बुधवार, 23 मार्च 2011

पर्यावरण समाचार

पर्यावरण समाचार

गैस त्रासदी : यूनियन कार्बाइड को नोटिस
भोपाल गेस त्रासदी में सुप्रीम कोर्ट ने यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन, डाउ केमिकल्स तथा अन्य को नोटिस जारी
किए । यह कदम केन्द्र सरकार की याचिका पर उठाया गया है । इसमें पीड़ितों का मुआवजा ७१५ करोड़ से बढ़ाकर ५,७८६ करोड़ रूपये करने की अपील की गई है ।
इसके साथ ही शीर्ष कोर्ट ने कहा कि वह आरोपियों के खिलाफ पुन: गैर-इरादतन हत्या का मामला शुरू करने की संशोधन याचिका पर १३ अपै्रल से प्रतिदिन करेगा । इसे सीबीआई ने लगाया है । देश के चीफ जस्टिस एसएच कपाड़िया के नेतृत्व वाली संविधान पीठ ने केन्द्र और सीबीआई की योचिकाआेंपर खुली अदालत में सुनवाई की ।
बेंच ने मुआवजे की रकम बढ़ाने को लेकर केन्द्र की याचिका पर मैकलॉयड
रसेल इंडिया को भी नोटिस जारी किया है । इस कंपनी को फिलहाल एवरेडी इंडस्ट्रीज लि. के नाम से जाना जाता है । इसकी यूनियन कार्बाइड इंडिया लि. में ५०.९ प्रतिशत हिस्सेदारी है । सरकार ने संविधान के अनुच्छेद १४२ के तहत दायर संशोधन याचिका में तर्क दिया है कि १९८९ में मुआवजे के निपटारे मे पर्यावरण को हुई क्षति को ध्यान में नहीं रखा गया । आपने कोर्ट से आग्रह किया है कि वह अमेरिकी कंपनी यूनियन कार्बाइड और उसकी उत्तराधिकारी कंपनी डाउ केमिकल को बढ़ा हुआ मुआवजा देने का निर्देश दे । सीआीबाई ने अपनी याचिका में यूनियन कार्बाइड के तत्कालीन प्रमुख वारेन एंडरसन एवं अन्य के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या के गंभीर मामले पुन: शुरू करने का आग्रह किया है ।

गौरेया को बचाने हेतु बोहरा समाज की पहल
दाऊदी बोहरा समाज ने अपने धर्मगुरू सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन साहब की १००वीं सालगिरह पर विलुप्त्प्राय गौरेया चिड़िया को बचाने का बीड़ा उठाया है । इसके लिए समाज की ओर से पुरे देश के लिए ५२ हजार पिंजरे तैयार किए गए हैं । समाज के इकबाल आदिल ने बताया कि पिंजरे फ्री रहेंगे और इनमें चिड़िया के लिए पहलीबार समाज की ओर से आधा किग्रा की खुराक दी जाएगी । इसके बाद इस खुराक को इंतजाम समाजजन करेंगे ।
बोहरा समाज पर्यावरण संरक्षण के लिए विशेष रूप से चिंतित है और विगत वर्षोंा में भी उसने इस दिशा में सार्थक प्रयास किए हैं । इस दुर्लभ पक्षी पर संकट के बादल के चलते आज इनका वजूद खत्म होने की कगार पर है ।
उच्च शिक्षा शोध में शामिल पर्यावरण
युनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) ने उच्च शिक्षा में शोध की गुणवत्ता को प्रोत्साहित करने की योजना के तहत पर्यावरण, नैनोटेक्नोलॉजी, एशियाई दर्शन, डब्ल्यूटीओ ओर अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, विज्ञान का इतिहास, तनाव प्रबंधन, रक्षा और सामरिक अध्ययन जैसे नये विषयों को शामिल किया है ।
यूजीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आयोग मानविकी, सामाजिक विज्ञान, भाषा, दर्शन, विज्ञान, इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी, फार्मेसी, चिकित्सा विज्ञान, कृषि विज्ञान से जुड़े उभरते क्षेत्र में शिक्षा और शोध को प्रोत्साहित करने पर जोर दे रही है । उच्च शिक्षा में शोध की गुणवत्ता को प्रोत्साहित करने की योजना के तहत आयोग ने युनिवर्सिटी व कॉलेजों के शिक्षकों के लिए विभिन्न संकायों में शोध कार्योंा के लिए ऐसे विषयों पर जोर दिया है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाया जा सके । इस योजना के तहत आयोग ने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों, बीमा एवं बैंकिंग, विषयों पर जोर दिया है ।

उद्यानों के लिए पर्यावरणीय दिशा-निर्देश
उद्यानों तथा अन्य जीव अभ्यारण्यों के आसपास के क्षेत्रोंमें होने वाली विकास गतिविधियों की वजह से पारिस्थितिक नुकसान को रोकने के लिए पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने नए दिशानिर्देश जारी किए हैं । इसके तहत संरक्षित क्षेत्र बनाए जाएँगे, जो संरक्षित वन क्षेत्र के लिए ढाल का काम करेंगे । मंत्रालय ने नए पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र संबंधी दिशानिर्देश पिछले दिनों जारी किए हैं ।
मंत्रालय ने नए पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र दिशानिर्देशों का मुख्य मकसद राष्ट्रीय उद्यानों तथा वन्य जीव अभयारण्यों के आसपास की गतिविधियों के असर को न्यूनतम किया जा सके । मंत्रालय ने सभी राज्यों को एक समिति भी बनाने को कहा है जिसमें एक वन्य जीव वार्डन, एक पारिस्थितिकविद् राजस्व विभाग के एक अधिकारी को शामिल किया जाएगा । यह समिति इन तरह के क्षेत्रों के लिए बेहतर तरीके सुझाएगी । दिशानिर्देशों में कहा गया है कि इन क्षेत्रों के आसपास खनन गतिविधियों, आरा मिल, प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग, जलाने वाली लकड़ी के वाणिज्यिक इस्तेमाल और प्रमुख पनबिजली परियोजनाआेंपर प्रतिबंध
रहेगा ।
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