सम्पादकीय
देश में बाघों की संख्या में ३० फीसदी की बढ़ोतरी
दुनिया में बाघों की आबादी घट रही है लेकिन हमारे देश में बढ़ रही है । भारत में दुनिया के कुल ७० फीसदी बाघ रहते हैं । देश में बाघों को सुरक्षित रखने के दुनिया के सबसे अच्छे तरीके अपनाए जा रहे हैं।
भारत में बाघों की तादाद बढ़ी है । पिछले चार वर्षोंा में भारत में बाघों की संख्या में ३० फीसदी की वृद्धि हुई है । दुनिया में अब सिर्फ ३२०० बाघ बचे हैं और उनमें आधे से ज्यादा भारत में हैं । बाघों की गिनती करने वाले अधिकारियों का कहना है कि २०१० में भारत में १७०६ बाघ थे लेकिन अब उनकी संख्या बढ़कर २२२६ हो गई है । तेज आर्थिक विकास चाह रहा भारत जंगली जानवरों के अवैध शिकार के अलावा जंगलोंके कम होने और जंगली जानवरोंके रहने की जगह खत्म होने की समस्या का भी सामना कर रहा है । देश में विलुप्त् होने के खतरे मेंपड़े जानवरों को शिकारियों और तस्करों से बचाने के लिए अभियानों में तेजी आयी है ।
दुनिया भर में तेजी से घटते बाघों का आधा से ज्यादा हिस्सा भारत में रहता है । एक अनुमान के अनुसार सौ साल पहले दुनिया में १००००० से ज्यादा बाघ थे जो अब ३२०० ही रह गया हैं । भारत ने राष्ट्रीय पशु की रक्षा के लिए कार्यक्रम शुरू किए हैं ताकि उन्हें विलुप्त् होने से बचाया जा सके ।बाघों की गिनती के लिए ९७०० कैमरे लगाए गए थे । अधिकारियोंके मुताबिक बाघों की आबादी वाले १८ राज्यों में ३७८००० वर्ग किलोमीटर इलाके में सर्वेक्षण किया गया । यहां बाघों की १५४० तस्वीरें ली गई । देश में कर्नाटक, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु और केरल में बाघों की संख्या बढ़ी हैं । इसके बावजूद भारत अभी भी २००२ के ३७०० के आंकड़े को छू नहीं पाया है । अनुमान है कि भारत की आजादी के समय १९४७ में देश में बाघों की संख्या ४०००० के करीब थी । भारत में हर चार साल पर बाघों की संख्या का आंकलन किया जाता है । बेहतर सुरक्षा की वजह से टाइगर रिजर्वोंा में बाघों के प्रजनन के मामलों में वृद्धि हुई है ।
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