मंगलवार, 17 जुलाई 2018

सामयिक
योग, व्यायाम और वायु प्रदूषण

आज  देश में वायु में प्रदूषण के साथ-साथ खाद्य वस्तुआें में मिलावट की जा  रही  है । दूध, तेल, दालों में मिलावट और फलों और सब्जियों में केमिकल का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है । शहरों में जल और वायु प्रदूषित हो चुके हैं ।  लोगों को मिलावट के जहर और प्रदूषण से निजात मिलने पर ही उन्हें योग और व्यायाम का प्रत्याशित  लाभ  मिल  पायेगा । 
योग एवं व्यायाम के कई फायदे बताये गये हंै जिनमें प्रमुख है निरोगी रहना तथा शारीरिक बल, आयु  एकाग्रता, प्राण शक्ति तथा मानसिक क्षमता आदि का बढ़ना । योग में कई प्रकार के आसन किये जाते हैंजिनमें से कुछ में ज्यादा से ज्यादा वायु फेफड़ों में भरकर एवं रोककर फिर वापस बाहर निकाली जाती  है । 

कई प्रकार के  व्यायाम करने के  बाद भी श्वसन क्रिया बढ़ जाती है जिससे ज्यादा वायुु फेफड़ों मंे पहंुचती है । योग एवं अन्य प्रकार के व्यायाम से होने वाले फायदे तभी संभव है जब फेफड़ांे में पहुंची वायु शुद्ध हो यानी प्रदूषण रहित । योग की कई क्रियाओं एवं व्यायाम का जब आरम्भ हुआ होगा तब मनुष्य का जीवन सरल, सादगीपूर्ण था एवं वायुमंडल में प्रदूषण न होने से वह स्वास्थ्यवर्धक तथा पोषक था । वर्तमान में प्रदूषण के कारण वायु मंडल भी रोगजन्य हो गया है । 
वायु प्रदूषण के संदर्भ में हमारे देश की स्थिति तो काफी निराशाजनक है क्योंकि अभी अभी दुनिया के २० सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में १४ हमारे देश के हैं । कई सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनों के अध्ययन दर्शाते है कि वायु प्रदूषण अब महानगरों तथा नगरों से होकर ग्रामीण क्षेत्रो में भी पहुंच गया हैं । 
वायु प्रदूषण की इन गहन परिस्थितियों में हमारे देश में योग एवं व्यायाम से स्वास्थ्य लाभ हो रहा है या नहीं इस पर शोध एवं अध्ययन किये जाने चाहिये । विदेशों में किये अध्ययनों के परिणाम दर्शाते हैंकि बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण लोगों के स्वास्थ्य में उतना लाभ नहीं हो रहा है जितना होना चाहिये । विश्व प्रसिद्ध लैंसेट पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया था कि वायु प्रदूषण के कारण मानव स्वास्थ्य पर योग एवं व्यायाम से होने वाले लाभ बेअसर हो रहे हैं । अध्ययन में बताया गया कि किसी व्यस्त यातायात वाली सड़क पर पैदा वायु प्रदूषण से कुछ समय तक सम्पर्क में रहने पर दो घंटे किये गये योग एवं व्यायाम का असर समाप्त हो जाता है । 
प्रात: काल की सैर (जॉगिंग) को वैसे तो स्वास्थ्य के लिए अच्छा बताया जाता है परंतु इजराइल के वैज्ञानिकों के अनुसार यह अर्द्धसत्य है । हैफा स्थित कार्मेल चिकित्सा केन्द्र के डॉ. एच. विटरमेन ने कुछ वर्षों पूर्व अपने साथियों सहित अध्ययन कर पाया कि शहरों में वायुप्रदूषण से स्वस्थ लोग भी जॉगिग के बाद तरोताजा एवं ऊर्जावान महसूस करने के बजाय थकावट व कमजोरी महसूस करते हैं । उन्होंने पाया कि प्रदूषित वातावरण या स्थान पर लोगों के स्वास्थ्य पर कार्बन मोनो आक्साइड गैस का सबसे अधिक दुष्प्रभाव होता है । 
यह गैस वाहनों तथा धूम्रपान से पैदा धुंए में पायी जाती है एवं मानव रक्त (ब्लड) से मिलकर उसकी प्राणवायु (ऑक्सीजन) धारण करने की क्षमता को घटा देती है । गैस के साथ शरीर में पहुंचे महीन कण (पीएम-१० तथा २.५) भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं । ड्यूक वि.वि. (अमेरिका) के प्रोफेसर डॉ. जे.झांग के अनुसार वाहनों से निकले धुंए के सम्पर्क में आने से हृदय एवं फेफड़ों पर विपरीत प्रभाव होता है । अधिक आयु के लोग (वृद्ध या वरिष्ठ नागरिक) टहलने या घूमने को ही अच्छा व्यायाम मानते हैं । परंतु अब वायुप्रदूषण से यह भी अच्छा नहीं रहा है । 
ब्रिटेन में दो वर्ष पूर्व २०१६ में एक सौ से ज्यादा अधिक आयु के लोगों पर अध्ययन किया गया । इन लोगों को भारी यातायात के समय आक्सफोर्ड रोड पर कुछ समय तक घूमने को कहा गया । बाद में मेडिकल टेस्ट में पाया गया कि घूमने का कोई लाभ स्वास्थ पर नहीं हुआ परंतु सड़क के वायु प्रदूषण ने शरीर पर अपना प्रभाव जरूर बताया । प्रदूषण से खून की धमनियां व मांसपेशियां बजाय लचीली होने के कार्बन कणों के जमा होने से कठोर हो गयीं । जर्मनी के कुछ वैज्ञानिक तथा चिकित्सकांे ने अपने कुछ प्रारम्भिक अध्ययन में पाया है कि उन लोगों को भी योग तथा व्यायाम का ज्यादा लाभ नहीं मिलता है जो अपने वाहनों से लम्बी दूरियां तयकरकिसी हरे-भरे स्थान पर ये क्रियाएं या आसन करने  जाते हैं । 
इसका कारण यह बताया गया कि रास्ते का प्रदूषण स्वास्थ्य लाभ को लगभग निष्क्रिय कर देता है। इन सारे अध्ययनों से यह स्पष्ट हो जाता है बढ़ता एवं फैलता वायु प्रदूषण योग एवं व्यायाम से फायदों को कम कर रहा है । इन फायदों को ज्यादा लेने के लिए योग एवं व्यायाम ऐसे स्थानों पर या ऐसे समय किये जावे जब वायु प्रदूषण न्यूनतम हो । योग एवं व्यायाम के समय मास्क का उपयोग भी फायदेमंद हो सकता है । 
पर्यावरण वैज्ञानिकों का सुझाव है कि जो लोग योग एवं व्यायाम से पूरा स्वास्थ्य लाभ लेना चाहते हैं उन्हें वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए भी आगे आकर कार्य करना  चाहिये ।

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