बुधवार, 20 जून 2018

प्रसंगवश
लालकिले की सफाई में २५ लाख किलो धूल मिट्टी निकली
लालकिले की छत पर २५ लाख किलो धूल-मिट्टी जमा थी । मिट्टी की २ मीटर उंची परतें जम गई थी । पिछले ५ महीने से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) इसकी सफाई में जुटा था । अब जब काम पूरा हुआ तो एएसआई ने बताया कि - लालकिले पर इतनी धूल जमा थी कि अगर अभी भी इसे हटाया नहीं जाता तो प्राचीर का ये हिस्सा धूल के बोझ से गिर सकता था । ये लालकिले के सामने का वही हिस्सा है, जहां से हर साल प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस पर भाषण देते है । धूल की यह परत करीब १०० साल से जमती आ रही थी, वो भी मुख्य गेट `लाहौरी गेट' की छत पर । तबसे लेकर अब तक इसे हटाने के लिए जरुरी साफ-सफाई नही कराई गई । नतीजन धूल और तमाम कूड़ा-कचरा जमते-जमते इतना ज्यादा हो गया ।
पुरातत्व विभाग का ये मरम्मत कार्यक्रम करीब एक साल चलना है । इसके तहत लालकिले के अंदर लगने वाली मार्केट का स्वरुप बेहतर किया जाएगा । यहां पीने के पानी, वाशरुम वगैरह की व्यवस्था दुरुस्त की जाएगी । इसके अलावा तमाम दिवारोंपर प्लास्टर की कई-कई परते जम गई थी, जिसकी वजह से दीवारों पर बनी मुगल काल की पेंटिंग्स दिख ही नही रही थी । प्लास्टर की इन परतों का ेधीरे-धीरे हटाया जाएगा, ताकि पेंटिंग्स को नुकसान ना हो । पूरे प्रोजेक्ट की लागत करीब ६० करोड़ रुपए तक रहेगी ।
पुरातत्व विभाग के दिल्ली सर्किल इंचार्ज एनके पाठक ने बताया - लाहौरी गेट में जमी इस मिट्टी की नमी से किले की दिवारों से अब तक २५ लाख किलो मिट्टी हटाई जा चुकी है । अब गेट पर सैंडस्टोन लगाए जाएंगे, ताकि दीवार में नमी न जाए ।
करीब १०० साल पहले अंगे्रजो ने लोहौरी गेट और दिल्ली गेट के पास मिट्टी भरकर इसे उंचा बना दिया था, ताकि दोनो गेटो से चांदनी चौक पर नजर रखी जा सके । तबसे ये मिट्टी यूं ही जमी रही । इस पर और धूल जमती रही । २ साल पहले लालकिले के दिल्ली गेट की भी मिट्टी हटाई गई थी । इसके बाद से ही लाहौरी गेट की भी मिट्टी हटाने की योजना बन रही थी । पुरातत्व विभाग ने इसके लिए गृह मंत्रालय से अनुमति मांगी थी ।
लाल किला १८५७ तक तकरीबन २०० सालोंतक मुगल सामराज्य का निवास स्थान था । मुगल शासन काल में यह मुख्य किले के रुप में था, ब्रिटीश काल में भी सरकारी कार्यक्रम इसी किले में होते थे । 
लाला किले का निर्माण १६४८ में पांचवे मुगल सम्राट शाहजहां ने अपने महल के रुप में करवाया था । लाल किला पूरी तरह से लाल पत्थरों का बना होने के कारण उसका नाम लाल किला पड़ा ।

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