सम्पादकीय
दिल्ली सरकार पर २५ करोड़ जुर्माना
देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण पर लगाम लगानेमें नाकाम रहनेपर राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) नेदिल्ली सरकार पर २५ करोड़ रूपए का जुर्माना लगाया है । यह रकम सरकारी खजाने से नहीं, बल्कि दिल्ली सरकार के अधिकारियों के वेतन और प्रदूषण फैलाने वाले लोगोंसे वसूली जाएगी । अगर दिल्ली सरकार यह राशि देनेमें नाकाम रहती है तोउससेहर महीने१० करोड़ रूपए का जुर्माना वसूला जाएगा । एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अगुवाई वाली पीठ नेदिल्ली सरकार को२५ करोड़ रूपए की अनुपालन गांरटी (परफॉरमेंस गारंटी) देनेका भी आदेश दिया है, ताकि इस संबंध में और चूक न हो।
एनजीटी दिल्ली के मुडंका गांव के निवासी सतीश कुमार और टिकरी कालान के निवासी महावीर सिंह की याचिकाआें पर सुनवाई के दौरान यह फैसला सुनाया । एनजीटी नेइनके अलावा प्रदूषण सेजुड़ी तकरीबन आधा दर्जन ऐसी याचिकाआें को भी इसमें शामिल कर लिया जिसमें पिछले आदेशों का पालन नहीं किया गया है । सतीश कुमार और महावीर की याचिकाआें में आरोप था कि मुंडका और नीलवाल गांवों में अवैध औद्योगिक इकाइयां बेरोकटोक चल रही हैं ।
इनमें प्लास्टिक, चमड़े, रबड़, मोटर इंजन तेल और अन्य अपशिष्ट पदार्थोंा को जलाने के कारण भारी प्रदूषण फैल रहा है । इन मामले में न्यायाधिकरण ने दिल्ली के मुख्य सचिव को संबंधित नगर पालिकाआें, पुलिस और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों के साथ समन्वय कर एनजीटी के आदेशोंका अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया था। आदेश के अनुसार मुख्य सचिव को माह में कम से कम एक बार समन्वय बैठक आदेशों के अनुपालन तक करनी थी ।
इससे पहले अक्टूबर में भी एनजीटी दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण पर रोक लगाने में कामयाब नहीं होने पर दिल्ली सरकार पर ५० करोड़ रूपए का जुर्माना लगाया था ।
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