बुधवार, 15 जुलाई 2015

पर्यावरण समाचार
शेरों के लिए पूरी तरह सुरक्षित है कूनो
बाढ़ से मर रहे गुजरात के शेरोंको मध्यप्रदेश में सुरक्षित ठिकाना दिलाए जाने की कवायद को देश के आला वन्यजीव वैज्ञानिकों की ओर से भी बल मिला है । उच्च्तम न्यायालय ने इस बारे में दो साल पहले फैसला दिया था जिसके बाद भी गुजरात सरकार की आनाकानी के कारण एक भी शेर म.प्र. नहीं आ सका है । 
केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने गुजरात के गिर के शेरों को म.प्र. के श्योपुर जिले के कूनो अभयारण्य में लाने के मुद्दे पर देहरादून स्थित भारतीय वन्यप्राणी संस्थान के वैज्ञानिकों से रिपोर्ट मांगते हुए पूछा था कि कूनो गिर के शेरों के लिए सुरक्षित है या नहीं । संस्थान के वैज्ञानिकों ने जमीनी आंकलन के बाद मंत्रालय को दी गई अपनी रिपोर्ट में कूनो को शेरोंके रहवास के लिए पूरी तरह सुरक्षित और अनुकूल बताया है । 
अभयारण्य के उच्च् पदस्थ सूत्रों ने बताया कि साल की शुरूआत में केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने देहरादून के संस्थान से कूनो को शेरोंके लिए सुरक्षित होने संबंधित रिपोर्ट मांगी थी । आंकलन के लिए संस्थान के दो आला वैज्ञानिक कुछ महीने पहले कूनो आए और लम्बे समय तक यहां रूककर यहां की मैदानी परिस्थितियों का आंकलन किया । 
सूत्रों के मुताबिक हाल ही में वैज्ञानिकों ने अपनी रिपोर्ट केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को सौंपी है । इसमें कहा गया है कि कूनोगिर के शेरोंके रहवास के लिए पूर्ण रूप से सुरक्षित है और यहां एक समय में लगभग ४० से भी ज्यादा शेर रहकर अपने कुनबे मेंवृद्धि कर सकते हैं । 
रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि २००६-०७ मेंवैज्ञानिकों ने कूनोमें तेन्दुआें की संख्या तीन पाई थी, जो २०१४ के अंत मेंबढ़कर ३८ हो गई है । इसके अलावा यहां अन्य प्राणियोंकी संख्या में भी खासा इजाफा हुआ है । इस लिहाज से भी कहा जा सकता है कि कूनोशेरोंके लिए पूरी तरह सुरक्षित  है । उन्होनें बताया कि ये रिपोर्ट गिर में पिछले दिनोंआई बाढ़ से हुई १५ से ज्यादा शेरों की मौत और कई के लापता होेने की घटना के पहले केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय को दे दी गई थी । शेरोंकी मौत के बाद इस रिपोर्ट की अनुशंसाआें को और बल मिलने की संभावना है । 

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