बुधवार, 18 सितंबर 2019

पर्यावरण समाचार
चांद पर १९० टन कूड़ा कचरा पहुंच चुका है 

जिन घरो में कोई नहीं रहता, मकड़ियों के जाले बनाने का खतरा बना रहता है । चांद पर न घर है, न जीवन के कोई अंश और न मकड़ियां लेकिन कूड़ा-कचरा १९० टन पहुंच गया है । 
अमरीका के नील आर्म-स्ट्रांग चन्द्रमा पर पैर रखने वाले पहले धरतीवासी थे । साल था १९६९ और तारीख २१ जुलाई । पैर चन्द्रमा की मिट्टी पर रखने से पहले आर्मस्ट्रांग ने प्लास्टिक की एक बड़ी थैली चन्द्रमा पर फेंकी थी । वह थैली आर्मस्ट्रांग के सहयात्री बज एल्ड्रिन ने उन्हेंतब पकड़ाई थी, जब वे अंतरिक्षयान ईगल से नीचे उतरने की सीढ़ी पर खड़े थे । थैली में दोनों का मल-मूत्र और खाने-पीने की सामग्रियों आदि का कचरा था । यह ऐसा पहला कचरा था, जिसे किसी मनुष्य ने अपने हाथ से चन्द्रमा पर फेंका । संभवत: यह आज भी वहां ज्यों का त्यों पडा है । 
ईगल में जगह कम थी । कचरा फेकने से कुछ जगह खाली हो गई । चन्द्रमा पर पहुंचने की ५०वीं वर्षगांठ से कुछ ही पहले, बज एल्ड्रिन ने अपने एक ट्वीट में लिखा, जिस किसी को मेरी वह थैली कभी मिले, उसके प्रति में खेद प्रकट करता हॅूं । 
अतीत में  देखे १३सितम्बर १९५९ को सोवियत संघ का चन्द्रमा तक पहुंचने वाला पहला चन्द्रयान लूना २ टकराकर ध्वस्त हो गया था । उसके टुकड़े चन्द्रमा पर मनुष्य निर्मित पहला कचरा बने । अमेरीका, यूरोप, चीन, जापान और भारत के अब तक ३० से अधिक यान चन्द्रमा पर उतरे है या टकराकर नष्ट हो चुके है । 
अमरीकी अंतरिक्ष यात्रियों ने जो चीजें चांद पर छोड़ी उनमें शामिल है अंतिरक्त लैसों के साथ एक टीवी कैमरा, कई पाइप और ढक्कन, एक सुरक्षा कमरपट्टी, एक रिमोर्ट कन्ट्रोल, एक हथौड़ी और कॉम्बिने-शन प्लायर (पकड़/चिमटे) जैसे कई औजार । 

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