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की २८ फीसद आबादी की उम्र १० से २४ साल हैं । इसमें कहा गया है कि सबसे निर्धन देशों में युवा जनसंख्या सबसे तेजी से बढ़ रही है । इस समय वैश्विक स्तर पर युवाआें की जनसंख्या अपने सर्वकालिक उच्च् स्तर पर हैं । संयुक्त राष्ट्र की इस रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में १.८ अरब आबादी १० से २४ साल के बीच की है । प्रत्येक १० में से नौ युवा अल्पविकसित देशों में रहते हैं ।    
    सुयंक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष के कार्यकारी निदेशक बाबातुंडे ओसोटाइमहिम ने कहा कि आज १.८ अरब युवा आबादी का आंकड़ा भविष्य में बदलाव के लिए बड़ा अवसर पेश करता है । रिपोर्ट में कहा गया है कि युवा आबादी से अधिकतम लाभ लेने के लिए देशों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उन्हें रोजगार व आमदनी के अवसर मिलें । रिपोर्ट कहती है कि उचित नीतियों व मानव श्रम में निवेश से ये देश अपनी युवा आबादी को आर्थिक और सामाजिक विकास को आगे बढ़ाने के लिए सशक्त कर सकते हैं और प्रति व्यक्ति आय बढ़ा सकते हैं ।

कान्हा को पेंच से जोड़ने के लिए मिली हरी झण्डी
    मध्यप्रदेश में लगातार बढ़ रहे बाघों की संख्या के बाद उनके विचरण के लिए और ज्यादा जंगल क्षेत्र तैयार करने प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व को आपस मेंजोड़ा जा रहा है । बांधवगढ़-संजय व पन्ना टाइगर रिजर्व को आपस में जोड़ने का काम वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (डब्ल्यूआईआई) देहरादून से स्वीकृत नक्शे के आधार पर हो रहा है । बांधवगढ़ और संजय टाइगर रिजर्व के बीच विकसित होने वाले सीसीएफ शहडोल सुनील अग्रवाल के अनुसार कान्हा को पेंच से जोड़ने के लिए १६० किलोमीटर लंबे और ढाई हजार हेक्टेयर जंगल को डिमार्ककेट किया गया है ।
    इस प्रोजेक्ट को राज्य शासन से हरी झंडी मिल जाने के बाद अगली मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजी गई है । बांधवगढ़ को संजय टाइगर रिजर्व से जोड़ने के लिए जयसिंहनगर-अमझोर रास्ते के अलावा अन्य दो रास्तों की रिपोर्ट बनाई जा रही है । जिसकी लंबाई ६० से ७५ किलोमीटर है ।
    टाइगर रिजर्व को आपस में जोड़ने वाले कॉरिडोर का चयन बाघों के मूत्र-मल  का सेंपल लेकर डीएनए के आधार पर तय किया जाता है । बाघ जिस रास्ते पर पहले कभी चले हैं, उसी क्षेत्र में कॉरिडोर तैयार    होगा । बाघों के आवागमन के लिए सुरक्षित माहौल बनाने घना जंगल तैयार किया जाएगा । करीब ३ किलोमीटर चौड़ाई वाले कॉरिडोर के बीच मेंकहीं भी गांव, सड़क , रेल्वे लाइन पड़ने पर जरूरी विस्थापन सहित दूसरे विकल्पों पर गौर किया जाएगा । कॉरिडोर से दूसरे वन्यप्राणियों का विचरण हो ऐसा वनक्षेत्र विकसित किया जाएगा ।

गंगा पर शोध के लिए खुलेगा अनुसंधान संस्थान
    गंगा की धारा को अविरल एवं निर्मल बनाने की पहल के तहत वैज्ञानिक आकलन और प्रभावी योजना  तैयार करने के साथ शोध को बढ़ावा देने के लिए सरकार वाराणसी मेंसेंट्रल वाटर एंड पावर रिसर्च स्टेशन (सीडब्ल्यूपीआरएस) पुणे की शाखा खोलने पर विचार कर रही है । जल संसाधन एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि नदी मात्र जल निकाय नहीं होकर, तलछट, जल, वनस्पति, प्राणी समुच्च्य का जटिल तंत्र होती है । इसलिए यह जरूरी है कि इन्हें संरक्षित करने के  क्रम में नदी के सभी अवयवों सहित समस्त नदी समुच्च्य का अध्ययन किया जाए ।
    गंगा का प्रभाव क्षेत्र बनारस, पटना, पश्चिम बंगाल जैसे उत्तर भारत के क्षेत्र में है जिसकी लम्बाई करीब २५०० किलोमीटर है । ऐसे में मंत्रालय ने बनारस में  गंगा शोध संस्थान स्थापित करने के प्रस्ताव को आगे बढ़ाने की पहल की है । अधिकारी ने बताया कि इस पहल को आगे बढ़ाते हुए वाराणसी में सेंट्रल वाटर एंड पावर रिसर्च स्टेशन (सीडब्ल्यूपीआरएस) की शाखा खोलने का विचार किया जा रहा है । इसके तहत मंत्रालय में संयुक्त सचिव के स्तर पर इस पहल को आगे बढ़ाया जा रहा है ।
    सेंट्रल वाटर एंड पावर रिसर्च स्टेशन की एक शाखा दिल्ली में भी स्थापित किये जाने का प्रस्ताव है । हाल में दिल्ली में मंत्रालय की ओर से आयोजित गंगा मंथन कार्यक्रम में पारित प्रस्ताव में कहा गया कि विभिन्न संस्थाआें में गंगा नदी के संबंध मेंअनेक अनुसंधान किये गए हैं लेकिन ये सूचनाएं बिखरी हुई हैं । इसलिए गंगा नदी के बारे में सम्पूर्ण समग्र अनुसंधान, अध्ययन और अधिक नीतिगत हस्तक्षेप किये जाने की जरूरत हैं ।


 देश मेें साक्षरता दर मे वृद्धि
    शिक्षा पर जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में ऐसे २४.८८ घर हैं जिसमें से ९.५६ करोड़ (३८.४२%) में कम से कम ४ सदस्य ऐसे है जो पढ़ना, लिखना जानते हैं । लेकिन देश में २.४२ करोड़ ( ९.७४%) घर हैं, जिनमें एक भी सदस्य साक्षर नहीं   है । साल २००१ की जनगणना से तुलना करने पर, ३५.२८% घरों में ४ साक्षर सदस्य और १४.४% घरों में एक भी नहीं था ।
    भारत में साक्षरता दर में (७ साल और उससे अधिक की जनसंख्या के बीच) एक प्रभावी छंलाग लगाई है । देश की साक्षरता दर अब ७४ फीसदी पर जा पहुंची है जो साल २००१ में ६४.८४ % फीसदी पर    थी । ग्रामीण इलाकों में, यह अब ६८ फीसदी है जबकि शहरी इलाकों में ८४ फीसदी है । साक्षरता दर की गणना एक गृहस्थ के संबंध मेंकी जाती है जिसे आमतौर पर साथ रह रहे समूह से जाना जाता है, जो रसोई से अपना भोजन ले रहे होते हैं, जबतक कि काम की अनिवार्यता उन्हें ऐसा करने से रोक दे । शास्त्र युनिवर्सिटी के डीन एस विद्यासुब्रह्मयम ने बताया कि बीते १० सालों में देश में व्यापक स्तर पर साक्षाराता दर में मिली कामयाबी की बडी वजह सर्व शिक्षा अभियान जैसी स्कीम और स्कूलों में अधिक नामांकन होना है ।

मंगलयान २०१४ के सर्वश्रेष्ठ आविष्कारोंमें शामिल
    अमेरिका की प्रतिष्ठित टाइम पत्रिका ने भारत के मंगलयान को २०१४ के सर्वश्रेष्ठ आविष्कारों में शामिल किया है और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक ऐसी उपलब्धि बताया है जो भारत को अंतरग्रहीय अभियानों में पांव पसारने का मौका प्रदान    करेगी । टाइम ने मंगलयान को द सुपरमार्ट स्पेसक्राफ्ट की संज्ञा दी है ।
    पत्रिका ने कहा कोई भी मंगल ग्रह पर पहली कोशिश में नहीं   पहुंचा । अमेरिका नहीं कर सका, रूस नहीं कर पाया और न ही यूरोपीय देश कर पाये । लेकिन २४ सितंबर को भारत ने ऐसा कर दिखाया । ऐसा तब हुआ तब मंगलयन लाल ग्रह की कक्षा में प्रवेश कर गया, एक ऐसी उपलब्धि जो कोई अन्य एशियाई देश हासिल नहीं कर पाया । टाइम पत्रिका ने मंगलयान को २०१४ के २५ सर्वश्रेष्ठ आविष्कारों में शामिल किया है जो दुनिया को बेहतर, सुन्दर और कुछ मामलों में आनंददायक बनाने वाले हों । टाइम ने कहा कि मंगलयान पर जो पांच उपकरण लगाये गए हैं, उनके माध्यम से मंगल ग्रह पर मिथेन का आकलन करने और उसकी सतह की बनावट के बारे मेंजानकारी जुटायी जायेगी ।
    पत्रिका ने कहा, महत्वपूर्ण बात यह है कि इससे भारत को अंतरग्रहीय अभियान में पांव पसारने में मदद मिलेगी जो देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम और विशेष तौर पर विज्ञान के क्षेत्र मेंबड़ी बात होगी । इस सूची में दो भारतीयों के आविष्कार भी शामिल है जो अलग थलग रखे   जाने वाले कैदियों को योग करने के लिए स्थान उपलब्ध कराने और   बच्चें के लिए खिलौना टेबलेट से जुड़ा है ।

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