पर्यावरण समाचार
जीवन को सहज बनाने वाले आविष्कार
इन दिनों तिरूपति में चल रहे इंडियन सांइस कोग्रेस में देश की विभिन्न साइंस लैब में पिछले दिनों विकसित किए गए देश की सेना व जनता के लिए इस्तेमाल होने वाले उत्पादों का प्रदर्शन किया गया है । गंदे पानी को साफ करने, अंधेरे में निगरानी करने, जलने से हुए घाव को जल्दी भरने और दुश्मन की सेना के टैंक को ध्वस्त कर देने वाले हथियार देखे जा सकते हैं ।
जोधपुर की रक्षा प्रयोगशाला ने एक ऐसी बोतल विकसित की हैं जो नाले के गंदे पानी को तुरंत पीने के पानी में तब्दील कर सकती हैं । इसे तैयार करने वाले विज्ञानियों के मुताबिक युद्ध के दौरान सैनिकों के लिए जहां पीने का पानी न हो, वहां शुद्ध पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए इसे बनाया है ।
डीआरडीओ की दिल्ली स्थित एसएसपीएल ने हाथ मेंलेकर चलने वाला एक ऐसी ई-नासिका कैम इजाद की है जो हवा मेंफैली पांच तरह की जहरीली गैसोंको पहचान सकती है । यह न केवल अलर्ट एलार्म देगी बल्कि डिस्पले पर बताएगी कि वहां कौन सी या कौन-कौन सी जहरीली गैसें हैं ।
देहरादून के इस्टूमेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट ने ऐसी दूरबीन इजाद की है जो ५ किमी दूर अंधेरे में खड़े दो व्यक्तियों तक को पहचान सकती है । तापमान के अंतर से लक्ष्य को पहचानने वाले इस उपकरण का नाम थर्मल इमेजर है । सतह पर निगरानी के लिए इसका इस्तेमाल धुंए, कोहरे, स्मॉग, धूल भरे वातावरण और बारिश में भी किया जा सकता है ।
रक्षा प्रयोगशाला ने ऐसी ड्रेसिंग बनाई है जो जलने से हुए घाव को बहुत तेजी से भरती है । यह ड्रेसिंग मानव गर्भनाल से एकत्र की गर्भ भ्रूण झिल्ली से बनी है । भ्रूण झिल्ली का जलने के घावों, नहीं भर रहे नासूर, बेड सोर और कोढ़ के घावों को भरने में इस्तेमाल होता है ।
डीआरडीओ के आर्मामेंट रिसर्च एंउ डेवलपमेंट एस्टेबिल्शमेंट, पुणे ने इन्सास नामक एक ऐसी राइफल ईजाद की है जिससे न केवल बुलेट बल्कि गोले भी दागे जा सकते हैं ।
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