बुधवार, 18 नवंबर 2015

कविता
दूर करें प्रदूषण सारा
हरिशंकर सक्सेना

    आओ मिलकर दूर करें प्रदूषण सारा ।।

    वायु-प्रदूषण श्वाँस-श्वाँस
    पर संकट लाया
    पौधारोपण हरियाली
    की शीतल छाया
    धूल-धुआँ से बचने का है सुन्दर नारा ।

    जल हो दूषित तो भी
    जीवन दुर्लभ होता
    नदियों का जल, गन्दे
    नालों को क्यों ढोता
    स्वच्छ जलाशय सबके मन को लगता न्यारा ।

    ऊँची ध्वनि भी
    प्रदूषण को बहुत बढ़ाती
    बच्चें को भी
    बधिर बनाकर बहुत सताती
    धीमा स्वर संगीत सरीखा लगता प्यारा ।
    आओ मिलकर दूर करें प्रदूषण सारा ।।

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