सोमवार, 17 सितंबर 2018

पर्यावरण समाचार
प्लास्टिक बैग्स पर बैन सही 
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हेमन्त गुप्त और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की खण्डपीठ ने प्लास्टिक बैग और केरी बैग पर राज्य सरकार के बैन को सही ठहराते हुए कहा कि राज्य कानून बनाने मेंवैधनिक रूप से सक्षम है । इसके साथ ही प्लास्टिक कैरी बैग्स पर प्रतिबंध लगाने की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली प्लास्टिक निर्माताआें की  याचिकाएं खारिज कर दी गई ।
राज्य सरकार द्वारा २४ मई २०१७ को आदेश जारी कर पूरे प्रदेश में प्लास्टिक बैंग और कैरी बैग पर प्रतिबंध लगा दिया था । सरकार के इस आदेश को सतना के दिलीप कुमार भोजवानी सहित प्रदेश के कई अन्य व्यापारियों ने याचिका दायर हाईकोर्ट में चुनौती दी थी । याचिका में कहा गया है कि इस आदेश के जरिए जैव अन्नाश्यता अपशिष्ट नियंत्रण अधिनियम २०१७ संशोधन अधिनियम लागू कर प्लास्टिक कैरी बैग के निर्माण, विक्रय, उपयोग और भंडारण पर प्रतिबंध लगा दिया गया । इसके पूर्व राज्य के निर्माताआें, व्यापारियों को सूचना नहीं दी गई । इसके चलते उनके गोदामों में रखा कच्च-पक्का माल बड़ी तादाद में जाम हो गया । वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ ने कोर्ट को बताया कि प्लास्टिक बैग, कंटेनर या अन्य संबंधित उत्पादों पर यह प्रतिबंध नहीं है । 
इस तरह से यह आदेश असंवैधानिक और निरस्त किए जाने योग्य है । सरकार की ओर से अधिवक्ता अमित सेठ ने कहा कि विधि द्वाराप्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए राज्य ने यह निर्णय लिया है । जनहित में प्लास्टिक जैसे खतरनाक उत्पाद के निर्माण, विक्रय, उपयोग व भंडारण को अनुमति नहीं दी जा सकती । वहीं हस्तक्षेप  याचिका दायर कर महाकोशल प्लास्टिक उद्योग संघ के शंकर नामदेव ने तर्क दिया कि किस श्रेणी के कैरी बैग पर प्रतिबंध है, किस पर नहीं, यह स्पष्ट किया जाए । 
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जिन प्लास्टिक के बैग का उपयोग वस्तुएं रखकर ले जाने में हो, उनमें पकड़ के लिए खांचा या व्यवस्था हो, वे कैरी बैग की प्रतिबंध श्रेणी में आएंगे । रिसाइकल कर निर्मित प्लास्टिक बैग को कैरी बैग माना जाएगा । कैरी बैग का उपयोग रेडी टू ईट खाद्य पदार्थो को पैक करने में नहीं किया जाएगा । वहीं विक्रयपूर्व सामग्री रखकर पैक करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले प्लास्टिक बैग कैरी बैग की श्रेणी में नहीं आएंगे । ये प्राकृतिक रंग में होना चाहिए । इसकी मोटाई पचास माइक्रोन से अधिक नहीं होनी  चाहिए ।            

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