सोमवार, 11 फ़रवरी 2008

संपादकीय

कान्हा में पर्यटको की बढ़ती संख्या से जुड़े सवाल
विश्वविख्यात कान्हा टाईगर रिजर्व इस वर्ष भी पर्यटकों को भी आकर्षित करने में सफल रहा है। पर्यटन वर्ष २००६-०७ में देशी सैलानियों की संख्या में पिछले वर्ष की तुलना में लगभग दो गुना वृद्धि दर्ज की गयी है । जबकि विदेशी पर्यटकों की संख्या लगभग बराबर रही है । देश के २८ टाईगर रिजर्व में सर्वश्रेष्ठ कान्हा टाईगर रिजर्व में पर्यटकों की बढ़ती संख्या से भविष्य में होने वाले नुकसान को भी अनदेखा नहीं किया जाना चाहिये । देश के हृदय स्थल मध्यप्रदेश में लगभग १९४७ वर्ग किलोमीटर में फेलायह वन्य जीवन संरक्षित क्षेत्र एशिया का सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्थल है । जैव विविधता से परिपूर्ण इस टाईगर रिजर्व में स्तनधारियों की ४० तथा पक्षियों की ३०० से अधिक प्रजातियां पायी जाती है । बाघ दर्शन के लिए प्रसिद्ध इस टाईगर रिजर्व की प्रमुख विशेषता है विश्व में अन्यत्र कहीं नहीं पाया जाने वाली अतिसंकटग्रस्त वन्यजीव प्रजाति का दलदली हिरण, बारहसिंघा विलुप्त् होने की कगार पर खड़ी इस ब्रेडरी उपप्रजाति के बारहसिंगों की संख्या कान्हा में ३०० के आसपास है । बाघों के दर्शन के लिए प्रसिद्ध इस टाईगर रिजर्व में बाघों की संख्या ९० तथा गुलबाघों की संख्या ९८ है । पर्यटन वर्ष २००६-०७ में ९५,६४६ घरेलू तथा १०,६५१ विदेशी यानि कुल १,०६,२९७ पर्यटकों ने कान्हा टाईगर रिजर्व का भ्रमण किया है । कान्हा टाईगर रिजर्व में पर्यटकों की संख्या में लगातार वृद्धि राजस्व प्रािप्त् की दृष्टि से यह एक अच्छी खबर हो सकती है लेकिन वन्यजीव विशेषज्ञ और वन्य जीव प्रेमी इस खबर से ज्यादा हर्षित नहीं है । वर्षो से जैविक दबाव झेल रहा कान्हा टाईगर रिजर्व पर्यटकों के इस बढ़ते दबाव को किस हद तक सहन कर पायेगा यह देखा जाना जरूरी है । रिजर्व का छोटा पर्यटन जोन तथा इको पर्यटन की सीमित सुविधाएं इस तरह से बढ़ती पर्यटकों की भीड़ को सम्हालने में असमर्थ दिखायी देते है । यद्यपि कान्हा उद्यान प्रबंधन पर्यटकों की इस भीड़ को नियंत्रित करने की दिशा में समुचित प्रयास कर रहा है लेकिन इको पर्यटन की अवधारणा को लेकर आगे आये पर्यटन व्यवसायियों की भागीदारी इस दिशा में शून्य है । एक सीमित वन क्षेत्र में तेजी से बढ़ रही पर्यटन गतिविधियों से वन्यजीवों के प्राकृतिक रहवास पर तो असर पड़ेगा ही वन्यजीव भी सुरक्षित नहीं रह पायेंगे। वन्य जीवन के प्रति बढ़ती जनजागरूकता व रूचि के कारण आगामी वर्षो में पर्यटकों की संख्या में और भी वृद्धि होने की संभावना है । विश्व के पर्यटन मानचित्र पर तेजी से एक वन्यजीव पर्यटन स्थल के रूप में स्थान बना रहे कान्हा टाईगर रिजर्व में भारतीय भौगोलिक परिस्थितियों के अनुकूल विश्वस्तरीय पर्यटन सुविधाएं विकसित करना आवश्यक है । यद्यपि किसी भी वन्यजीव संरक्षित क्षेत्र का उद्देश्य पर्यटन से राजस्व की प्राप्त् न होकर जैवविधिता का संरक्षण करना है लेकिन वन्य प्राणियों और इंसान के बीच प्रेम पूर्ण रिश्ता कायम कर इस प्राकृतिक सम्पदा के संरक्षण के साथ राजस्व प्रािप्त् भी की जा सकती है ।

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