पर्यावरण समाचार
मतदाता का नाम हटाने से पहले सूचित किया जाए
केन्द्रीय सूचना आयोग ने दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) को निर्देश दिया है कि वह मतदाता सूची से नामों को हटाने से पहले के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश तैयार करे और जिन मतदाताआें का नाम हटाया जाना प्रस्तावित है उन्हें अपना मामला पेश करने का अवसर दिया जाए ।
आयोग ने सीईओ को निर्देश दिया कि वह सुमित नाम के एक व्यक्ति को १० हजार रूपये का मुआवजा दे जिसका नाम मतदाता सूची से उसे सूचित किए बिना नाम हटा दिया गया । हालांकि उसने अपना आवासीय पता नहीं बदला था । वह यहां २०१५ के विधानसभा चुनाव में मतदान नहीं कर सका ।
सूचना आयुक्त श्रीधर आचायरूलू ने कहा मतदाता को यह जानने का अधिकार है कि उसका नाम हटा दिया गया है और मतदाता सूची से उसका नाम हटाने के कारण को भी जानने का उसे अधिकार है । उन्होनें कहा, इस तरह का मनमाना फैसला और नाम हटाए जाने के बाद भी सूचना नहीं देना, उसके बाद नाम हटाने के लिए आरटीआई अनुरोध पर कोई भी जवाब न देना निश्चित तौर पर बेहद महत्वपूर्ण संवैधानिक और मतदान के वैधानिक अधिकार और सूचना के अधिकार कानून के तहत सूचना के अधिकार से वंचित करना है ।
सीईओ कार्यालय के सीपीआईओ को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए आयोग ने पूछा कि सूचना नहीं देने के लिए क्योंन जुर्माना लगाना चाहिए । आचायरूलू ने आयोग को यह भी निर्देश दिया कि वह अपीलकर्ता को मतदाता सूची से उसके नाम हटाने के कारणों के बारे में जानकारी दी और यह भी बताए कि क्या इस मामले में कोई जांच की गई थी ।
उन्होंने सीईओ कार्यालय से अगर इस तरह की कोई जांच नहीं हुई है तो मामले की जांच भी कराने को कहा और अपीलकर्ता को यह सूचित करने को कहा कि नाम हटाने के लिए जिम्मेदार अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्रवाई की जानी प्रस्तावित है ।
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