पर्यावरण समाचार
म.प्र. में बनेगा स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स
केन्द्र सरकार के निर्देश के बाद छह साल बाद बाघोंकी सुरक्षा के लिए स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स के गठन की तैयारी शुरू की है । कान्हा, बांधवगढ़ और पेंच टाइगर रिजर्व में फोर्स का गठन करने पर प्रस्ताव तैयार किया गया है । वन विभाग ने राज्य सरकार के पास दो प्रस्ताव भेजे हैं ।
पहले प्रस्ताव में गृह विभाग से सशस्त्र पुलिस बल को प्रतिनियुक्ति पर लेने की मांग की है । दूसरे प्रस्ताव में फोर्स की भर्ती के संबंध में यह भी सुझाव दिए हैं कि इस प्रक्रिया में समय लगेगा, इसलिए प्रतिनियुक्ति और वन विभाग के एसटीएफ के सुरक्षा बलों के माध्यम व्यवस्था की जाए । वन विभाग पांच साल में तय नहीं कर पाया है कि सैनिक कहां से आएंगे । वन मंत्री उमंग सिंघार के विधानसभा में घोषणा के बाद फिर से इस पर मंथन शुरू हो गया है ।
केन्द्र सरकार ने बाघों की सुरक्षा के लिए २०१२ में देश के ११ टाइगर रिजर्व में स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स गठित करने के निर्देश दिए थे ।
प्रत्येक नेशनल पार्क में१०० हथियारबंद सुरक्षाकर्मी की जरूरत होगी । प्रस्ताव के अनुसार प्रत्येक पार्क में एक कंपनी (सौ सैनिक) रखी जानी है, जो सिर्फ पार्क की सुरक्षा करेगी । फोर्स शिकार से संबंधित प्रकरण दर्ज कर कानूनी कार्रवाई का भी पूरा अधिकार दिया जाएगा । वर्तमान में पार्क की सुरक्षा व्यवस्था संभाल रहे कर्मचारी सुरक्षा से मुक्त होकर मैनेजमेंट का काम करेंगे ।
स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स के गठन का मामला हाईकोर्ट में भी है । वन्यप्राणी मामलों के जानकार अजय दुबे पांच साल से इस मामले में कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं । दुबे का कहना है कि यह फोर्स बटालियन जैसे काम करेगी । बाघों की सुरक्षा, वन अपराध, अवैध उत्खन, कटाई रोकने का काम करेगी ।
केन्द्र सरकार ने वर्ष २०१२ में जब स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स गठन के निर्देश राज्य सरकारों को दिए थे, तब १००प्रतिशत अनुदान देने की बात की थी । इसके बाद केन्द्र सरकार ने सिर्फ ६० फीसदी अनुदान देने की सहमति दी । इसके बाद अब यह अनुदान ५० फीसदी करने की बात करने लगा है ।
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