सोमवार, 11 मार्च 2013

कुत्ते हमारे वफादार कैसे बने ?
     कुत्ते दरअसल भेडियों के वंशज हैं, जो थोड़े कम आक्रामक हैं और मित्रतापूर्ण व्यवहार करते हैं । यह लगभग सर्वमान्य तथ्य है कि हजारों बरस पहले कुत्तों को पालतू बनाया गया था । कुछ लोग मानते है कि इन्हें पालतू बनाया नहीं गया था, बल्कि ये भोजन की तलाश में खुद ही मनुष्यों के पास रहने लगे थे और धीरे-धीरे पालतू हो गए । कौन सी बात सही है, इसका पता लगाना मुश्किल है।
    हाल ही में नेचर में प्रकाशित एक अध्ययन का निष्कर्ष है कि कुत्तेमनुष्यों के आसपास रहते-रहते ही उनके साथी बने थे । इस अध्ययन के मुखिया उपसला विश्वविद्यालय के कस्र्टिन लिंडब्लैड-टोह का कहना है कि हालांकि यह संभव है कि मनुष्यों ने जाकर कुछ भेड़िए पकड़ लिए होंगे और उन्हें पालतू बनाया होगा, मगर ज्यादा संभव यह लगता है कि खेती की शुरूआत के बाद भेड़ियों को मनुष्यों का बचा-खुचा खाना हासिल करना सुविधाजनक लगा होगा ।
    जीवाश्म प्रमाणों से पता चलता है कि कुत्तों का पालतूकरण साइबेरिया या इस्त्रायल में ३३००० से ११००० वर्ष पूर्व के बीच हुआ है । दूसरी ओर, आधुनिक कुत्तोंके डीएनए विश्लेषण के आधार पर लगता है कि ये करीब १०,००० साल पहले पालतू हुए हैं । ऐसा माना जाता है कि इनका पालतूकरण दक्षिण-पूर्व एशिया या मध्य-पूर्व में कहीं हुआ होगा हालांकि कई विशेषज्ञ मानते हैं कि इन्हें अलग-अलग जगहों पर एक से अधिक बार पालतू बनाया गया है ।
    बहरहाल, लिंडब्लैड-टोह के दल ने यह देखने की कोशिश की कि भेड़ियों और कुत्तों के जीन्स में क्या अंतर हैं । उन्होंने पाया कि भेड़ियों और कुत्तों के जीनोम के ३६ खंडों में अंतर होते हैं । इनमें से १९ खंड ऐसे थे जो मस्तिष्क के विकास या कार्य से संबंधित हैं । इसके अलावा १० खण्ड ऐसे हैं जिन्होनें कुत्तों को स्टार्च का पाचन करने में सक्षम बनाया । गौरतलब है कि मनुष्यों के भोजन में मंड यानी स्टार्च एक प्रमुख घटक होता है । इसके आधार पर माना जा सकता है कि स्टार्च को पचाने की क्षमता का विकास मनुष्यों और कुत्तों में साथ-साथ हुआ । यह सह विकास का एक उम्दा उदाहरण है ।

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