पर्यावरण समाचार
म.प्र. में सीड बॉल से उगाएंगे ५० लाख पौधे
म.प्र. में वन भूमि में अब पौधारोपण की जगह सीधे बीज से पौधे उगाए जाएंगे । वन विभाग ने नवाचार करते हुए इस साल ५० लाख सीड बॉल (खाद-मिट्टी की गेंद) से पौधों के अंकुरण का लक्ष्य तय किया है ।
वन समितियां जनसहयोग से यह सीड बॉल तैयार कर रही है । इन्हें पहले से खोदे गए गड्ढों में डाल दिया जाएगा । बारिश में पौधे अपने आप उग आएंगे । इनकी सुरक्षा के लिए फेंसिग कराई जाएगी । विभाग का दावा है कि इस पद्धति पर प्रति पौधा सिर्फ २० पैसे की लागत आएगी। सीड बाल से पौधे उगाने का देश में यह पहला प्रयोग है । इसकी शुरूआत आदिवासी इलाकों से होगी । वन विभाग के अनुसार वर्ष २०१९ के लिए प्रदेश में पांच करोड़ पौधों के रोपण का लक्ष्य है । ५० लाख पौधे सीड बॉल से तैयार होंगे ।
नर्सरी में एक पौधे को तैयार करने में औसतन दस रूपये का खर्च आता है, लेकिन सीड बॉल २० पैसे में तैयार हो जाएगी । पहले पौधों को पॉलीथीन में तैयार किया जाता था, लेकिन पॉलीथिन पर एनजीटी के प्रतिबंध के बाद इसका प्रभाव नर्सरियों में पौधे सीड-ट्रे और कपड़े के थैलियों में तैयार किए जा रहे है । इस तरह से एक पौधा तैयार करने में वन विभाग को अतिरिक्त राशि खर्च करनी पड़ती है । सीड बॉल प्रयोग सफल हुआ तो खर्च में बड़ी कटौती करने में मदद मिलेगी ।
सीड बॉल गीली मिट्टी और खाद से तैयार होगी । इसे गेंद की तरह बनाकर भीतर पेड़ों के पांच से सात प्रजातियों के बीज डाले जाएंगे । मिट्टी की इस गेंद को धूप में सुखाकर भंडारित कर दिया जाएगा । बरसात शुरू होते ही वन क्षेत्र से पहले से तैयार गड्ढों में सीड बॉल को डालकर मिट्टी, बर्मी कपोस्ट व गोबर की खाद से ढंक दिया जाएगा । नमी बढ़ते ही इनसे पौधे अंकुरित होंगे । सीड बॉल तैयार करने का काम वन समितियों, आदवासियों और नर्सरियों को दिया गया है ।
मध्यप्रदेश के एपीसीसीएफ अनुसंधान एवं विस्तार पी.सी. दुबे के अनुसार इस वर्ष सीड बॉल से भी पौधे तैयार करने का प्रयोग किया जा रहा है । शुरूआत पचास लाख सीड बॉल से की जा रही है । अगले साल और ज्यादा सीड बॉल तैयार की जाएगी
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