गुरुवार, 22 दिसंबर 2016

नर्मदा यात्रा
नर्मदा : आस्था से आजीविका तक 
प्रदीप पाण्डेय
भारत धार्मिक पर्व एवं त्यौहारों का देश है । अनादिकाल से परम्परा, आस्था और विश्वास समाज की पूंजी है । धर्म एवं भाषा अलग-अलग होते हुए भी मूल्य आधारित जीवन सृष्टि एवं पर्यावरण से लगाव यहाँ की जीवन पद्धति है । 
ऐसा ही एक सृष्टि और प्रकृति से जुड़ा प्रयास है नमामि देवि नर्मदे नर्मदा सरंक्षण यात्रा - २०१६ । हमारे मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा मध्यप्रदेश की जीवनदायिनी माँ नर्मदा को लेकर सृष्टि एवं मानव के कल्याण के लिए नमामि देवी नर्मदा सेवा यात्रा - २०१६ का संकल्प लिया है । 
यात्रा में देश धर्मध्वजा को लेकर चलने वाले संत-महात्मा, पूज्य शंकराचार्य जी, प्रवचनकार, साहित्यकार, पर्यावरणविद्, सामाजिक संगठन, देश के शीर्ष नेतागण, जल संरक्षण पर कार्य करने वाले विशेषज्ञ एवं इस माटी को माँ मानकर प्रणाम करने वाले सभी बन्धु एवं भगिनी इस पुनीत कार्य को समाज जागरण के साथ सफल बनाने का प्रयास करेगेंइस यात्रा में प्रति सप्तह मुख्यमंत्री जी एक दिन पदयात्रा में सम्मिलित होंगे । संत, समाज और सरकार के सहयोग से  चलने वाली यात्रा में पग-पग चलकर नर्मदा नदी के सभी पवित्र घाटों पर सेवारूपी कार्य करने का सौभाग्य प्राप्त् होगा । 
हमें जो यह सौभाग्य प्राप्त् हो रहा है, उसकी कार्य योजाना प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक वर्ष पूर्व ही बना ली थी । उनके चिंतन में, मनन में माँ नर्मदा की तस्वीर विराजमान थी कि कैसे हमें हमारी नर्मदा को संरक्षित एवं संवर्धित करना है । उनके द्वारा माँनर्मदा को लेकर सृष्टि एवं मानव के कल्याण के लिए नमामि देवि नर्मदा सेवा यात्रा २०१६ का संकल्प लिया गया है । 
यह यात्रा माँनर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक से ११ दिसम्बर २०१६ को प्रारंभ होकर मध्यप्रदेश के लगभग १६ जिलों के ५१ विकासखण्ड के ९७८ ग्रामों में कुल २०७७ कि.मी. (नदी के दोनों तटों पर) की यात्रा १४४ दिन में सम्पन्न होने जा रही है । उनकी इस संकल्पना का साकार रूप प्रदान करने में हमें पूरे तन-मन से सहयोग देना है । नमामि देवि नर्मदा नर्मदा सेवा यात्रा २०१६ के आयोजन से हमारे प्रदेश की जीवनदायिनी माँ नर्मदा को स्वच्छ औश्र वनाच्छादित करना है । समाज की सहभागिता और सार्वभौमिकता के आधार पर होने वाले इस ऐतिहासिक कार्य में न केवल हमारी जीवन रेखा नर्मदा नदी संरक्षित होगी बल्कि हमारे मानुष धर्म का एक कर्तव्य भी पूर्ण होगा । 
जन मानस की धार्मिक आस्था के अनुरूप यात्रा के बहुउद्देश्य सृष्टि एवं प्रकृति के लिये आने वाले समय में प्रेरणा देने का कार्य   करेगी । जन अभियान परिषद की टीम की मेहनत और लगन से परोपकार का यह अद्भूत कार्य सम्पन्न होगा । इस यात्रा के बाद भविष्य में जो परिणाम निकलेंगे उससे दुनिया में देश और प्रदेश की संस्कृति का वैभव बढ़ेगा । सेवा के इस कार्य से जुड़कर हम न केवल हमारा वर्तमान सुधारेगे अपितु हमारी भावी पीढ़ियों के लिये भी नया संदेश दे सकेंगे । 
इस यात्रा में समस्त जन प्रतिनिधि, मध्यप्रदेश के मंत्री, सांसद, विधायकगण, स्थानीय शासन संस्थाआें, जिला पंचायत, जनपद पंचायत, पार्षद, सरपंच सभी से सहयोग की अपेक्षा है । देश और दुनिया में यह यात्रा जन आन्दोलन के रूप में समाज और सरकार की जनभागीदारी के द्वारा एक मिशाल स्थापित करेगी । इससे हम सबका जीवन धन्य होगा । मानव एवं प्राणी के कल्याण का सपना साकार    होगा । 
यात्रा में मध्यप्रदेश शासन के सभी प्रशासनिक विभागों के अधिकारी सहयोग करते हुए आओ बनाये अपना मध्यप्रदेश के ९ बिन्दुआें (सबके लिये शिक्षा, सबसे लिये स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण, नशामुक्ति, जल संरक्षण, ऊर्जा संरक्षण, महिला सशक्तिकरण, समग्र स्वच्छता एवं कृषि को लाभकारी बनाना) के माध्यम से समाज में जन जागरण करेंगे । माँ नर्मदा की स्वच्छता दोनो तटों पर हरियाली चुनरी (फलदार वृक्ष) एवं धार्मिक महत्व को समाज के बीच स्थापित करेंगे । 
हमारे शास्त्रों में उल्लेखित है कि जल ही जीवन है । इस बात के महत्व को समझते हुए यह मात्रा दुनिया में विशाल बनेगी । 

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