सम्पादकीय
दुनिया का पहला सोलर पॉवर्ड एयरपोर्ट
केरल का कोिच्च् इंटरनेशनल एयरपोर्ट पूरी तरह से सौर ऊर्जा से चलने वाला दुनिया का पहला एयरपोर्ट बन गया है । यहां ४५ एकड़ कार्गो एरिया में करीब ४७ हजार सोलर पैनल लगाए गए है । इससे हर दिन करीब ५० से ६० हजार यूनिट बिजली मिलेगी । ये सौर ऊर्जा आने वाले समय में ३ लाख मैट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन रोकेगी । जो करीब ३० लाख पेड़ लगाने के बराबर है । सोलर एयरपोर्ट वीजे कुरियन की दिमाग की उपज है । कुरियन कोिच्च् इंटरनेशनल एयरपोर्ट के मैनेजिंग डायरेक्टर है । सन् १९९२ में एयरपोर्ट का प्रोजेक्ट बना था । जमीन चुनने से लेकर कब्जा लेने में राजनीतिक गतिरोध, मुकदमेबाजी, फंड की कमी... जैसी तमाम दिक्कतों को दूर किया । फंड की कमी की वजह से प्रोजेक्ट रद्दी की टोकरी मेंजाने के कगार पर था । वहां से निकालने के लिए पीपीपी का आइडिया दिया ।
एक समय सीआईएएल प्रोजेक्ट की लागत एक हजार करोड़ रूपए आंकी गई थी । एक विदेशी कंपनी ने तो सिर्फ निर्माण कार्योके लिए ५०० करोड़ से ज्यादा का टेंडर दिया था । लेकिन कुरियन ने यह प्रोेजेक्ट ३०० करोड़ रूपए से भी कम में पूरा किया । उन्होनें बड़े-बड़े कंस्ट्रक्शन कार्यो को छोटी-छोटी कंपनियों में बांटा और लागत को सीमित रखा गया ।
कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने के लिए कुरियन ने बोर्ड की मदद से कर्मचारियों को शेयर दिए । शुरूआत में कुछ लोग हिचके । लेकिन कंपनी की वित्तीय स्थिति सुधरी तो कर्मचारियों को भी लाभ हुआ । इससे युनियनबाजी खत्म करने में भी मदद मिली । कोिच्च् एयरपोर्ट की संघर्ष गाथा में वीजे कुरियन के प्रयासों पर आइ्रआईएम कोझिकोड के दो प्रोफेसर डॉ.पी रमेशन और डॉ. एस जेयावेलू ने ६२ पेज की केस स्टडी तैयार की है । यह स्टडी बताती है कि कुरियन ने किस तरह मजबूत इरादों के दम पर विश्वपटल पर कोिच्च् एयरपोर्ट को स्थान दिलाया ।
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