रविवार, 17 जुलाई 2016

पर्यावरण समाचार
गीर नस्ल की गाय के मूत्र में होता है सोना
जूनागढ़ कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के शोध की सच्चई आम लोगोंतक पहुंच गई तो देश में गोपालन में आ रहा संकट खत्म हो जाएगा । इन वैज्ञानिकों की मानें तो हिन्दुस्तानी नस्ल की गाय किसी भी शख्स को रातों-रात लखपति बना सकती है । 
वैज्ञानिकों ने कहा कि गाय के एक लीटर मूत्र में १० मिलीग्राम सोना होता है । इसका अर्थ यह भी है कि एक स्वस्थ्य गाय के मूत्र से एक दिन मेंकम से कम ३००० हजार रूपए कीमत का एक ग्राम सोना और एक महीने में लगभग एक लाख रूपये की कीमत का तीन तोला सोना निकाला जा सकता है । जूएयू के बायोटेक्नोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. बीए गोलकिया की अगुवाई में रीसर्च टीम ने गौमूत्र के नमूनोंकी गैस क्रोमैटग्रफी-मास स्पेक्ट्रोमेट्री प्रक्रिया से जांच की । 
जूनागढ़ कृषि विश्वविद्यालय  के वैज्ञानिकों ने चार साल तक लगातार किये विभिन्न परीक्षणों के बाद कहा है कि गीर नस्ल की भारतीय गाय के एक लीटर मूत्र में १० एमजी तक सोना होता  है । गीर के गाय में सोना पाये जाने का शोध डॉक्टर बीए गोलकिया के नेतृत्व में किया गया है । यह परीक्षण चार सौ गीर गायों पर किया गया और सभी के परिणाम एक जैसे निकले । 
श्री गोलकिया के अनुसार, गाय के यूरियन से मिलने वाले सोने को केमिकल प्रॉसेस के जरिए ठोस रूप दिया जा सकता है । रीसर्चरी ने इसी क्रम मेंऊंटो, भैसों, भेडों और बकरियों के यूरिन के सैंपलों की भी जांच की, लेकिन उनमे ऐसा कोई तत्व नहीं पाया गया । डॉ. गोलकिया की टीम में जैमिन, राजेश, विजय और श्रद्धा ने इस विषय पर रिसर्च किया था, अब यह टीम भारत में पाए जाने वाली देसी गायों के यूरीन पर रिसर्च करेगी । 
अभी तक तो भारतीय शास्त्र और ऋषि-मुनियों का कहना है कि गौमूत्र में औषधीय तत्व होते है । इसके अलावा ३८८ ऐसे औषधीय तत्व होते है जिनसे गंभीर रोगों का उपचार संभव है, इसलिए कहा गया है कि गाय का दूध पीने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है । गाय के दूध से दिमाग तेज होता है । 

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