शुक्रवार, 18 जनवरी 2019

पर्यावरण समाचार
अब गेंहू से जिंक की कमी पूरी होगी 
भारतीय कृषि वैज्ञानिकों ने गेंहू की एक ऐसी किस्म तैयार की है, जो मानव शरीर में जिंक की कमी को पूरा करेगी । इस नई किस्म का नाम है पीबीडब्ल्यू  वन जिंक । पंजाब कृषि विश्वविघालय, पंजाब के प्लांट ब्रांडिंग एंड जेनेटिक डिपार्टमेन्ट ने १४ वर्षो के शोध के उपरांत इस किस्म को विकसित करने में सफलता पाई है । 
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय पंजाब के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अनुसंधानकर्ता डॉ. वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि नए किस्म का गेहूं भारतीय आबादी में जिंक की कमी को दूर करने में कारगर होगा । यह शरीर को प्राकृतिक जिंक की संतुलित मात्रा प्रदान करेगा । अच्छे स्वास्थ्य, मानसिक एव शारीरिक विकास के लिए जिंक बहुत जरूरी है । इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता ठीक रहती है । यह त्वचा व आंखों के लिए भी फायदेमंद है । शरीर में जिंक की कमी होने पर दस्त, भूख कम लगना, बालों का झड़ना, दृष्टि कम होना, प्रतिरोधक क्षमता में कमी व त्वचा संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं । पीबीडल्यू कालोबरेटिव प्रोजेक्ट के तहत तैयार किया गया है । 
इस प्रजाति विशेष की आवश्यकता इसलिए पड़ी चूंकि देश की एक बड़ी आबादी जिंक की कमी से जूझ रही है । निम्न वर्गीय परिवारों के भोजन में जिंक, प्रोटीन, विटामिन सहित अन्य पोषक तत्वों की कमी होती है । वे कई तरह की बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं । खासकर गर्भवती महिलाएं व बच्च्े । गर्भावस्था में जिंक की कमी से गर्भ में पल रहे शिशु के शारीरिक व मानसिक विकास पर भी असर पड़ता है । 
पौधे से पोलियो के टीके का निर्माण
वैज्ञानिकों ने पौधे से पोलियो के लिए नए टीके का विकास किया है जिससे वर्षोपुरानी इस विषाणु जनित रोग के इलाज का रास्ता साफ हो गया है । ब्रिटेन के नॉर्विच के जान इस सेंटर के शोधकर्ताआेंने पौधों का उपयोग कर इस टीके का विकास किया है । इसमें वायरस की तरह के कण बीएलपी (बैक्टीरियम लाइक पार्टिकल) का प्रयोग किया गया है । शोधकर्ताआें ने बताया कि बीएलपी को पौधे के ऊतकों में प्रविष्ट कराया जाता है ।


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