कविता
दूर करें प्रदूषण सारा
हरिशंकर सक्सेना
आओ मिलकर दूर करें प्रदूषण सारा ।।
वायु-प्रदूषण श्वाँस-श्वाँस
पर संकट लाया
पौधारोपण हरियाली
की शीतल छाया
धूल-धुआँ से बचने का है सुन्दर नारा ।
जल हो दूषित तो भी
जीवन दुर्लभ होता
नदियों का जल, गन्दे
नालों को क्यों ढोता
स्वच्छ जलाशय सबके मन को लगता न्यारा ।
ऊँची ध्वनि भी
प्रदूषण को बहुत बढ़ाती
बच्चें को भी
बधिर बनाकर बहुत सताती
धीमा स्वर संगीत सरीखा लगता प्यारा ।
आओ मिलकर दूर करें प्रदूषण सारा ।।
दूर करें प्रदूषण सारा
हरिशंकर सक्सेना
आओ मिलकर दूर करें प्रदूषण सारा ।।
वायु-प्रदूषण श्वाँस-श्वाँस
पर संकट लाया
पौधारोपण हरियाली
की शीतल छाया
धूल-धुआँ से बचने का है सुन्दर नारा ।
जल हो दूषित तो भी
जीवन दुर्लभ होता
नदियों का जल, गन्दे
नालों को क्यों ढोता
स्वच्छ जलाशय सबके मन को लगता न्यारा ।
ऊँची ध्वनि भी
प्रदूषण को बहुत बढ़ाती
बच्चें को भी
बधिर बनाकर बहुत सताती
धीमा स्वर संगीत सरीखा लगता प्यारा ।
आओ मिलकर दूर करें प्रदूषण सारा ।।
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