सोमवार, 13 अगस्त 2012

पर्यावरण समाचार
गाँव में बिना बिजली के चलेंगे एटीएम

    अगले कुछ दिनों में देश के दूरदराज ग्रामीण इलाकों में जब आप जाएँगे तो ऐसे गाँवों में एटीएम की सुविधा पाएँगे, जहाँ बिजली मौजूद नहीं है । चौकिए नहीं । दरअसल यह एटीएम सौर ऊर्जा से संचालित होंगे । इनकी खासियत यह होगी कि इसकी ऑटोमेटेड वॉयस और रसीद स्थानीय भाषा में होगी ।
    यह सब संभव हो पाया है इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्पोरेशन (आईएफसी) के कारण, जो विश्व बैंक का सदस्य है । पिछले महीने आईएफसी ने घोषणा की थी कि वे चेन्नई के वोरटेक्स इंजीनियरिंग में २७ लाख डॉलर (१४.९ करोड़ रूपए) का निवेश करेगा, जो कम कीमत के सौर ऊर्जा एटीएम बना रहा है । आईएफसी और मंत्रालय के इस प्रयास से वोरटेक्स को देश के दूरदराज क्षेत्रों में २००० सौर ऊर्जा  संचालित संयंत्र लगाने में मदद मिलेगी । चार साल के शोध के बाद वोरटेक्स के चीफ ऑपरेटिंग अधिकारी विजय बाबू ने र्आआईटी मद्रास के सहयोग से वर्ष २००८ में कंपनी की शुरूआत की      थी । फिलहाल वे देशभर के अंदरूनी हिस्सों में छ: सौ एटीएम स्थापित कर चुके हैं ।

अमरकंटक यूनेस्को की जैव संरक्षण सूची मेंशामिल
    संयुक्त राष्ट्र ने अचनकमार-अमरकंटक क्षेत्र को अपनी जैव संरक्षण सूची में शामिल किया है । छत्तीसगढ़ व म.प्र. के इन क्षेत्रों को यूनेस्को ने विश्व में चुने २० नए स्थानों की सूची में इन्हें शामिल किया है । इसके बाद जैव संरक्षण सूची में ५९९ स्थान हो गए है।
    यूनेस्को की अंतरराष्ट्रीय समन्वय परिषद मानव और जीवमंडल कार्यक्रम ने हैती, कजाखिस्तान, साओ तोमे और प्रीसिप को भी पहली बार वैश्विक जीवमंडल संरक्षण नेटवर्क में शामिल किया है । जीवमंडल संरक्षण स्थानों में कार्यक्रम द्वारा मान्यता प्राप्त् वे स्थान होते हैं, जहाँ स्थानीय लोग ही सामाजार्थिक विकास के लिए प्रबंधन, संचालन, शोध, शिक्षा, प्रशिक्षण और निगरानी करते हो । अचनकमार- अमरकंटक क्षेत्र पहाड़ी इलाके में है । गहरी घाटी और पठार आदि इस इलाके में हैं । घने जंगल ६० प्रश इलाके मेंहै । यूनेस्को का कहना है कि यह जैव विविधता से समृद्ध है और इनका संरक्षण किया जाना चाहिए ।

कोई टिप्पणी नहीं: