शनिवार, 18 अगस्त 2018

प्रसंगवश
चन्द्रमा पर तिरंगा फहराने वाला अभियान
चन्द्रयान प्रथम के कामयाब प्रक्षेपण के बाद  इसरों चन्द्रयान द्वितीय को भेजने की तैयारी में जुटा है । इस अभियान में चांद की सतह पर रोवर उतार कर देश अंतरिक्ष विज्ञान में अपना परचम लहराएगा । 
मानव रहित मिशन के तहत चन्द्रयान द्वितीय नामक उपग्रह को चांद की कक्षा में स्थापित करना एवं चांद की सतह पर रोवर उतारना । जीएसएलवी एमके-३ से इसे अंतरिक्ष भेजा जाएगा । 
अपने छह पहियों के साथ २० किलोग्राम का रोवर सौर ऊर्जा से चलेगा । एक साल तक काम करने वाला रोवर एक घंटे में ३६० मीटर चलने के साथ १५० किमी की दूरी तय करने मेंसफल हो सकेगा । 
लैंडर और चलायमान रोवर को चन्द्रमा के मैंजीनस सीं और सिपेलियस एन क्रेटर्सके पास उतारने की योजना है। अगर सबकुछ योजना के अनुसार हुआ तो चन्द्रमा के दक्षिणी  धु्रव पर रोवर उतारने वाला भारत पहला देश बनेगा । रोवर सतह से अलग-अलग जगहों के नमूने लेगा । इन नमूनों के आंकड़ों को कक्षा में स्थापित चन्द्रयान द्वितीय उपग्रह द्वारा पृथ्वी पर नियंत्रण कक्ष में भेजा जाएगा । इसके आंकलन से आगामी मानव चन्द्र अभियानों में सहायता मिलेगी । 
पिछले वर्ष१२ नवम्बर २०१७ को रूसी अंतरिक्ष एजेंसी और इसरो के बीच चन्द्रयान द्वितीय पर काम करने की सहमति हुई । कक्षा में परिक्रमाकरने वाले उपग्रह और रोवर की जिम्मेदारी इसरो पर जबकि रॉस्कोस्मोस (रूसी अंतरिक्ष एजेंसी) पर लैंडर मुहैया कराने की जिम्मेदारी थी । हालांकि रूस के मंगल अभियान फोबोस ग्रंट के विफल होने पर रूस ने इस परियोजना से हाथ खींच लिए । लिहाजा लाचिंग की तारीख टलती गई  । अब भारत अपने बलबूते पूरे अभियान को अंजाम देने जा रहा है ।

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