गुरुवार, 18 अक्टूबर 2018

पर्यावरण समाचार
अलीराजपुर देश का सबसे गरीब जिला
यूनाइटेड नेशंस डेवलपेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी)और ओपीएच-आई की एक रिपोर्ट में मध्यप्रदेश का नाम देश के सबसे गरीब राज्यों में चौथे नम्बर पर आया है, ठीक विधानसभा चुनाव से पहले आई रिपोर्ट से भाजपा सरकार के लिए परेशानी खड़ी हो गई है । 
दरअसल सरकारका दावा है कि उसने प्रदेश को बीमारू राज्यों की श्रेणी से उबारा है । अब प्रदेश विकासशील राज्यों में शुमार है । सरकार के इस दावे की पोल वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक २०१८ की रिपोर्ट ने खोल दी है । इसके अनुसार देश का सबसे गरीब जिला अलीराजपुर है। बहुआयामी गरीबी सूचकांक में १० मानकों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई है, इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य और जीवन स्तर, पोषण, बाल मृत्यु दर, स्वच्छ पानी तक पहुंच, खाना पकाने के ईधन, स्वच्छता, बिजली, आवास और संपत्ति शामिल है । यह पहली बार जब मध्यप्रदेश का नाम गरीबी सूचकांक में शामिल किया गया है, कम से कम पिछले दो रिपोर्ट में म.प्र. या अलीराजपुर का कोई उल्लेख नहीं     है । 
यह रिपोर्ट २०१५-१६ के डेटा के आधार पर तैयार की गई है, इसमें बिहार को सबसे गरीब बताया गया है, इसमें कहा गया है कि इस राज्य में रहने वाली आधे से ज्यादा आबादी गरीब है, इसके बाद झारखंड, उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश  है । 
रिपोर्ट में कहा गया है कि इन चारों राज्यों में देश के भूमि क्षेत्र का २२ प्रतिशत और ३४ प्रतिशत आबादी है, लेकिन देश के कुल ३६४ मिलियन गरीबों में से १९६ मिलियन गरीब यानि आधे से ज्यादा इन राज्यों में है । इन राज्यों में आदिवासियों के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाआें और शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण के बावजूद ५० प्रतिशत से ज्यादा आदिवासी गरीब है । 
आयुष्मान भारत योजना में सरकार सर्तक
  आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ योग्य लोगों तक पहुंचाने को लेकर सरकार सतर्कता बरत रही है । योजना के संचालन की जिम्मेदारी संभाल रही राष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसी ने इस संबंध में आदेश जारी किया है जिसमें जिला कलेक्टरों को पात्र लाभार्थियों के पहचान की जिम्मेदारी सौंपी गयी है ।

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