प्रसंगवश
मीठा कागज पानी से बैक्टीरिया हटाएगा
डॉ. दीपक कोहली,
कनाडा में भारतीय मूल के शोधकर्ताओं के एक दल ने चीनी युक्त कागज की एक विशेष पट्टी विकसित की है, जिसके जरिए पानी से हानिकारक बैक्टीरिया दूर किए जा सकते हैं । शोधकर्ताओं का कहना है कि इससे भारत समेत दुनिया भर में, खासकर ग्रामीण इलाकों में प्रदूषित पानी से ई.कोली नामक हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म किया जा सकेगा । इस विशेष पट्टी को डिपट्रीट नाम दिया गया है।
यॉर्क यूनिवर्सिटी की माइक्रो एंड नैनो स्केल ट्रांसपोर्ट लैब के शोधकर्ता सुशांत मित्रा ने कहा कि उनकी खोज डिपट्रीट दुनिया भर में स्वास्थ्य लाभों के साथ किफायती और पोर्टेबल उपकरणों के विकास के लिए अहम होगी ।
प्रदूषित पानी के नमूनों में डिपट्रीट को डुबोकर लगभग ९० प्रतिशत बैक्टीरिया को प्रभावी तरीके से समाप्त् करने में शोध टीम को सफलता मिल चुकी है। डिपट्रीट की मदद से पानी में ई.कोली बैक्टीरिया का पता लगाने, उसे पकड़ने और खत्म करने में दो घंटे से भी कम समय लगेगा। इस विशेष कागज़ी पट्टी के इस्तेमाल से वैश्विक स्वास्थ्य के परिदृश्य को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी । इससे कनाड़ा के सुदूर उत्तरी क्षेत्रों से लेकर भारत के पिछड़े ग्रामीण इलाकों तक, पानी को बैक्टीरिया केप्रदूषण से मुक्त करना आसान हो सकेगा।
कई शोधकर्ता पानी से बैक्टीरिया को हटाने के लिए कागज की छिद्रयुक्त पट्टी का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन डिपट्रीट में सहजन की फलियों के बीज में पाए जाने वाले बैक्टीरियारोधी तत्व का इस्तेमाल किया है, ताकि प्रदूषित पानी से बैक्टीरिया को न केवल छाना जा सके, बल्कि नष्ट भी किया जा सके ।
मौजूदा जलशोधन प्रणालियों में चांदी के सूक्ष्म कणों और मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है। इन चीजों के इस्तेमाल से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले संभावित प्रभावों के बारे में पूरी जानकारी नहीं है। लेकिन डिपट्रीट में कुदरती बैक्टीरियारोधी तत्व चीनी का इस्तेमाल किया गया है। इससे पर्यावरण और स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना बिल्कुल नहीं है।
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